Friday, October 18, 2024
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बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास में अति सहायक होतीं हैं समर वर्कशॉप्स : अनीशा श्रीवास्तव

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चंडीगढ़ ( हेमंत शर्मा) । प्रति वर्ष स्कूलों की गर्मियों की छुट्टियों के दौरान चंडीगढ़ प्रेस क्लब द्वारा क्लब के सदस्यों के बच्चों के लिए 14 दिवसीय समर वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है। इसी सिलसिले में रविवार से ये समर वर्कशॉप शुरू हुई जिसका शुभारम्भ चंडीगढ़ की एडिशनल डिप्टी कमिश्नर आईएएस अधिकारी अनीशा श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समर वर्कशॉप्स बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास में अति सहायक सिद्ध होतीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माता-पिता को इन समर वर्कशॉप्स में अधिकाधिक संख्या में अपने बच्चों को अवश्य भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि ग्रीष्म कालीन अवकाशों में इससे बढ़िया समय का सदुपयोग और कहीं नहीं हो सकता। उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब के इस प्रयास की सराहना भी की।
क्लब के पदाधिकारियों दुष्यंत पुंडिर, अजय जालंधरी, अमनप्रीत सिंह व अंकुश महाजन ने इस मौके पर क्लब का प्रतीक चिन्ह देकर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष नलिन आचार्य ने इस मौके पर कहा कि क्लब द्वारा पिछले कई वर्षों से क्लब के सदस्यों के बच्चो के लिए ये वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इससे जहां एक तरफ सदस्यों के बच्चों को कुछ नया सीखने व जानने को मिलता है वहीँ दूसरी तरह क्लब के सदस्यों के बच्चों को आपस में एक दूसरे से मेल-मिलाप का भी अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि लगभग सौ बच्चों ने इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए आवेदन किया है।

एनआईआईएफटी के टेक्सटाइल डिज़ाइन स्टूडेंट्स ने ‘सुव्यान 2024’ में अपनी क्रिएटिविटी दिखाई

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चंडीगढ़ ( संवाद टाइम्स) । द नॉर्दन इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी(एनआईआईएफटी) मोहाली, पंजाब सरकार द्वारा स्थापित और आईके गुजराल पीटीयू, कपूरथला से एफिलिएटेड, के टेक्सटाइल डिजाइन डिपार्टमेंट के ग्रेजुएटिंग स्टूडेंट्स ने रविवार को अपने फाइनल डिजाइन कलेक्शन को पेश किया। स्टूडेंट्स ने चंडीगढ़ स्थित होटल शिवालिक व्यू में ‘सुव्यान ‘24’ नामक एक डिस्प्ले एग्जीबिशन आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी से तैयार किए गए खूबसूरत डिजाइंस को पेश किया । स्टूडेंट्स को तीन साल की गहन स्टडी और लगातार किए गए प्रयासों का समापन वार्षिक फाइनल ग्रेजुएशन शोकेस – ‘सुव्यान ‘24’ में हुआ। इस वर्ष ‘सुव्यान’ ने टेक्सटाइल डिज़ाइन डिपार्टमेंट के ग्रेजुएटिंग स्टूडेंट्स द्वारा 25 कलेक्शन पेश किए गए । इन कलेक्शंस में एपेरल्स, एक्सेसरीज और होम फर्निशिंग उत्पाद शामिल थे। सभी उत्पादों को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार एकदम नए, ट्रेंडिंग और यूनिक थीम को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।
आयोजन के मुख्य अतिथि देविंदर पाल सिंह खरबंदा, आईएएस, डायरेक्टर, इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, पंजाब सरकार और डायरेक्टर जनरल , एनआईआईएफटी ने इस अवसर पर उपस्थित होकर स्टूडेंट्स की कड़ी मेहनत और प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनआईआईएफटी द्वारा स्टूडेंट्स को फैशन के क्षेत्र में प्रोफेशनल विशेषज्ञता प्राप्त करके आगे बढ़ने के लिए एक प्रभावी प्लेटफॉर्म प्रदान करना एक खुशी की बात है। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ.कनु थिंड, पीसीएस, डायरेक्टर, एनआईआईएफटी ने कहा कि हर साल ‘सुव्यान’ स्टूडेंट्स के यूनिक कलेक्शन प्रस्तुत करता है और इन्हें क्रिएटिवि एक्सीलेंस के एक भव्य शो में प्रदर्शित करता है। ‘सुव्यान’ टेक्सटाइल इंडस्ट्री से संबंधित कंपनियों को आकर्षित करने और उनके साथ संबंध बनाने के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है। रजिस्ट्रार अर्शजीत एनआईआईएफटी ने कहा कि “टेक्सटाइल इंडस्ट्री, गारमेंट डेवलपमेंट का मूल और आवश्यक तत्व है। यह गर्व की बात है कि एनआईआईएफटी इस क्षेत्र में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स इन्डस्ट्री को प्रदान करता है।
एनआईआईएफटी प्रिंसिपल डॉ.सिमरिता सिंह ने कहा कि “‘सुव्यान’ टेक्सटाइल सेक्टर में नए ट्रेंड्स को प्रदर्शित करने के लिए एक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। हमारे स्टूडेंट्स ने कुछ बेहतरीन डिजाइन बनाए हैं, जिन्होंने सभी विजिटर्स का ध्यान आकर्षित किया । टेक्सटाइल डिजाइन विभाग की कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. श्वेता शर्मा ने कहा कि सुव्यान मेरे दिल के बहुत करीब है। स्टूडेंट्स खूबसूरत कलेक्शंस बनाने में अपना बेस्ट देते हैं, जिन्हें आखिरकार इंडस्ट्री द्वारा मान्यता दी जाती है।इस मौके पर टेक्सटाइल डिजाइन अवॉर्ड्स भी दिए गए। बेस्ट डिजाइन कलेक्शन का अवॉर्ड आरिफा निगार को मिला, निशा के कलेक्शन को ‘मोस्ट इनोवेटिव’ घोषित किया गया, सृजल कश्यप के कलेक्शन को ‘मोस्ट कमर्शियल’, मधुलिका को ‘बेस्ट डिजाइन मेथाडलॉजी’ का अवॉर्ड मिला और ‘स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड’ शिवानी और आरुषि को मिला।
अवॉर्ड्स के लिए कलेक्शंस का मूल्यांकन करने वाली प्रतिष्ठित ज्यूरी में कला पारखी, टेक्सटाइल डिजाइनर्स और इंडस्ट्री विशेषज्ञ शामिल थे। ज्यूरी के संबंधित सदस्य संजय कुलश्रेष्ठ, वाइस प्रेसिडेंट (वोवन), नाहर इंडस्ट्रीज, लालड़ू और रविता कोहली, सीनियर डिजाइनर, वर्धमान इंडस्ट्रीज, बद्दी थे। फैकेल्टी सदस्य डॉ श्वेता शर्मा, एचओडी-टेक्सटाइल डिजाइन डिपार्टमेंट और डॉ मीता गावरी -एचओडी, फैशन मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट (एफएमएम) ने स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करने और उन्हें सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उल्लेखनीय है कि प्रत्येक स्टूडेंट ने 5 महीने की अवधि के लिए एक इंडस्ट्रियल ग्राहक के साथ काम किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके व्यक्तिगत कलेक्शन और डिजाइन वर्क का विकास हुआ। ये इंडस्ट्री नाहर फैब्रिक्स, गौरिका फैब्रिक्स, जवांड्संस प्राइवेट लिमिटेड, कावसेट्स,सोल वीव्स,रतन टेक्सटाइल,राज ओवरसीज, वर्धमान,पनाश इंटरनेशनल,लाज इंटरनेशनल,सेंटेक्स, रेशमा क्रिएशन्स,ट्राइडेंट आदि थे।

नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उत्तराखंड प्रकोष्ठ ने बांटे लड्डू और लोगों को दी बधाई

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चंडीगढ़ । भाजपा चंडीगढ़ के उत्तराखंड प्रकोष्ठ ने नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर एक दूसरे को लड्डू खिलाने के उपरांत बधाई दी, साथ ही सेक्टर -45 वा 46 मार्किट में दुकानदारों को लड्डू बाटें और खुशी का जश्न मनाया। यह आयोजन भाजपा चंडीगढ़ के उत्तराखंड प्रकोष्ठ के संयोजक भूपिंदर शर्मा के नेतृत्व में आयोजित किया गया था, जिसमें भाजपा के समर्थक व महिलाएं मौजूद रही।
इस अवसर पर भूपिंदर शर्मा ने कहा कि यह सभी के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का तीसरी बार नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में देश का विकास किया है और अब देश विकास की पथ पर ओर अधिक अग्रसर होगा।
उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी का भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है।

समर्पण और तत्परता के बल पर शत प्रतिशत पौधरोपण सफल : प्रभुनाथ शाही

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चंडीगढ़ ( हरजिंदर सिंह, सोनू) । जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन के संस्थापक और पूर्व फॉरेस्टर प्रभुनाथ शाही ने जैन स्थानक मोहाली में स्थित हरियावल वाटिका से पौधरोपण को शत प्रतिशत सफल बनाने के मंत्र दिए।उन्होंने बताया कि इस महावीर वाटिका की शुरुआत पिछले साल विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को किया गया और 17 जुलाई को पौधरोपण पूरा किया गया तथा आज 250 से भी अधिक पौधों के साथ यह पवित्र वाटिका भगवान महावीर के चरणों में शत प्रतिशत सफलता के साथ समर्पित है।
शाही ने बताया कि इस वर्ष से वाटिका के वर्षगांठ मनाने की शुरुआत होगी और नये वाटिकाओं को विकसित किया जाएगा,जिनकी तैयारी चल रही हैं। इस पुनीत कार्य में सहयोग के लिए उन्होंने अपने सहयोगी संस्थाओं जिसमें एसएस जैन सभा मोहाली,विहंगम योग संस्थान,हरियावल पंजाब,श्री त्रिशक्ति मन्दिर,गायत्री परिवार,महावीर इंटरनेशनल,पूर्वांचल परिवार एवं ट्राइसिटी के विभिन्न शिक्षण संस्थान का सादर धन्यवाद किया ।

दीपक शर्मा ने सेक्टर 32 में बिजली की समस्या का हल करवाया, लगवाया अस्थाई ट्रांसफार्मर

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चंडीगढ़ (हेमंत शर्मा)। टेंनामेंट कालोनी सेक्टर 32 सी में अस्थाई तौर पर ट्रांसफार्मर लगाकर लोगों को समर्पित किया गया। वार्ड प्रेसिडेंट दीपक शर्मा ने बताया कि काफी समय से सेक्टर 32 सी टेंनामेंट कॉलोनी में इलेक्ट्रिसिटी लोड कैपेसिटी कम होने के कारण बिजली की समस्या चली आ रही थी। जिसके कारण इलेक्ट्रिकल उपकरण सही ढंग से नहीं चल पा रहे थे। इस समस्या का हल करवाने में हम कामयाब रहे । उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से 10-10 घंटे तक टेंनामेंट कॉलोनी सेक्टर 32 सी की लाइट जा रही थी। इलेक्ट्रिसिटी लोड कैपेसिटी कम होने के कारण स्थानीय लोग काफी परेशान थे। समस्या की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी के वार्ड अध्यक्ष ने इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के एससी अनिल धमीजा के संज्ञान में विषय को लाया गया। इसके बाद तुरंत अनिल धमीजा और उनकी टीम ने अस्थाई तौर पर ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही कार्य की शुरुआत हो गई है।

जिसके चलते शनिवार को ट्रांसफार्मर भी लगा दिया गया हैं। वहीं समस्या के समाधान के बाद अब स्थानीय लोगों को बिजली की समस्या से निजात मिलेगी। अंत में सेक्टर 32 सी के लोगों ने दीपक शर्मा का धन्यवाद किया जिनके कारण यह कार्य संभव हो सका। दीपक शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता हमेशा लोगों की सेवा के लिए तैयार रहता है। चाहे कैसी भी परिस्थिति में हो।

धूम्रपान, अत्यधिक रेडिएशन एक्सपोज़र से बचकर ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है: डॉ. विनीत सग्गर

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चंडीगढ़ (हेमंत शर्मा ) । ब्रेन ट्यूमर सभी कैंसरों का लगभग 2 प्रतिशत है। दुनिया भर में हर दिन ब्रेन ट्यूमर के लगभग पांच सौ नए मामलों का निदान किया जाता है और उनमें से अधिकांश वंशानुगत नहीं होते हैं। ब्रेन ट्यूमर हर उम्र में हो सकता है और अब तक, इसकी उत्पत्ति का कोई निश्चित कारण नहीं पाया गया है और न ही ऐसे कोई विशिष्ट निवारक उपाय किए गए हैं जो इसे रोकने के लिए किए जा सकें। वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की पूर्व संध्या पर जानकारी साझा करते हुए आईवीवाई अस्पताल, मोहाली में न्यूरोसर्जरी और न्यूरो इंटरवेंशन के डायरेक्टर डॉ. विनीत सग्गर ने कहा कि धूम्रपान और अत्यधिक रेडिएशन एक्सपोज़र जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचकर ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है। न्यूरोसर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह रंधावा ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर विनाशकारी घाव हैं जो शरीर के नर्व सेन्टर को प्रभावित करते हैं। “हमारे सभी कार्य, खाने से लेकर बोलने, चलने आदि तक और हमारी सभी भावनाएँ, प्यार से लेकर नफरत तक, ब्रेन, रीढ़ की हड्डी और नर्व सेन्टर द्वारा नियंत्रित होते हैं जो आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। ब्रेन एक कठोर स्कल में स्थित होता है और स्कल के अंदर टिशू की असामान्य वृद्धि से ट्यूमर का निर्माण होता है जो आसपास के सामान्य टिशूज पर दबाव का कारण बनता है।
आईवीवाई के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि अब उन्नत तकनीकों ने न्यूरो विशेषज्ञों के लिए उन क्षेत्रों में उद्यम करना संभव बना दिया है, जिन्हें लंबे समय तक पहुंच से बाहर माना जाता था या जिनमें चोट के जोखिम का स्तर अस्वीकार्य था। न्यूरो नेविगेशन आजकल सभी प्रकार की जटिल न्यूरो सर्जरी के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन गया है। डॉ. प्रदीप ने कहा कि न्यूरोनेविगेशनल ने 4-5 वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है और इस प्रकार यह सर्जरी के दौरान एक अत्यधिक प्रभावी उपकरण बन गया है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. स्वाति गर्ग ने कहा कि ट्यूमर कैन्सरस या नॉन-कैन्सरस हो सकते हैं। कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर, ज्यादातर, ब्रेन पदार्थ (आंतरिक) से उत्पन्न होते हैं और केवल अलग-अलग समय के लिए और उपलब्ध उपचार के सभी विभिन्न तरीकों का उपयोग करने के बाद ही नियंत्रित किया जा सकता है।
दूसरी ओर, नॉन-कैन्सरस ट्यूमर ज्यादातर ब्रेन के आसपास की संरचनाओं (बाहरी) से उत्पन्न होते हैं। उन्हें शल्य चिकित्सा द्वारा सफलतापूर्वक हटाया जा सकता है और, एक बार पूरी तरह से हटा दिए जाने के बाद, वे अधिकतर दोबारा नहीं होते हैं। उनमें से कुछ का इलाज स्टीरियोटैक्टिक रूप से निर्देशित रेडियोथेरेपी का उपयोग करके प्रभावी ढंग से किया जा सकता है, खासकर जब ट्यूमर का आकार छोटा होने पर जल्दी निदान किया जाता है। डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि भारत में ब्रेन ट्यूमर की घटना और व्यापकता तेजी से बढ़ रही है। हर साल 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है जिससे जीवन प्रत्याशा 20 साल कम हो जाती है।

बानी जीवन की चुनौतियों को दूर करते हुए आसमान की ऊंचाइयां छूने के सफर पर निकली

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सोनी सब ने ‘बादल पे पांव है’ की घोषणा की

चंड़ीगढ़ (हेमंत शर्मा) । अगर महिलाएं अपने जीवन में महत्वाकांक्षा रखती हैं, तो उन्हें अक्सर “लालची” करार दिया जाता है, और सोनी सब का आगामी और बहुप्रतीक्षित शो बादल पे पांव है बानी (अमनदीप द्वारा अभिनीत) की प्रेरक कहानी से इस पुरानी सोच को तोड़ने के लिए तैयार है, जो सभी बाधाओं के बावजूद अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए कड़ी मेहनत करती है। टेलीविज़न पर एक परिवर्तनकारी शो, जो व्यक्ति द्वारा अपनी नई सीमाएं गढ़ने और बेहतर जीवन पाने का प्रयास करने के एक साहसिक और प्रासंगिक विषय पर प्रकाश डालता है, ‘बादल पे पांव है’ का निर्माण पावरहाउस निर्माता जोड़ी, सरगुन मेहता और रवि दुबे ने किया है।
यह शो एक मध्यमवर्गीय लड़की बानी की कहानी है, जो अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती है, फिर भी उसकी आकांक्षाएं उनके जीवन में आने वाली बाधाओं से बड़ी हैं। एक उत्साही और महत्वाकांक्षी लड़की, बानी का मानना है कि बेहतर जीवन चाहना कोई नकारात्मक गुण नहीं है, बल्कि व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने और अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। जैसे-जैसे बानी की आकांक्षाएं बढ़ती हैं, वह अनजाने में शेयर मार्केट और ट्रेडिंग की डायनेमिक व अक्सर पुरुष-प्रधान दुनिया में कदम रखती है। ‘बादल पे पांव है’ उसके बलिदानों, संघर्षों और एक बार में एक साहसिक कदम उठाते हुए अपने सपनों को हकीकत में बदलने की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
पंजाब की उत्साही और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पृष्ठभूमि पर आधारित, बानी का किरदार उसकी मातृभूमि की परंपराओं और आदर्शों पर गहनता से निहित है। बानी अपने प्रभावशाली आशावाद और दृढ़ भावना से दर्शकों को इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि उन्हें अपने सामने आने वाली बाधाओं से हारे बिना अपने सपनों को फॉलो करने के लिए प्रेरित करेगी।
‘बादल पे पांव है’ की निर्माता सरगुन मेहता ने इस शो को लेकर बताया “’बादल पे पांव है’ का निर्माण मेरे लिए बेहद संतुष्टिदायक सफर रहा है। यह शो मेरे दिल के करीब है क्योंकि यह दृढ़ता और उम्मीद की भावना का प्रतीक है। साथ ही, मैं इस बात को लेकर भी बहुत उत्सुक थी कि कैसे इतनी सारी महिलाओं ने स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखा है, जिस करियर में ज्यादातर पुरुषों का वर्चस्व रहा है, और मैं इस विषय पर टेलीविज़न में एक कहानी लाना चाहती थी। मेरा पंजाब से गहरा नाता है और हम इस जगह की भावना, इसकी संस्कृति और इसके लोगों को कैप्चर करना चाहते थे। असली लोकेशंस पर शूटिंग करने से शो में प्रामाणिकता आई है, जो मेरे ख्याल से दर्शकों के दिलों को छू जाएगी। मुझे उम्मीद है कि यह कहानी हमारे दर्शकों को पसंद आएगी, और उन्हें खुद पर और अपने सपनों पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करेगी।”
बानी अरोड़ा के रूप में अमनदीप सिद्धू ने अपने किरदार को लेकर बताया “‘बादल पे पांव है’ जैसे पंजाब पर आधारित शो का हिस्सा बनकर घर आने जैसा लग रहा है। एक सरदारनी के रूप में, यह संस्कृति, उच्चारण और बारीकियां मेरे लिए दूसरा स्वभाव हैं, जिसने बानी का किरदार निभाना वाकई एक फायदेमंद अनुभव बना दिया है। असली लोकेशंस और पंजाब के खूबसूरत खेतों में की गई शूटिंग ने शो में प्रामाणिकता का स्तर बढ़ा दिया है, और मैं हर पल का भरपूर आनंद ले रही हूं। मुश्किलों को दूर करने और अपने सपनों को फॉलो करने को लेकर बानी का अटूट साहस और दृढ़ संकल्प मुझे गहराई से प्रभावित करता है। मेरा मानना है कि उसकी कहानी दर्शकों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी, चाहे वे कितने भी मुश्किल क्यों न लगें।
‘बादल पे पांव है’ देखते रहें, जो 10 जून से हर सोमवार से शनिवार शाम 7:30 बजे प्रसारित होगा, केवल सोनी सब पर।

पेड़ो के रखरखाव के लिए चलाया जनजागरण अभियान

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चंडीगढ़ (हेमंत शर्मा ) । स्मार्ट सिटी में जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन ने पेड़ो के रखरखाव के लिए जनजागरण अभियान चलाया है । फाउंडेशन ने पेड़ो की जड़ो में चूहों के हमले का मुद्दा उठाते हुए,पेड़ो के नीचे खाने पीने की चीजों और धार्मिक सामग्रियों को नहीं रखने का आग्रह किया है । फाउंडेशन के संस्थापक प्रभुनाथ शाही ने बताया कि ट्री एंबुलेंस का भी सहयोग इस कार्य में लिया जा रहा है। वहीं प्रशासन और आम जनता से भी इन प्राणवायु देने वाले जीवन के आधार पेड़ों को बचाने का आग्रह किया गया है । वातावरण में बदलाव को देखते हुए आइये हम सभी मिलकर पेड़ लगाये और पेड़ बचायें।

One response to “पेड़ो के रखरखाव के लिए चलाया जनजागरण अभियान”

  1. Subash Chaudhary Avatar
    Subash Chaudhary

    We should have grow more trees to save our earth and children for better future.

    Good initiative sir keep going.

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विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस लगातार सिरदर्द, चक्कर आना और हाथ-पैरों में कमजोरी की गहन जांच होनी चाहिए: डॉ. हरमनदीप बराड़

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स ) । ब्रेन ट्यूमर एक न्यूरोलॉजिकल विकार है और हर साल दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी और इससे जुड़ी जटिलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्रीज ने कहा है कि भारत में हर साल लगभग 28,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है और इस बीमारी के कारण हर साल 24,000 से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में ब्रेन ट्यूमर की घटनाएँ प्रति 100000 जनसंख्या पर लगभग 5-10 हैं ।फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के न्यूरो सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. (लेफ्टिनेंट कर्नल) हरमनदीप सिंह बराड़ ने एक एडवाइजरी के माध्यम से शहरवासियों को ब्रेन ट्यूमर और इसके उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. बराड़ ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क या उसके आवरण में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है, “यह घातक (कैंसरयुक्त) या सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) हो सकता है। केवल एक तिहाई (27.9 प्रतिशत) ब्रेन ट्यूमर घातक होते हैं। यह प्राथमिक सीएनएस ट्यूमर या सेकेंडरी ट्यूमर हो सकता है। सामान्य जोखिम कारक पर चर्चा करते हुए डॉ. बराड़ ने बताया कि यह आनुवंशिक या वंशानुगत हो सकता है। लगभग 5-10 फ़ीसदी रोगियों में ब्रेन ट्यूमर का सकारात्मक पारिवारिक इतिहास होता है। हाई रेडिएशन के संपर्क में आने से ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है लेकिन यह जीवन के पांचवें और छठे दशक में अधिक आम है। घातक (कैंसरयुक्त) ट्यूमर पुरुषों में अधिक आम हैं और सौम्य घाव अक्सर महिलाओं में होते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि ब्रेन ट्यूमर के चेतावनी संकेत आकार, स्थान और उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं, डॉ. बराड़ ने बताया कि सबसे आम लक्षणों में सिरदर्द शामिल है, जो सुबह के समय गंभीर होता है, और उल्टी के साथ जुड़ा होता है। व्यक्ति को दौरे या फिट, हाथ या पैर में कमजोरी या सुन्नता (लकवा), बोलने में गड़बड़ी, दृष्टि की समस्या, सुनने की समस्या, निगलने में कठिनाई और चलते समय असंतुलन या चक्कर का अनुभव भी हो सकता है। इस बात पर चर्चा करते हुए कि ब्रेन ट्यूमर का निदान सिरदर्द या दौरे जैसे नैदानिक ​​लक्षणों की उपस्थिति पर निर्भर करता है, डॉ. बरार ने कहा कि सिर की एनसीसीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) और ब्रेन की कंट्रास्ट एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) जैसी न्यूरोलॉजिकल जांच और रेडियोलॉजिकल जांच के साथ-साथ अन्य संबंधित लक्षण बीमारी का पता लगाने में मदद कर सकते हैं । उपचार विकल्पों में सर्जरी, बायोप्सी, ट्यूमर को निकालने के लिए क्रैनियोटॉमी और सबसे उन्नत न्यूरोनेविगेशन-आधारित सर्जरी शामिल है, जो सामान्य ब्रेन टिश्यू को नुकसान पहुँचाए बिना ट्यूमर को ठीक से निकाल सकती है। ट्यूमर के प्रकार के आधार पर, कीमोथेरेपी और रेडियेशन चिकित्सा का उपयोग अकेले या सर्जिकल प्रबंधन के सहायक के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि ब्रेन ट्यूमर को रोका नहीं जा सकता लेकिन स्वस्थ जीवन शैली, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, स्वास्थ्य जांच और अनावश्यक जोखिम जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचने से शुरुआती पहचान और उपचार में मदद मिल सकती है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर पीजीआई परिसर में लगाया अशोक का पौधा

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विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ के परिसर में योग केंद्र और जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन की ओर से अशोक का पेड़ लगाने के साथ- साथ लगाने तथा बचाने का संकल्प भी लिया गया।
फाउंडेशन के संस्थापक ने पेड़ के महत्व को बताते हुए ट्री एम्बुलेंस की उपयोगिता को बताया और योग केन्द्र द्वारा पर्यावरण के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की ।