Saturday, September 21, 2024
Home Blog Page 9

छात्रों की एनुअल फोटोग्राफी एग्जीबिशन में 200 तस्वीरें प्रदर्शित की गई

0

चंडीगढ़ । तीन दिवसीय छात्रों की एनुअल फोटोग्राफी एग्जीबिशन रविवार को सेक्टर 34 स्थित मॉर्फ अकादमी में संपन्न हुई। एग्जीबिशन के दौरान फैशन फोटोग्राफी, मोबाइल फोटोग्राफी, सोशल मीडिया, वन्य जीवन, वनस्पति और जीव, परिदृश्य, प्रकृति और ऐतिहासिक विरासत सहित विभिन्न शैलियों में 200 से अधिक तस्वीरें प्रदर्शित की गई। एग्जीबिशन ने एक शैक्षिक अनुभव के रूप में भी काम किया। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रत्येक छात्र की छिपी प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के उद्यमों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी किया, जो इसमें शामिल सभी लोगों के लिए एक यादगार अवसर था। सेंटर हेड गौरिका राणा ने कहा कि यह एग्जीबिशन अकादमी के उभरते फोटोग्राफरों की रचनात्मक क्षमता का प्रमाण है। मॉर्फ एकेडमी के सीईओ डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि हमारे प्रतिभाशाली छात्रों ने विभिन्न प्रकार की फोटोग्राफी के माध्यम से अपनी अपार रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिसमें वन्यजीवन, मॉडल शूट, फ्लावर शूट, बेबी शूट, लैंडस्केप शूट और बहुत कुछ शामिल हैं।
डॉ. अजय ने फेस-ट्रैकिंग तकनीक के उपयोग पर भी प्रकाश डाला, जो कैमरों और मोबाइल फोन में प्रचलित हो गया है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक कैमरों को मानवीय चेहरों को पहचानने और ट्रैक करने की अनुमति देती है, जिससे फोकस, एक्सपोज़र और रंग संतुलन को स्वचालित रूप से समायोजित करके गुणवत्ता को बढ़ाते हुए फोटोग्राफी को आसान बनाया जाता है।

134-A का पैसा हमारा हक कोई भीख नहीं – कुलभूषण शर्मा

0

पंचकूला। कक्षा 9वीं से 12वीं का 134-A का पैसा भी लेकर रहेंगे | निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ़ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार 134-A की प्राइवेट स्कूलो की राशि को लटका कर यह सन्देश प्राइवेट स्कूलो को देना चाहती है जैसे यह पैसा देने की बात करके वह स्कूलों पर एहसान कर रही है । उन्होंने कहा कि हमने 10 वर्ष के समय से भी अधिक समय से 134-A के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित किये गए मेधावी छात्रों को शिक्षा प्रदान की है और यह भुगतान हमारा कानूनी हक है ना की भीख | उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले भी 134-A के भुगतान का प्राइवेट स्कूलों को प्रलोभन की तरह जताया और यह कहा कि उनके भुगतान के पैसे सरकार ने जारी कर दिए है बाद में साजिश करके अपने ही ट्रेजरी विभाग से आपत्ति लगवाकर उन्हें जारी होने से रोक दिया और प्राइवेट स्कूल सरकार की इस चालाकी से अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है, अब फिर सरकार उसी प्रकार का खेल, खेल रही है और राशि की फाइल द्वारा जारी करके सरकार के अधिकारी से उसे ऑडिट ब्रांच में हमारे सूत्रों के अनुसार भेज दिया है | लोकसभा चुनाव के बाद सरकार के पास क्या समय नहीं था की समय रहते ऑडिट विभाग से रिपोर्ट ले लेती और जब लोकसभा चुनाव से पहले पैसे जारी कर जिलों को भेज दिया था तो उससे पहले ऑडिट विभाग से रिपोर्ट लेनी चाहिए थी । कुलभूषण शर्मा ने कहा जो यह चूहे बिल्ली का खेल खेला जा रहा है इस पर एसोसिएशन और प्राइवेट स्कूल नज़र रखें हुए है और सरकार की मंशा को पूरी तरह पहचान रहे है । उन्होंने कहा कि सरकार बिना विलम्ब 134-A की राशि जारी करें वरना एसोसिएशन कड़े कदम उठाने को मजबूर होगी | उन्होंने यह भी मांग की कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक जिन विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूल 10 वर्षो से अपने विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे है उनकी भी भुगतान राशि तय करके अदा करें वरना स्कूल संचालक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ।

पांचवें टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में 11 शिक्षकों को मिला सम्मान

0

चंडीगढ़। किसी ने अपने स्कूल के स्टूडेंट्स को यूनिफार्म पहनाने के लिए सप्ताह में खुद एक दिन यूनिफार्म पहननी शुरू की, तो किसी ने राज्य की मेरिट सूची में जगह बनाने के लिए अपने स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करने के लिए अपने खर्चे पर हवाईजहाज में सफर करवाने की घोषणा की। किसी ने नई टेक्नोलाजी का उपयोग करते हुए बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाया तो किसी ने पंजाबी विषय में रुचि पैदा करने के लिए अपने स्कूल में पंजाबी लैब व म्यूजियम तैयार किया। कोई अपने कौशल से स्पेशल बच्चों को नई दिशा दे रहा है, तो कोई एक शिक्षक के तौर पर समाज के प्रति अपनी भूमिका को बखूबी निभाते हुए छात्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान के बारे में बताने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहा है और ऐसे छात्रों को शिक्षित कर रहा है जिन्होंने कभी स्कूल ही नहीं देखा।
शिक्षक दिवस के मौके पर शनिवार को जब ऐसे 11 असाधारण शिक्षकों को सम्मानित किया गया तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मौका था ग्रुप ऑफ स्कूल्स की ओर से डॉ. जीसी मिश्रा मेमोरियल एजुकेशन एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित किए गए पांचवें टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड समारोह का। समारोह में ट्राईसिटी के अलावा पंजाब और हरियाणा के शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। वर्ष 2018 से टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड समारोह का आयोजन किया जा रहा है। फेज-10 स्थित मानव मंगल स्मार्ट स्कूल के सभागार में हुए इस अवार्ड समारोह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, बठिंडा के वाइस चांसलर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी, शिमला के डॉयरेक्टर आचार्य (प्रो.) राघवेंद्र पी तिवारी मुख्य अतिथि थे जबकि एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली के वाइस चांसलर और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, बठिंडा के पूर्व वाइस चांसलर प्रो.आरके कोहली सम्मानित अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इस मौके पर एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली के रजिस्ट्रार डॉ.दलीप कुमार और मोहाली की जिला शिक्षा अधिकारी डॉ.गिन्नी दुग्गल भी मौजूद थीं। साथ ही मानव मंगल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के डॉयरेक्टर संजय सरदाना, मानव मंगल हाई स्कूल, चंडीगढ़ की एडमिनिस्ट्रेटर अंजलि सरदाना और डॉ. जीसी मिश्रा मेमोरियल एजुकेशन एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी मयंक मिश्रा भी इस मौके पर मौजूद थे।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस मौके पर जहां मानव मंगल हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों को समर्पित जहां एक समूह गीत प्रस्तुत किया, वहीं मानव मंगल स्मार्ट स्कूल के छात्रों ने पंजाब का लोकनृत्य भंगड़ा पेश कर पंजाब की संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाया और खूब वाहवाही लूटी। मंच का संचालन उमा महाजन और पुष्पिंदर कौर ने किया। टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड्स से सम्मानित होने वाले 11 शिक्षकों में गवर्नमेंट एलिमेंटरी स्मार्ट स्कूल, दाना मंडी, पटियाला की मुख्याध्यापिका डॉ. इंद्रजीत कौर, गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फेज फेज 3 बी 1, मोहाली की पंजाबी की लेक्चरर मंदीप शुक्ला, चंडीगढ़ चाइल्ड एंड वूमेन डेवलपमेंट कारपोरेशन के अधीन मलोया स्थित स्नेहालय फॉर ब्वॉयज में स्पेशल एजुकेटर संदीप कुमार, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के डॉ. एसएस भटनागर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ कैमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी की प्रोफेसर और पूर्व चेयरपर्सन प्रो.मीनाक्षी गोयल, डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10, चंडीगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर व फिजिकल एजुकेशन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अमनेंद्र मान, शहीद गुरदास राम मेमोरियल सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स), ज़ीरा, फिरोजपुर के प्रिंसिपल राकेश शर्मा, मनीमाजरा के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एलिमेंटरी टीचर नवनीत कौर, हरियाणा के गुरुग्राम के वजीराबाद स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल में जेबीटी मनोज कुमार, मानव मंगल स्मार्ट स्कूल, मोहाली की साइंस टीचर सुजाता जसवाल, मानव मंगल स्मार्ट स्कूल, मोहाली की मदर टीचर मीनाक्षी वशिष्ठ शामिल हैं। इनके अलावा शिशु निकेतन मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-22 की डॉयरेक्टर प्रिंसिपल अमिता खुराना को समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में प्रो.आरपी तिवारी और प्रो.कोहाली ने छात्रों को अपने शिक्षकों का हमेशा सम्मान करने का आहवान किया।

हर शिक्षक के जुनून की है अलग अलग कहानी

समारोह में सम्मानित होने वाली पटियाला के दाना मंडी स्थित गवर्नमेंट एलिमेंटरी स्मार्ट स्कूल में मुख्याध्यापिका डॉ. इंद्रजीत कौर ने अनूठी शुरुआत करते हुए सप्ताह में एक दिन सोमवार को अपने विद्यार्थियों की तरह स्कूल यूनिफार्म पहननी शुरू की ताकि व अपने स्कूल के उन स्टूडेंट्स को प्रेरित कर सकें जो यूनिफार्म पहन कर नहीं आते हैं। वहीं, सम्मानित होने वाले एक शिक्षक राकेश शर्मा ने शहीद गुरदास राम मेमोरियल सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स), ज़ीरा, फिरोजपुर के प्रिंसिपल के तौर पर कुछ साल पहले यह घोषणा की थी कि जो भी छात्रा स्टेट मेरिट लिस्ट में जगह बनाएगी उसे वह अपने खर्च पर हवाई जहाज का सफर करवाएंगे। छात्राएं उनकी घोषणा से इतनी प्रभावित हुईं कि अब तक स्कूल की कई छात्राएं मेरिट सूची में जगह बनाते हुए हवाईजहाज में सफर कर चुकी हैं। मोहाली के फेज 3 बी 1 में स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पंजाबी की लेक्चरर मंदीप शुक्ला ने अपने स्कूल में पंजाब की विरासत को दर्शाने वाला पंजाबी म्यूजियम तैयार किया। पंजाबी विषय में रुचि पैदा करने के लिए उन्होंने स्कूल में पंजाबी लैब भी तैयार की।जबकि चंडीगढ़ चाइल्ड एंड वूमेन डेवलपमेंट कारपोरेशन के अधीन मलोया स्थित स्नेहालय फॉर ब्वॉयज में स्पेशल एजुकेटर संदीप कुमार पिछले करीब एक दशक से स्पेशल बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। पेरिस ओलंपिक्स में दो कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह व मनु भाकर के शिक्षक डीएवी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमनेंद्र मान को भी सम्मान मिला। हरियाणा के गुरुग्राम के वजीराबाद स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल में जेबीटी मनोज कुमार एक प्रोजेक्ट के तहत उन बच्चों को भी पढ़ाते हैं जिन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा।

सीपी 67 मोहाली में किताब लवर्स का लोड द बाॅक्स पुस्तक मेला शुरु

0

मोहाली । किताब लवर्स द्वारा आयोजित 9 दिवसीय पुस्तक मेला मोहाली के सीपी 67 मॉल में शनिवार से शुरु हो गया, जो 8 सितंबर तक चलेगा। इस मेले का उद्देश्य सस्ती कीमत पर किताबें बेचने और पुस्तक प्रेमियों को विविधता से भरपूर संग्रह प्रस्तुत करना है। इस पुस्तक मेले में 20+ से अधिक शैलियों की 10 लाख से अधिक नई और पहले से पसंद की गई पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। पुस्तक मेले को खास बनाता है इसका अभिनव ‘लोड द बॉक्स’ कॉन्सेप्ट, जिसके अंतर्गत ग्राहक एक बॉक्स के लिए एकमुश्त भुगतान करके जितनी किताबें उस बॉक्स में भर सकते हैं, वे ले जा सकते हैं। बॉक्स 1200 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक के तीन साइज में उपलब्ध हैं। इस बार के पुस्तक मेले में कई नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं जिसमे राजपाल प्रकाशन हिंदी का सबसे पुराना प्रकाशन घर, जो 1912 में स्थापित हुआ था, अब हमारे पुस्तक मेले का हिस्सा है। वहीं पेंगुइन हिंदी पुस्तकें,पेंगुइन की हिंदी पुस्तकों का एक अलग खंड इस बार मेले में प्रस्तुत किया गया है। साथ ही एक अलग संग्रह में भारत की सबसे लोकप्रिय 50 किताबें उपलब्ध होंगी। शेयर बाजार और निवेश से संबंधित पुस्तकों का भी इस बार विशेष खंड होगा। पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए किताबें उपलब्ध हैं, इसलिए जो भी आएगा, उसके लिए कुछ न कुछ जरूर होगा। किताब लवर्स के सह-संस्थापक, राहुल पांडे ने कहा कि मोहाली में पुस्तक मेले की मेजबानी करके हमें बेहद खुशी हो रही है। यह शहर में हमारा पहला कार्यक्रम है, और हम यहां आकर उत्साहित हैं। हमारा पुस्तक मेला न केवल सस्ती कीमत पर किताबें प्रदान करता है, बल्कि यह पुस्तक प्रेमियों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है। इसके साथ ही बेस्टसेलिंग लेखक सुदीप नागरकर और आदित्य निघोट 7 सितम्बर को पुस्तक मेले में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। यह पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अनोखा अवसर है, जिसमें वे अपने पसंदीदा लेखकों से मिल सकते हैं।
किताब लवर्स ने 2019 में अपनी स्थापना के बाद से 40 शहरों में 150 से अधिक पुस्तक मेलों की मेजबानी की है। अपने ‘लोड द बॉक्स’ अभियान के माध्यम से, किताब लवर्स का उद्देश्य हर भारतीय के लिए पढ़ने को सस्ता और सुलभ बनाना और पूरे देश में पढ़ने के प्रति प्रेम और आनंद का प्रसार करना है।

जुड़वां बहनों ने ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर दिखाया अपने टेलेंट का जलवा

0

चंडीगढ़ । 14 वर्षीय जुड़वां बहनें तान्या और तनीषा, जिन्होंने देश-दुनिया में डांसिंग टेलेंट के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है, ने एक बार फिर इंटरनेशनल डांस मुकाबलों में जीत हासिल करने के साथ देश का गौरव बढ़ाया है। ट्विन सिस्टर्स की इस जोड़ी ने कई यूरोपीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और खिताब भी जीते हैं। जुड़वां बहनों तान्या और तनीषा ने अपनी उपलब्धियों के बारे में मीडिया के साथ विस्तार से बातचीत की। इस दौरान उनके माता-पिता, अनामिका कश्यप और पिता विनोद कुमार भी थे। जुड़वां बहनों के डांस गुरु समीर महाजन, फाउंडर-ओनर और डांस डायरेक्टर, रॉकस्टार एकेडमी और साक्षी रौथान, एमडी और कोरियोग्राफर, रॉकस्टार एकेडमी भी प्रेस मीट में अपने शिष्यों के साथ मौजूद थे। लड़कियों को शास्त्रीय नृत्य सिखाने वाली हरप्रीत दुबे भी उयस्थित थीं । दोनों बहनें रॉकस्टार एकेडमी में तब से डांस की ट्रेनिंग ले रही हैं जब उनकी उम्र सिर्फ 4 साल थी। तब से लगातार वे रॉकस्टार एकेडमी में डांस के अलग अलग स्टाइल सीख रही हैं और आज अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।
समीर ने बताया कि डांस स्किल्स और कलात्मकता के शानदार परफॉर्मेंस देते हुए, डांस नृत्य करने वाली जुड़वां बहनों ने इस गर्मी में जून और जुलाई 2024 में यूरोप में आयोजित कई प्रतिष्ठित ग्लोबल डांस प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। हंगरी के बुडापेस्ट में वर्ल्ड डांस चैम्पियनशिप में, उन्होंने ओपन स्टाइल कैटेगरी में पहला स्थान, लिरिकल और कंटेम्परेरी कैटेगरी में दूसरा स्थान और अपने इनोवेटिव डांस एप्रोच के लिए डुएट कैटेगरी में यूनिक परफॉर्मर अवॉर्ड प्राप्त किया। साक्षी ने कहा कि इससे पहले गर्मियों में, तान्या और तनिषा ने डांसिंग इटली प्रतियोगिता में फोक डांस और मॉडर्न कंटेम्परेरी, दोनों में प्रथम पुरस्कार जीते और टॉप परफॉर्मर्स के रूप में ग्रैंड पुरस्कार जीता। अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए, इस जोड़ी ने प्राग में डांस वर्ल्ड कप में नेशनल और फोकलोर कैटेगरीज में सिल्वर मेडल जीते। नीदरलैंड में ग्लोबल डांस ओपन में, उन्होंने क्लासिकल और नेशनल डांस कैटेगरीज में एक और सिल्वर मेडल जीता। मीडिया को संबोधित करते हुए तान्या ने कहा कि यूरोपीय सर्किट में प्रतियोगिता काफी कठिन थी क्योंकि दुनिया भर से टीमें थीं। हमने अलग-अलग डांस स्टाइल्स में अवॉर्ड जीते, यह सब हमारे द्वारा तैयार किए गए डांस स्टैप्स और हमारे डांस स्किल्स के कारण हुआ। हम अपने गुरुओं समीर सर, साक्षी मैम और हरप्रीत दुबे मैम के आभारी हैं, जिन्होंने हर बारीकी पर ध्यान देते हुए ट्रेनिंग दी और लगातार मेहनत से प्रेक्टिस करवाते हुए हमें डांस के लिए हर जरूरी स्टैप और स्किल दिखाया। तनीषा ने कहा कि पीछे मुड़कर देखें तो हमने बचपन में डांस सीखा और किया। समय के साथ, हमारा झुकाव इस कला के प्रति लगातार बढ़ता ही गया और हमने खुद को पूरी तरह से डांस के प्रति समर्पित कर दिया। हमने लगातार कड़ी प्रेक्टिस की, नई शैलियों की खोज करने में जुटी रहीं और रियलिटी शो में भाग लेते हुए प्रतियोगिताएं जीती। उसके अलावा हम प्रोफेशनल डांस वीडियो भी बना रही हैं, जिनको सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। मेरा मानना है कि इन सबने यूरोपीय प्रतियोगिताओं में हमारी बहुत मदद की।
समीर महाजन जो रॉकस्टार एकेडमी में डांस ट्रेनिंग और फिल्म प्रोडक्शन स्टूडियो चलाते हैं और एक अभिनेता, कलाकार और कोरियोग्राफर भी हैं ने कहा कि तान्या और तनीषा को वर्ल्डक्लास डांसर्स के रूप में तैयार होते देखना अविश्वसनीय है। उनका समर्पण, जुनून और कड़ी मेहनत वास्तव में प्रेरणादायक है। जुड़वां बहनों ने अपनी मां अनामिका कश्यप और पिता विनोद कुमार को उनके अटूट सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया। जुड़वा बहनों की मां अनामिका ने कहा कि माता-पिता को मेरा संदेश है कि उन्हें अपने बच्चों को उनके सपनों को साकार करने में पूरे दिल से सहयोग करना चाहिए। सियोल में ‘फोक लोर-सोलो कैटेगरी’ में गोल्ड मेडल जीतने वाली साक्षी रौथान ने कहा कि लड़कियों की यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वे यूरोपीय दौरे में 80 देशों के साथ मुकाबला कर रही थीं। उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में कथक, गरबा और कंटेम्परेरी का प्रदर्शन किया।” हरप्रीत दुबे ने जुड़वां बहनों की विभिन्न डांस शैलियों की बारीकियों को सीखने की उनकी क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य में लड़कियों की मजबूत पकड़ और महारत ने उन्हें यूरोपीयन डांस सर्किट में शानदार प्रस्तुतियां देने में बहुत मदद की।

चावल की सही समय पर लिफ्टिंग न होने से उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के राइस मिलर्स को लग रहा लाखों का चूना : विशाल अरोड़ा

0

चंडीगढ़ । उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन जिसमें अम्बाला यमुनानगर और पंचकूला जिले के 500 से ज्यादा राइस मिलर्स ने अपनी मांगो और सरकारी खरीद एजेंसीज (फ़ूड एंड सप्लाई, हैफेड, एचडब्ल्यूसी) के द्वारा समय पर चावल लिफ्टिंग न होने के कारण हो रहे घाटे को विख्यात करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजन किया। जिसका मुख्य मंतव्य आगामी खरीफ मार्किटिंग सीजन 2024-25 में कस्टम मिलड राइस (सीएमआर) कार्य के बारे सूचना एवं प्रार्थना करने हेतू है। इस प्रेस कांफ्रेंस में लगभग पांच सौ राइस मिलर के मालिकों ने शिरकत की। उत्तरी हरियाणा राइस मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतपाल गुप्ता, सचिव विशाल अरोड़ा, कोषाध्यक्ष राहुल अग्रवाल, कार्यकारी सदस्य अशोक कालरा, मनीष बंसल और मनमोहन चोटानी की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। विशाल अरोड़ा ने बताया कि उत्तरी हरियाणा के राइस मिलर्स जोकि पिछले 20 वर्षों से सीएमआर का कार्य कर रहे हैं, आज बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। प्रेस कांफ्रेंस के जरिये खरीद एजेंसीज (फ़ूड एंड सप्लाई, हैफेड, एचडब्ल्यूसी) व सरकार से उत्तरी हरियाणा के राइस मिलर्स एसोसिएशन ने अपील की है उनकी समस्याओं पर जल्द से जल्द विचार कर समाधान किया जाए।

सतपाल गुप्ता ने बताया कि हरियाणा के राइस मिलर्स के पिछले चार सीजन (केएमएस 2020-21, खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021-22, खरीफ मार्किटिंग सीजन 2022-23, खरीफ मार्किटिंग सीजन 2023-24)) के मिलाकर कुल लगभग 500 करोड़ रुपए लंबित है जिसमें अनलोडिंग, स्टैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन किराया, डरायज, स्टॉक आर्टिकल्स का किराया इत्यादि शामिल है। गत वर्ष (खरीफ मार्किटिंग सीजन 2023-24) सरकारी गोदामों में जगह न होने के कारण चावल की डिलीवरी लेट हुई जिसके कारण मिलर्स को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। आज भी हरियाणा के मिलर्स की 2.5 लाख मीट्रिक टन राइस की डिलीवरी पेंडिंग है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए उत्तरी हरियाणा के राइस मिलर्स आगामी सीजन (खरीफ मार्किटिंग सीजन 2024-25) में सीएमआर कार्य करने में असमर्थ हैं। उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार व खरीद एजेंसियों से अनुरोध किया है कि पिछली बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। आगामी सीजन के लिए उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन की समस्याओं जैसे कि आगामी सीजन के लिए चावल लगाने जगह की पुष्टि करें, मिलिंग चार्जेज 10 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़ा कर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य की तर्ज पर 120 रुपए प्रति क्विंटल की जाये। सीएमआर डिलीवरी के लिए चावल के यील्ड की मात्रा 67% से घटा कर 62% की जाए, ब्रोकन राइस की मात्रा 25% से बढ़ाकर 35% ब्रोकन राइस की जाये आदि का जल्द से जल्द समाधान करें। उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कहा कि अगर राइस मिलर्स की मांगे नहीं मानी गई तो सरकारी खरीद एजेंसियों से कोई एग्रीमेंट या रजिस्ट्रेशन नहीं करेंगे।

बवासीर के ज्यादातर मामलों में सर्जरी की जरूरत नहींः डॉ. हर्ष कुमार अग्रवाल

0

चंडीगढ़ । बवासीर के ज्यादातर मामलों में सर्जरी की जरूरत नहीं होती। अगर सर्जरी की जरूरत होती भी है, तो भी ज्यादातर मरीजों को सर्जरी के चार घंटे के भीतर छुट्टी मिल जाती है। वीडियो प्रॉक्टोस्कोपी के माध्यम से बवासीर का इलाज पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है। वीडियो प्रोक्टोस्कोपी मरीज की मौजूदा हालात रिकॉर्ड किया हुआ विजुअल प्रदान करती है और इसने बवासीर के डायग्नोसिस में क्रांति ला दी है। यह बात सेक्टर 40 सी में स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, तारिनी हेल्थकेयर के फाउंडर व चीफ सर्जन डॉ. हर्ष कुमार अग्रवाल ने एक एडवाइजरी करते हुए कही।
डॉ. हर्ष ने अपनी 25 साल की प्रेक्टिस में, 2,00,000 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया है, जिनमें से सिर्फ 10 प्रतिशत को ही सर्जरी की जरूरत पड़ी है। डॉ. अग्रवाल, दो दशकों से अधिक समय से बवासीर और सर्कमसिजन के लिए एडवांस्ड उपचारों में सबसे आगे रहे हैं। बवासीर के मरीजों की 18,000 से अधिक सफल सर्जरी और 5,000 से अधिक सर्कमसिजन प्रोसेस के प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, डॉ. अग्रवाल ने खुद को अपने क्षेत्र में एक अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया है। उनकी विशेषज्ञता बवासीर के इलाज के सभी आधुनिक तरीकों में फैली हुई है, जिसमें डॉपलर, लेजर, स्टेपलर, हार्मोनिक, इन्फ्रारेड कोएगुलेशन, स्क्लेरोथेरेपी और बैंडिंग शामिल हैं। बवासीर के साथ अपने काम के अलावा, डॉ. अग्रवाल ने 5,000 से अधिक सर्कमसिजन प्रोसीजर्स भी की हैं, जिनमें नवीनतम स्टेपलर सर्कमसिजन शामिल है, जो कम रिकवरी समय और बेहतर सटीकता प्रदान करता है। डाॅ हर्ष ने कहा कि बवासीर के अधिकांश रोगियों को नॉन-सर्जिकल तरीकों से प्रभावी ढंग से इलाज प्रदान किया जा सकता है, जो कम इनवेसिव और अत्यधिक प्रभावी दोनों हैं। उन्होंने कहा कि आम धारणा के विपरीत, बवासीर के इलाज के लिए हमेशा सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। उचित आहार, संतुलित खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ, अधिकांश रोगी सर्जिकल इंटरवेंशन की जरूरत से बच सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जटिल बवासीर आमतौर पर मल त्याग के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग यानि रक्तस्राव के रूप में सामने आता है। अधिक गंभीर मामलों में, मरीजों को मलाशय से बाहर निकलने वाला एक द्रव्यमान, दर्द और खुजली का अनुभव हो सकता है। रक्तस्राव सबसे आम लक्षण है। बवासीर गुदा से लगभग 6 सेमी ऊपर स्थित होता है। इसलिए डायग्नोसिस के लिए प्रोक्टोस्कोपी जांच आवश्यक है। प्रोक्टोस्कोप एक खोखली नली होती है जो कैमरे से जुड़ी होती है, जिससे डॉक्टर बवासीर को देख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कई मरीज अपने इस रोग के बारे में किसी को बताने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं और इसका सही से इलाज भी नहीं करवाते हैं। वे इलाज करवाने की बजाय ओवर-द-काउंटर दवाओं पर भरोसा करते हैं, जिससे लंबे समय तक पीड़ा होती है और रोग के उचित उपचार में देरी होती है।

क्वांटम पेपर्स ने पंचकूला में 500 पौधे लगाए, पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया

0

पंचकूला। क्वांटम पेपर्स तालाबों के पुनरुद्धार, वर्षा जल संचयन, नहर के पानी का उपयोग और पेड़ लगा कर मिट्टी और भूजल के संरक्षण का प्रयास कर रहा है।
पर्यावरण प्रबंधन के प्रति अपने समर्पण को बनाए रखने के लिए कंपनी ने पंचकूला में सकेतड़ी रोड पर 500 पौधे लगाए। वृक्षारोपण कार्यक्रम में क्वांटम पेपर्स की टीम के सदस्यों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। इस अवसर पर चक्रसिया, चंपा, सिल्वर ओक और फ़िकस सहित विभिन्न प्रकार की देशी वृक्ष प्रजातियों को रोपा गया। इन प्रजातियों को उनके पर्यावरणीय फायदों जैसे कार्बन अवशोषण, जल संरक्षण और स्थानीय जैव विविधता को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता के लिए चुना गया।


क्वांटम की पहल की रहनुमाई कर रहीं अपर्णा खेतान ने कहा कि हमारा मानना है कि हर छोटी कार्रवाई एक हरित और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए अहम है। हमारी टीम सामूहिक प्रयास करने के महत्व, और जिन समुदायों की हम सेवा करते हैं, उन पर होने वाले पर्यावरण के स्थायी प्रभाव को पहचानती है। वृक्षारोपण अभियान का सफल समापन क्वांटम पेपर्स की हरित यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी ने इन नए लगाए गए पेड़ों की एक वर्ष की अवधि तक देखभाल के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक यह पेड़ खुद को बनाए रखने में सक्षम नहीं हो जाते, तब तक उनका उचित पोषण किया जाएगा। इसी प्रकार के वृक्षारोपण प्रयासों का विस्तार करने की भविष्य की योजनाओं के साथ साथ, क्वांटम अपने पर्यावरण क्षति को कम करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान करने के लिए नए नए तरीकों का पता लगाना जारी रखेगी।

फोर्टिस ने जीवित दाता और मृतक दाता पर क्षेत्र का पहला एबीओ इन्कम्पैटेबल ट्रांसप्लांट कर नई उपलब्धियां स्थापित की

0

चंडीगढ़ । एक अभूतपूर्व चिकित्सा प्रगति में, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने जीवित दाता और मृतक दाता पर क्षेत्र का पहला एबीओ इन्कम्पैटेबल ट्रांसप्लांट ( ब्लड ग्रुप मैच हुए बिना मरीज का अंग प्रत्यारोपण ) कर नई उपलब्धियां स्थापित की हैं। ये उपलब्धियाँ अस्पताल के लिए नए मील के पत्थर साबित हुई हैं, जिससे यह उत्तर भारत में ट्रांसप्लांट सर्जरी में अग्रणी बन गया है। पहले मामले में, फोर्टिस टीम ने ब्लड़ ग्रुप के न मिल पाने केे बावजूद दाता पत्नी का लीवर उसके पति को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया। दूसरे मामले में, एक ब्रेन-डेड मरीज के परिवार ने सफल परिणामों के साथ दो प्राप्तकर्ताओं को उसका लीवर और किडनी दान की।
अंग प्रत्यारोपण टीम में डॉ. जय देव विग, डॉ. मिलिंद मंडवार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. साहिल रैली, डॉ. अरविंद साहनी, डॉ. अन्ना गुप्ता, डॉ. अमित नागपाल, डॉ. स्वाति गुप्ता और डॉ. जसमीत शामिल थे, जिन्होंने प्रत्यारोपण किया जिसके बाद सभी रोगियों को पूर्णतः कार्यशील अंगों के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 49 साल के हरजीत सिंह लीवर फेलियर से पीड़ित थे। उनकी पत्नी ने स्वेच्छा से लीवर डोनर के रूप में काम किया, लेकिन दोनों (ए़$और बी़$) के बीच ब्लड ग्रुप बेमेल था। चूंकि परिवार में कोई ऐसा कोई दाता नहीं था, इसलिए एबीओ इन्कम्पैटेबल लिवर प्रत्यारोपण किया गया। जो कि ट्रांसप्लांट एकमात्र विकल्प है। यह तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है और प्रत्यारोपण को सफल बनाने के लिए इसमें अतिरिक्त उपचार के तौर-तरीके शामिल हैं। ब्लड ग्रुप की बाधा को दूर करने के लिए, प्राप्तकर्ता के रक्त से एंटीबॉडी हटा दी जाती है (प्लास्मफेरेसिस) और अतिरिक्त दवाएं दी जाती हैं जो अस्वीकृति पैदा करने वाले एंटीबॉडी और कोशिकाओं को रोकती हैं। हरजीत सिंह और उनकी पत्नी दोनों ठीक हो गए और उन्हें ऑपरेशन के बाद क्रमशः 10 वें और चौथे दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


मृतक डोनर, चंडीगढ़ के 70 वर्षीय इंद्रजीत सिंह को ब्रेन हेमरेज के कारण फोर्टिस अस्पताल मोहाली में भर्ती कराया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद वह ठीक नहीं हुए और उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। मेडिकल टीम ने परिवार को परामर्श दिया और अंगदान की संभावनाओं पर उनके साथ चर्चा की गई। दुख की इस घड़ी में, परिवार ने बहुत हिम्मत दिखाई और 4 गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जीवन का बेहतरीन उपहार देने का फैसला किया, जिसमें दो कॉर्निया शामिल थे जिन्हें पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ भेजा गया था। उनके निस्वार्थ कार्य ने शिमला के 64 वर्षीय (पुरुष) मरीज की जान बचाई, जिनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ। मुलाना के 64 वर्षीय मरीज का उसी दिन दोहरी किडनी ट्रांसप्लांट किया गया, जिनकी किडनी फेल हो गई थी। परिवारों के प्रयासों की सराहना करते हुए, फोर्टिस मोहाली के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विक्रमजीत सिंह ने कहा कि यह आयोजन फोर्टिस मोहाली के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने पहले ही खुद को उत्तरी दिल्ली-एनसीआर में पहली निजी स्वास्थ्य सेवा सुविधा के रूप में स्थापित कर लिया है, जो जीवित और मृतक दाता लिवर प्रत्यारोपण के लिए उत्कृष्टता केंद्र बन गया है। हम दुख के क्षणों में निस्वार्थता और साहस दिखाने के लिए परिवारों के आभारी हैं। उनके इस दयालु व्यवहार ने 3 मरीजों की जान बचाई। फोर्टिस अस्पताल मोहाली पंजाब में अपनी तरह का पहला अस्पताल है, जो मृतक के साथ-साथ जटिल जीवित दाता लिवर प्रत्यारोपण करता है।

गिलको इंटरनेशनल स्कूल का टेक्नोस्प्राइट 2024 में शानदार प्रदर्शन

0

मोहाली । गिलको इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने शेमरॉक स्कूल द्वारा आयोजित टेक्नोस्प्राइट प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी प्रतिभा और टीमवर्क से सबका दिल जीत लिया।
नव्या महाजन और जपनूर कौर ने टग ऑफ़ वॉर मुकाबले में पहला स्थान हासिल किया, जहां उन्होंने अपनी ताकत और टीम भावना का अद्भुत प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, तरुण सिंह ग्रोवर और रूही चावला ने रोबोट रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया। गिलको इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. कृतिका कौशल ने छात्रों की इस सफलता पर खुशी जताई और कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे छात्रों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत, टीमवर्क और सीखने के जुनून के साथ वे किसी भी चुनौती में सफल हो सकते हैं। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और उन्हें आगे भी इसी तरह की कामयाबी की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। गिलको इंटरनेशनल स्कूल का लक्ष्य है कि वह अपने छात्रों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करे। हम अपने छात्रों की इस शानदार सफलता पर उन्हें दिल से बधाई देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे भविष्य में भी इसी तरह सफलता हासिल करते रहेंगे।