Friday, October 18, 2024
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परीक्षा पेपर लीक होने से रोकती है ब्लॉकचेन तकनीक

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चंडीगढ़ । देश में जहां परीक्षा के पेपर लीक होना एक पुरानी बीमारी बन गई है और जो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और योग्यता के आधार को खतरे में डाल रही है, वहीं पर एक अप्रत्याशित क्षेत्र से उम्मीद की किरण उभरी है। यह उम्मीद की किरण है ब्लॉकचेन तकनीक। आज जब भारत परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी की बार-बार होने वाली समस्या से जूझ रहा है, जिससे लाखों उम्मीदवार प्रभावित हो रहे हैं और लोगों का परीक्षाओं पर भरोसा खत्म हो रहा है ऐसे में , मोहाली स्थित ब्लॉकचेन फर्म एंटियर सॉल्यूशंस एक अभिनव समाधान के साथ आगे आई है जो देश की शिक्षा प्रणाली में इस घाव को भरने का वादा करती है। पिछले पांच वर्षों में 15 राज्यों में परीक्षा लीक के 41 मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं ने लगभग 1.4 करोड़ नौकरी के आवेदकों को प्रभावित किया है, जिससे नियुक्तियों में देरी हुई है और सिस्टम में लोगों का भरोसा कम हुआ है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एंटियर्स एडुब्लॉक प्रो हाजिर है।
हाल ही में, इस प्लेटफॉर्म को पंजाब राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के लिए हुए भर्ती परीक्षा में इस्तेमाल किया गया। एंटियर सॉल्यूशंस के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विक्रम आर सिंह बताते हैं, कि “हमारा कर्तव्य ऐसी प्रणालियां तैयार करना है जो मशीन-चालित प्रक्रियाओं की ओर बढ़ें तथा भावनात्मक और मानवीय फैक्टर्स के दखल को बिल्कुल हटा दें।” उन्होंने कहा कि “ब्लॉकचेन के माध्यम से, हमारा लक्ष्य ई-गवर्नेंस प्रणालियों के लिए एक ऐसी वास्तविक प्रोटोकॉल बनाना है जो निष्पक्ष हो और सामाजिक कल्याण में योगदान दे। इस क्षेत्र में अग्रणी के रूप में, हमारा लक्ष्य भारत को दुनिया की वेब 3 राजधानी बनाना है, जो शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एडुब्लॉक प्रो जैसे निष्पक्ष और पारदर्शी समाधान प्रदान करता है।”
यह सिस्टम सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय दृष्टिकोण अपनाता है। इसकी शुरुआत छात्रों के एन्क्रिप्टेड पंजीकरण और सुरक्षित तरीके से प्रश्नों को अपलोड करने से होती है। फिर परीक्षा बोर्ड प्रश्नों को लॉक करने और मान्य करने के लिए पब्लिक और प्राइवेट की इनफ्रस्ट्राक्चर्स का उपयोग करता है। परीक्षा के दिन, निरीक्षक सुरक्षित वितरण के लिए पेपर को डिक्रिप्ट और अनलॉक करते हैं। लेकिन एडुब्लॉक प्रो का प्रभाव सिर्फ़ लीक को रोकने से कहीं आगे तक फैला हुआ है। यह यूनेस्को के सतत विकास लक्ष्य 9 के अनुरूप है, जो समावेशी औद्योगिकीकरण और लचीले बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देता है। निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करके, यह प्लेटफ़ॉर्म शिक्षा क्षेत्र में न्यायसंगत शासन में योगदान देता है। पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी के लिए हुए भर्ती अभियान में एडुब्लॉक प्रो का सफल क्रियान्वयन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सैकड़ों उम्मीदवारों ने परीक्षा में भाग लिया, जिससे सिस्टम की निष्ठा , सटीकता और दक्षता की पुष्टि हुई। भारत नीट यूजी पेपर लीक सहित कई हाई-प्रोफाइल परीक्षा लीक की समस्या से ग्रसित है, ऐसे में एडुब्लॉक प्रो जैसे समाधान उम्मीद की किरण हैं। वे न केवल परीक्षा को सुरक्षित करने का वादा करते हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल करने और सभी छात्रों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का वादा करते हैं। 700 से ज़्यादा पेशेवरों की अपनी टीम और 1000 से ज़्यादा प्रोजेक्ट डिलीवर करने के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, एंटियर इस तकनीकी क्रांति में सबसे आगे है। भारत की सबसे बड़ी ब्लॉकचेन डेवलपमेंट कंपनी के तौर पर, यह ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही है जहाँ तकनीक शिक्षा और निष्पक्ष भर्ती को सुनिश्चित करती है। एडुब्लॉक प्रो दर्शाता है कि वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए ब्लॉकचेन का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है, जिससे भारत और अन्य देशों में भी शैक्षिक मूल्यांकन के परिदृश्य में बदलाव आ सकता है। प्रश्न-पत्र लीक के विरुद्ध लड़ाई में, ब्लॉकचेन एक गेम-चेंजर के रूप में सामने आया है, जो सुरक्षित और पारदर्शी सूचना प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

शर्मिता भिंडर ने ‘फियर्स एंड फियरलेस’ खिताब से सिटी ब्यूटीफुल को गौरवान्वित किया

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चंडीगढ़ । चंडीगढ़ की रहने वाली 51 वर्षीय शर्मिता भिंडर ने हाल ही में आयोजित नारी फर्स्ट प्रतियोगिता में ‘फियर्स एंड फियरलेस’ का प्रतिष्ठित खिताब जीतकर ट्राइसिटी का गौरव बढ़ाया है। यह अनोखा इंटरनेशनल कार्यक्रम बॉम्बे और गोवा के बीच एक क्रूज पर हुआ और महिलाओं के बीच असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। नारी फर्स्ट में 40-60 आयु वर्ग में भाग लेने वाली भिंडर ने मॉरीशस में वर्ल्ड आइलैंड कल्चरल एंड टूरिज्म एंबेसडर पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी पात्रता प्राप्त की है। मशहूर मॉडल और अभिनेत्री मलायका अरोड़ा इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। नारी फ़र्स्ट का आयोजन इसकी इंडिया की फाउंडर एकता शर्मा ने किया जिन्हे एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज के सीईओ अंशू बुद्धिराजा ने सहयोग दिया । नारी फर्स्ट का आयोजन इसकी भारत संस्थापक एकता शर्मा द्वारा किया गया था। प्रतियोगिता में प्रसिद्ध गायिका, कलाकार और संगीत निर्माता शिबानी कश्यप के साथ-साथ मिसेज यूनिवर्स मालदीव्स और वूमेन ऑफ वंडर्स की प्रमुख योशीना रघुनंदन नौओजी, जो मॉरीशस में आयोजित वर्ल्ड आइलैंड कल्चरल एंड टूरिज्म एंबेसडर पेजेंट की मेजबानी कर रही हैं, सहित उल्लेखनीय हस्तियों की उपस्थिति देखी गई।
नारी फर्स्ट विविधता और समावेशन के सिद्धांत पर आयोजित अपनी तरह की पहली प्रतियोगिता थी जो प्रतिभा, व्यक्तित्व और उपस्थिति पर केंद्रित थी। भिंडर ने यहां होटलमाउंटव्यू में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारे पास 130 प्रतिभागी महिलाएं थीं जिन्हें पूरे भारत, मॉरीशस, दुबई और अन्य देशों के 2000 आवेदकों में से चुना गया था। यह आयोजन बॉम्बे और गोवा के बीच कॉर्डेलिया क्रूज पर आयोजित किया गया था। इस सम्मान को हासिल करने के लिए अपनी उल्लेखनीय यात्रा और चुनौतियों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि नारीफर्स्ट में भाग लेना एक अविश्वसनीय अनुभव था। प्रतियोगिता कठिन थी, लेकिन मेरे कभी न हार मानने वाले रवैये और मेरे परिवार और दोस्तों के समर्थन ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की। नारी फर्स्ट में शर्मिता की जीत ने उन्हें ‘द वर्ल्ड आइलैंड कल्चरल एंड टूरिज्म एंबेसडर पेजेंट’ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान दिलाया है, जो 31 जुलाई से 5 अगस्त तक मॉरीशस में आयोजित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्देश्य एक अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को बढ़ावा देना है।

मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर पाकर रोमांचित हूं। इस प्रतियोगिता की तैयारी में कठोर प्रशिक्षण और समर्पण शामिल है, और मैं तैयार हूं।

मॉरीशस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार 51 वर्षीय शर्मिता भिंडर

महिलाओं को अपने सपनों को हासिल करने के लिए अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने की जरूरत है: शर्मिता भिंडर


मॉरीशस में अपनी आगामी भागीदारी के बारे में बोलते हुए शर्मिता ने भारत को गौरवान्वित करने के लिए अपना उत्साह और दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि
गौरतलब है कि शर्मिता को जीवन के विभिन्न चरणों में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वह एक विशेष बच्चे की मां बनीं, जिसके बारे में डॉक्टरों ने कहा था कि वह चल नहीं सकता या उसके मस्तिष्क का विकास धीमा हो सकता है। हालांकि भगवान पर ध्यान और विश्वास के साथ शर्मिता ने अपने बेटे पर काम किया, जिसने एक सामान्य स्कूल में पढ़ाई की और हाई स्कूल में साइंस लिया और वर्तमान में बेंगलुरु के प्रतिष्ठित अज़ीमप्रेमजी यूनिवसर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप बीएससी इन फिजिक्स कर रहा है। यहां यह उल्लेख करना भी उचित है कि घटनाओं के एक दुखद मोड़ में शर्मिता ने इंडोनेशिया के बाली में अपने पति को कोविड के कारण खो दिया और जब उनका निधन हुआ तो वह उनके साथ भी समय नहीं बिता पाईं। भिंडर ने हार नहीं मानी और एक अकेली मां के रूप में अपने बेटों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाया और एक एनजीओ एम्पॉवर भी शुरू किया। उनका एनजीओ विशेष बच्चों के अधिकारों की वकालत के लिए काम करता है और उन्हें कानूनी, चिकित्सा और भावनात्मक मदद प्रदान करता है। एनजीओ ने धीरे-धीरे वंचितों और महिलाओं की मदद के लिए विस्तार किया है।
उनकी जीवन कहानी साहस और हर परिस्थिति में ढल जाने का प्रमाण है, उन्होंने दृढ़ भावना के साथ कई प्रतिकूल हालात का सामना किया और नारी फर्स्ट में ‘फियर्स और फियरलेस’ के टाइटल के लिए उनका चयन करते समय इन पहलुओं को ध्यान में रखा गया। नारी फर्स्ट में शर्मिता की उपलब्धि और ‘वर्ल्ड आइलैंड कल्चरल एंड टूरिज्म एंबेसडर पेजेंट’ में भारत का उनका आगामी प्रतिनिधित्व न केवल उनके लिए व्यक्तिगत खुशी लेकर आया है, बल्कि चंडीगढ़ और पूरे देश के लिए भी गर्व का क्षण बन गया है। भिंडर ने अंत में कहा कि जीवन हर किसी के सामने चुनौतियां लाता है, इससे लोग पूछते हैं कि भगवान ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया’ और इससे कई मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। हालांकि, मैंने सीखा है कि किसी को कठिन तरीके से लड़ना चाहिए जीवन में परिस्थितियों और समाधान खोजने के लिए आपको एक मजबूत दृष्टिकोण रखना होगा तभी आप मुसीबत से बाहर आ सकते हैं और अधिक हासिल कर सकते हैं। मैं युवा लड़कियों और महिलाओं को अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने, मानदंडों को तोड़ने और कुछ करने के लिए खुद को चुनौती देने की सलाह दूंगी, अलग जो बड़ा और बेहतर है, केवल इसी तरह से वे अपने सपनों को जी सकेंगी।’

लुधियाना डूगरी में गोपाल स्वीट्स के 18वें आउटलेट का शुभारंभ

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लुधियाना ( हरजिंदर सिंह,सोनू) । मिठाई, डेयरी उत्पाद, फास्ट फूड और भारतीय व्यंजनों में जाना माना नाम गोपाल स्वीट्स ने अपने व्यवसाय क्षेत्र का विस्तार करते हुए अपने नए आउटलेट का शुभारंभ किया है। गोपाल के इस 18वें आउटलेट को बुधवार से लुधियाना के डूगरी में शुरू किया गया है। गोपाल स्वीट्स का लुधियाना के डूगरी में यह आउटलेट स्वाद प्रेमियों को न केवल खुशी प्रदान करेगा बल्कि अपनी मिठाइयों, बहु- व्यंजन भोजन और शादी व पार्टी के उपहार पैकिंग के साथ खुशियां की सौगात फैलाएगा। इस मौके पर यहाँ राजनीति क्षेत्र से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर, विधायक गुरप्रीत गोगी, विधायक कुलवंत सिद्धू, विधायक अशोक पराशर, एक्स मिनिस्टर भरत भूषण आशु और विधायक अजीत पाल सिंह कोहली मौजूद थे, तो वहीं लुधियाना के विख्यात गणमान्य शख्सियत संजय जैन बरनाला, संजीव सूद बांके, भोला महाराजा रीजेंसी, सतीश गुप्ता, रोहित पुनियानी (जी के ग्रुप) मदन गोयल सहित अशोक गुप्ता भी उपस्थित हुए।
गोपाल स्वीट्स के डायरेक्टर मनिंदर सिंह ने बताया कि गोपाल स्वीट्स पिछले 60 साल से ज्यादा समय से लोगों की सेवा करता है। यह लोगों का प्यार ही है, जो आज गोपाल घर घर में एक जाना पहचाना नाम है। उन्होंने कहा कि हमारा हमेशा से एक ही लक्ष्य रहा है लोगों को शुद्ध और हाईजेनिक मिठाई उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि जल्द ही लुधियाना साउथ सिटी, खरड़ कुराली रोड, पटियाला संगरूर रोड और जीरकपुर में भी एक अन्य आउटलेट की शुरुआत होने जा रही है। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि आने वाले एक साल में गोपाल स्वीट्स पंजाब और हरियाणा में अपने 10 नए और आउटलेट की शुरुआत करने जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि जैसे कि आम का सीजन चल रहा है, उसको देखते हुए आउटलेट में मैंगो डिशेस की कई सारी वेरायटीज पेश की गई हैं। जोकि ग्राहकों के लिए निश्चित रूप से अलग अहसास होगा। गोपाल के डायरेक्टर शरणजीत सिंह ने कहा कि हमने क्वालिटी से कभी भी कंप्रोमाइज नहीं किया। यही वजह है कि कस्टमर्स गोपाल स्वीट्स के स्वीट्स व अन्य प्रोडक्ट्स पसंद करते हैं। शरणजीत सिंह ने कहा कि यहां तक खाेये की मिठाई का सवाल है तो हम अपना खोया खुद बनाते हैं, जिसके चलते खोये वाली मिठाई पर उन्हें पूरा विश्वास है कि वो जल्दी खराब नही होगी।
उन्होंने बताया कि चाहे मिठाई हो या स्नेक्स हर चीज को बनाने में हम क्वालिटी के साथ कभी समझौता नहीं करते। यही वजह है कि वर्षों से कस्टमर्स हमारे से जुड़े हुए हैं। लोगों का भरोसा जीतने के साथ ही ट्राईसिटी में 10 स्टोर हो गए हैं। इसके अलावा 4 पटियाला में और अब लुधियाना में 02 हो गए है। 1 धर्मपुर- हिमाचल और अम्बाला में है। अब कुल 18 स्टोर हैं। अब जल्द ही अन्य शहरों में भी स्टोर खोलने की तैयारी है। इस अवसर गोपाल स्वीट्स के अन्य डायरेक्टर मनप्रीत सिंह, शमशेर सिंह और भावना सिंह भी उपस्थित थे।

चंडीगढ़ युवा दल ने की अवैध एंबुलेंस पर प्रतिबंध लगाने की मांग, जांच शुरू

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स)। चंडीगढ़ युवा दल के प्रधान विनायक बांगिया व संयोजक सुनील यादव ने अवैध एंबुलेंस पर लगाम कसने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंडीगढ़ और जिला परिवहन अधिकारी को शिकायत कर इन पर प्रतिबंध लगाने, किराया निश्चित करने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच को संबधित थानों में मार्क कर जांच शुरू करने का आश्वासन दिया गया है दल के प्रधान बांगिया ने बताया कि कई एम्बुलेंस विभागीय नियमों का पालन नहीं कर रही है। कई प्राइवेट अस्पताल में जो एम्बुलेंस अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे मरीजों के परिजनों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

सस्ते के चक्कर में जान से खिलवाड़, एंबुलेंस में लगाए जा रही अवैध सीएनजी किट

एंबुलेंस की फिटनेस के लिए स्वास्थ्य विभाग की चेक लिस्ट के अनुसार मानक पूरे होने जरूरी हैं और अस्पताल द्वारा संचालन का लेटर या संबंद्धता का किसी भी प्रकार का कागज होना जरूरी है ताकि एंबुलेंस संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। परन्तु शहर के बड़े अस्पतालों में दौड़ रहीं अवैध सीएनजी किट से लैस यह एंबुलेंस कभी भी बड़े हादसे को न्योता दे सकती हैं। यह सब केवल कुछ हजार रुपये बचाने के चक्कर में किया जा रहा है। सीएनजी एंबुलेंस मरीजों को साथ ले कर ही फिलिंग स्टेशन पर जा रही है जो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है ।

पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए क्षेमा का तोहफा – सुकृति

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स)। इस खरीफ सीज़न में फसलों को सुरक्षित करने के लिए क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने पंजाब और हरियाणा में ‘प्रकृति’ के साथ अपने प्रमुख फसल बीमा उत्पाद ‘सुकृति’ की उपलब्धता की घोषणा की है। इन योजनाओं की सहायता से इन दो राज्यों में किसानों को 100 से अधिक फसलों को सुरक्षित करने की सुविधा मिलेगी। सुकृति मात्र 499 रुपए प्रति एकड़ की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है।
पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल उत्पादन में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। प्रकृति का प्रकोप इनमें से एक है। अति मौसमी घटनाएं प्रबल होती जा रही हैं और बढ़ती जा रही हैं। किसानों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और साथ ही फसलों को भारी मात्रा में नुकसान पहुँच रहा है, जिससे उनकीआय की क्षति होती है।
लेकिन, किसान इस खरीफ सीज़न में सुकृति के साथ अपनी आय सुरक्षित कर सकते हैं। क्षेमा सुकृति अपनी तरह का पहला फसल बीमा उत्पाद है। यह किसानों को अद्वितीय सुविधाएं प्रदान करता है, जिसमें स्वनिर्धारण एक है। यह चयन जलवायु, क्षेत्र, खेत के स्थान और ऐतिहासिक पैटर्न के आधार पर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा में किसान ओलावृष्टि और जानवरों के हमलों के खिलाफ अपनी फसलों का बीमा कराने का विकल्प चुन सकते हैं, जो इन राज्यों में बेहद आम हैं। हालाँकि, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में किसान अपनी फसलों को भूस्खलन से बचाने का विकल्प चुन सकते हैं।
सीवी कुमार, चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर, क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, ने कहा कि हम उन चुनौतियों को गहन रूप से समझते हैं, जिनका सामना अक्सर किसानों को करना पड़ता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सुकृति को डिज़ाइन करते समय हमने उन बारीक से बारीक कारकों पर विचार किया, जो उनकी बीमा संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करते हैं। हमारी सुकृति योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी आय में होने वाली क्षति से बचाने में मदद करना है। यह बीमा किफायती और अनुकूलन योग्य है। इस वजह से किसान सुकृति को अपनी ज़रूरत और इच्छा के हिसाब से बना सकता है। इसमें किसानों को अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके अपनी बीमित राशि बढ़ाने का विकल्प भी मिलता है। इसके अतिरिक्त, हमने किसानों के लिए सुकृति खरीदने और दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित कर दिया है, जिससे यह अधिक सुलभ बन गई है।
करमबीर सिंह राय, चीफ ग्रोथ ऑफिसर, क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, ने कहा कि किसान गूगल प्लेस्टोर से क्षेमा ऐप डाउनलोड कर सकता है और कुछ आसान चरणों का पालन करके सुकृति खरीद सकता है। यह ऐप किसान को अपनी फसल और गाँव का चयन करने, अपने खेत को जियो टैग करने, प्रीमियम राशि और बीमा राशि की जाँच करने, और खरीद प्रक्रिया को पूरा करने के लिए केवाईसी सत्यापन की सुविधा प्रदान करती है। किसानों की सहायता करने के उद्देश्य से क्षेमा ने पॉइंट ऑफ सेल पर्सन नियुक्त किए हैं। किसान अपनी फसलों को खतरों से बचाने के लिए समर्पित हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकता है और सुकृति खरीदने के लिए पीओएसपी के साथ व्यक्तिगत रूप से भेंट भी कर सकता है।
नौ खतरों में चक्रवात, बाढ़, जलभराव (जलप्रिय फसलों के लिए लागू नहीं), ओलावृष्टि, भूकंप, भूस्खलन, बिजली गिरने से लगी आग, जानवरों के हमले (बंदर, खरगोश, जंगली सुअर और हाथी) और विमान से होने वाली क्षति शामिल हैं।
पंजाब और हरियाणा के अलावा सुकृति अब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, सिक्किम, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, और केंद्र शासित प्रदेश – पुदुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी उपलब्ध है।

सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप ने निवेशकों को म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के बारे में जागरूक किया

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स) । सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप ने म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के बारे में निवेशकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी), एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सहयोग से आयोजित किया गया था। सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप के चेयरमेन सुरिंदर वर्मा ने उद्घाटन भाषण देते हुए नवीनतम तकनीक का उपयोग करके शेयर बाजारों के माध्यम से धन बनाने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे मोबाइल ऐप्स ने व्यापार को बढ़ाने और डीमैट खाते खोलने में आसानी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बहुत अच्छे तरीके से समझाया कि नई तकनीक अपनाने में निवेशकों के सामने आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। जैसे कि इसके साथ जुड़े जोखिम, जैसे डेटा चोरी, अनियमितताएं आदि, जिनसे नुकसान हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों में उचित ज्ञान और जागरूकता की कमी है और पैसा खोने का डर है। ये जागरूकता कार्यक्रम निवेशकों को अधिक सतर्क और जागरूक बनाने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
सूर्यकांत शर्मा, सीनियर कंसल्टेंट एएमएफआई ने म्यूचुअल फंड निवेश पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और खुदरा निवेशकों के लिए जिला सुविधाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने संकेत दिया कि एमएफ निवेश सेबी द्वारा दृढ़ता से विनियमित हैं। उन्होंने म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश के महत्व पर जोर दिया जो जोखिमों के प्रबंधन और उच्च रिटर्न का ख्याल रखेगा। उन्होंने आगे बताया कि म्यूचुअल फंड निवेश परिसंपत्तियों में विविधीकरण का भी ख्याल रखता है। उन्होंने प्रतिभागियों, विशेष रूप से युवाओं को अपने करियर के शुरुआती वर्षों में एसआईपी शुरू करने और निवेश पर अच्छे रिटर्न पाने के लिए इसे लंबी अवधि के लिए अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एमएफ निवेश में एसटीपी और एसडब्ल्यूपी सुविधाओं का विवरण भी दिया।
हिमानी लठ, सेबी स्मार्ट ट्रेनर ने म्यूचुअल फंड की विशेषताओं और प्रकारों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने विस्तार से बताया कि निवेशकों की जोखिम क्षमता, उम्र आदि के अनुसार कौन सी योजना उपयुक्त है। उन्होंने म्यूचुअल फंड शुरू करने के तरीकों के बारे में बताया और एसआईपी शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने पूंजी बाजारों में संस्थाओं के खिलाफ कोई भी शिकायत दर्ज करने के लिए सेबी के स्कोर्स प्लेटफॉर्म के बारे में भी बताया। रवि मिश्रा बीएसई के सीनियर ऑफिसर ने भी निवेशकों में जागरूकता पैदा करने के लिए अपने शब्दों से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। एनके गुप्ता मेंबर, मैनेजर कमेटी ऑफ दिल्ली मैंनेजमेंट ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। अंत में एक खुला सत्र आयोजित किया गया, जिसमें पैनलिस्टों द्वारा निवेशकों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए।

चुन्नी कलां में बनेगा तीसरा अकाल ड्रग्स डी एडिक्शन सेंटर

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स) । नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर, अकाल ड्रग्स डी एडिक्शन सेंटर ने पंजाब के चुन्नी कलां में अपना तीसरा केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है । अकाल ड्रग्स डी एडिक्शन एवं रिहैबिटेशन सेंटर कलगीधर ट्रस्ट के तत्वावधान में चलाए जा रहे हैं, जो एक गैर-लाभकारी धर्मार्थ ट्रस्ट है, जिसने चुन्नी कलां में नए सेंटर के लिए 2.5 एकड़ जमीन दान की है। वर्तमान में अकाल ड्रग्स डी एडिक्शन सेंटर दो सेंटरों का संचालन कर रहा है, एक हिमाचल प्रदेश के बारु साहिब में और दूसरा पंजाब के चीमा साहिब में। 50 बिस्तरों वाले नए सेंटर में परिसर में एक रिसर्च सेंटर भी होगा।
अकाल ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर के सेवानिवृत डायरेक्टर कर्नल डॉ. राजिंदर सिंह जो नशे की लत के खिलाफ 90 वर्षीय योद्धा हैं, ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस नए सेंटर में एक अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास सुविधा होगी, जो अनुसंधान केंद्रित दृष्टिकोण के साथ स्थायी परिवर्तन लाने के लिए आध्यात्मिकता को अद्वितीय रूप से एकीकृत करते हुए पूर्ण आधुनिक क्लीनिक उपचार प्रदान करेगी। कर्नल सिंह पेशे से मनोचिकित्सक हैं और भारतीय सेना के एक अनुभवी हैं। 50 से अधिक वर्षों से, वे युवाओं को नशीली दवाओं के खतरे से बचाने के लिए अपनी लड़ाई में भरसक प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सेना में 30 साल सेवा देने के बाद, सैन्य कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, डॉ सिंह ने भारत के सीमावर्ती राज्य पंजाब में नशीली दवाओं की लत से निपटने के लिए अपने प्रयासों को पुनः निर्देशित किया। वे 90 वर्ष की उम्र में भी इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए खुद को समर्पित करते हैं, और सभी के लिए प्रेरणा के एक स्रोत बने हुए हैं।
कर्नल सिंह ने कहा कि पंजाब गंभीर नशीली दवाओं की लत के संकट से जूझ रहा है, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हो रहे हैं और सामाजिक संरचनाओं में दरार पड़ रही हैं। नया सेंटर न केवल लत के लक्षणों को बल्कि भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दर्द को भी समझेगा, जो उनके सुधार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगा। इस पहल के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम ड्रग्स और अल्कोहल को मुख्य मुद्दों के रूप में नहीं बल्कि अंतर्निहित दर्द और गलत धारणाओं के समाधान के रूप में देखते हमारा दृष्टिकोण प्रत्येक रोगी के साथ काम करना शामिल है ताकि उनके बचाव के लिए सुरक्षित रूप से काम किया जा सके और इसके पीछे क्या छिपा है, उसे उजागर किया जा सके। हम विशेषज्ञ मनोचिकित्सकों और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा प्रदान किया जाने वाला बेहतरीन चिकित्सा उपचार प्रदान करते हैं। हमारी समग्र देखभाल दवा, आहार, योग और कॉजिनिटिव बिहैवियरल थेरेपी को एकीकृत करती है। अचेतन को सचेत बनाने से शक्तिशाली उपचार और स्वयं के साथ सच्ची लडाई की अनुमति मिलती है।
चंडीगढ़ में वर्ल्ड साइकियाट्रिक एसोसिएशन सहयोग केंद्र के डायरेक्टर और पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के साइकाइट्री विभाग के प्रमुख डॉ. देबाशीष बसु ने कहा कि “सब्सटेंस यूज डिस्आर्डर (मादक द्रव्य उपयोग विकार) (एसयूडी, जिसे अक्सर बोलचाल की भाषा में नशीली दवाओं का दुरुपयोग या लत कहा जाता है), यह एक बायो-साइको-सोशो- स्पिरिचुअल स्थिति है जो व्यक्तियों, उनके परिवारों, समुदायों, समाजों और राष्ट्रों के लिए विनाशकारी है। सभी जटिल समस्याओं की तरह, जो बहुक्रियात्मक हैं, यह बायो-साइको-सोशो- स्पिरिचुअल परिप्रेक्ष्य के साथ एक समग्र दृष्टिकोण की हकदार है। सभी चार घटक एसयूडी वाले व्यक्तियों की सफल रिकवरी और मुख्यधारा के समाज में उत्पादक सदस्यता के लिए उनके अंतिम परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि, सामान्य रूप से क्षेत्र में और विशेष रूप से पंजाब में नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए, कलगीधर ट्रस्ट मोहाली जिले के चुन्नी कलां में एक और नशा मुक्ति-सह-अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो एसयूडी के रोगियों को समग्र उपचार और देखभाल प्रदान करने वाला अपनी तरह का पहला केंद्र होगा।
इस अवसर पर पंजाबी लेखिका, बाल रोग विशेषज्ञ एवं कार्यकर्ता डॉ. हरशिन्दर कौर तथा प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सिमी वरैच भी उपस्थित थीं। नशे की लत को दूर करने में निवेश करें प्रतिदिन 1 रूपया- दान करें 1 रुपया प्रतिज्ञा, नशे की लत के खिलाफ कर्नल डॉ. राजिंदर सिंह के आजीवन मिशन का समर्थन करने के लिए एक सरल लेकिन शक्तिशाली प्रतिबद्धता का प्रतीक है। डॉ. सिंह ने प्रतिदिन 1 रुपया दान करके बदलाव की इस श्रृंखला की शुरुआत की, जो उनके 90 साल के पूरे जीवन के बराबर है। अब, आपके पास इस अभियान में शामिल होने का अवसर है, अपनी या अपने प्रियजनों की उम्र के अनुसार प्रतिदिन केवल 1 रुपया दान करने का संकल्प लेकर।

मेक- ए- पाजिटिव चेंज : पपीज़ के साथ पेंटिंग में 40 युवाओं ने लिया हिस्सा

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स)। बेजुबानों की निस्वार्थ भाव से सेवा में जुटी हुई एनजीओ अप लिफ्टिंग स्ट्रे फाउंडेशन ने चंडीगढ़ में पहली बार पपीज के साथ पेंटिंग का आयोजन किया । फाउंडेशन की फाउंडर मुस्कान शर्मा ने बताया कि वह कोरोना काल से इन बेजुबान जानवरों व पशुओं की सेवा में निस्वार्थ भाव से जुटी हुई है और वह चाहती हैं कि सभी शहारवासी निस्वार्थ भाव से इन बेजुबान जानवरों को अपनाएं , इसी उद्देश्य से उन्होंने इस मैसेज को युवाओं, बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं सभी तक पहुंचाने के लिए सेक्टर -7 के सोशल में इस कार्यक्रम पैन्ट विद पपीज एंड अडॉप्ट वन टू का आयोजन किया ।
मुस्कान ने बताया कि उन्हें उम्मीद से ज्यादा रिस्पांस मिला क्योंकि छुट्टी का दिन रविवार था शहर के युवा काफी संख्या में सोशल पहुंचे हुए थे और इस इवेंट को देखकर वह दंग रह गए और ब्रश लेकर अपना हाथ आजमाने में जुट गए। मुस्कान का मानना है कि ये बेजुबान भी हमारे समाज का ही हिस्सा है और जाने अनजाने में हमारी सहायता भी करते हैं तो क्यों ना हम इन्हें अडॉप्ट करें।

इज़रा कॉउचर बाइ समीर ने चंडीगढ़ में अपना स्टोर खोला

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चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स)। शहर के प्रमुख शॉपिंग सेंटर, सेक्टर 17 में, इज़रा कॉउचर बाइ समीर शुरू होने के साथ चंडीगढ़ के फैशन जगत में क्रांति आने वाली है। यह वन-स्टॉप डिज़ाइनर स्टोर सभी क्षेत्रों के ग्राहकों की विविध फैशन जरूरतों को पूरा करता है। निफ्ट के पूर्व छात्र, समीर गुप्ता ने इसे शुरू किया है, जो मोंटे कार्लो और गैप जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों से वर्षों तक जुड़े रहे हैं। इजरा कॉउचर हर उम्र की महिलाओं के लिए डिज़ाइनरवियर, पुरुषों के लिए विशेष क्लब शर्ट और पार्टीवियर, किशोरों व युवाओं के लिए ट्रेंडी आउटफिट, कस्टम-मेड जूते और एक्सेसरीज़ के साथ अद्वितीय डिज़ाइनर किड्सवियर और ग्लैमरस ईवनिंग गाउन तथा डैपर सूट उपलब्ध कराता है।
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की पूर्व मानद महासचिव, रंजीता मेहता कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने स्टोर के शुभारंभ के दौरान कहा कि मैं समीर को हार्दिक बधाई देती हूं और ट्राइसिटी वासियों को फैशन में कुछ नया पेश करने की कोशिश के लिए उन्हें शुभकामनाएं देती हूं।
इस मौके पर समीर ने कहा कि इज़रा कॉउचर को जो चीज सबसे अलग बनाती है, वो है ट्राइसिटी रीजन में एकमात्र ऐसा ब्रांड होना जो मनमाफिक फुटवियर और एक्सेसरीज के साथ डिजाइनर किड्सवियर पेश करता है। इसके अलावा, यह चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में पुरुषों के क्लब और पार्टीवियर के विशिष्ट सप्लायर के रूप में मौजूद है। इस फैशनेबल वंडरलैंड में कदम रखिए और हमारी अविश्वसनीय डिजाइन प्रक्रिया का जायजा लीजिए। शहरी पेशेवरों से लेकर फैशनेबल परिवारों तक, इज़रा कॉउचर का लक्ष्य आपका मुख्य स्टाइल अड्‌डा बनना है। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में इज़रा कॉउचर पर जाइए और एक ऐसी दुनिया में कदम रखिए जहां फैशन के सपने साकार होते हैं। नए फैशन ठिकाने का पता है: इज़रा कॉउचर, एससीओ 14, सेकेंड फ्लोर, नीलम थिएटर के पास, सेक्टर 17, चंडीगढ़।

महान संत कबीरदास की रचनाओं में पर्यावरण संरक्षण का संदेश : प्रभुनाथ शाही

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चंडीगढ़ । महान संत कबीरदास के प्राकट्य दिवस के पावन अवसर पर जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन के संस्थापक प्रभुनाथ शाही ने कोटि कोटि नमन करते हुए बताया कि संत कबीरदास की रचनाओं से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के महत्त्वपूर्ण संदेश मिलते है । अपने फाउंडेशन के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए शाही ने बताया कि हम सभी को संत कबीरदास की वाणी से शिक्षा लेते हुए पर्यावरण संरक्षण की लिए पूरे तन्मयता से काम करना चाहिए । विहंगम योग संस्थान ट्राइसिटी के प्रमुख अजय दुबे ने बताया कि फाउंडेशन के साथ मिलकर पिछले दो वर्षों से पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है और इस वर्ष भी एक वाटिका को विकसित किया जाएगा। एसएस जैन सभा मोहाली के प्रधान अशोक जैन ने बताया कि महावीर वाटिका की वर्षगाँठ पूरे उत्साह के साथ पौधा लगाओ और पौधा बचाओ के संदेश के साथ मनाया जाएगा।