Sunday, September 8, 2024
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गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर किया पौध रोपण

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चंडीगढ़ । गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन की ओर से संगम वाटिका सेक्टर 46,चंडीगढ़ में शमी का पौधा लगाया गया और सहभागियों को औषधीय पौधे सप्रेम भेट किए गए।इस अवसर पर फाउंडेशन के संस्थापक प्रभुनाथ शाही ने बताया कि ऋद्धि और सिद्धि के दाता भगवान गणेश को शमी का वृक्ष अति प्रिय है,इसलिए शमी की पतियाँ भगवान गणेश की पूजा में चढ़ाई जाती है। शमी के पौधे में महादेव शिव शंकर का वास माना गया है। शमी का पौधा नकारात्मकता दूर करता है और घर में सुख,शांति और समृद्धि दायक है। संगम फिलिंग स्टेशन सेक्टर 46 के प्रबंधक उमाकान्त तिवारी ने सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए पौधा लगाने और बचाने का आग्रह किए।
एक पेड़ देश के नाम अभियान के महासचिव प्रताप सिंह कौशल ने जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के कार्यों की सराहना करते हुए संगम वाटिका के शत प्रतिशत सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त किये। वहीं पौधरोपण कार्यक्रम में रघुबीर ,संजय कुमार और रजनीश राणा का विशेष सहयोग रहा।

भोजन एक भावना है जो हमारे जीवन के खालीपन को भर देता है: गुनीत स्वानी

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चंडीगढ़ । चंडीगढ़ मिलेट्स एंबेसडर गुनीत स्वानी एक ऐसे कॉन्सेप्ट का प्रचार कर रही हैं जो यूनिक है । वे भोजन और मानवीय भावनाओं के बीच वैज्ञानिक संबंध के बारे में विभिन्न मंचों पर बात करती हैं। गुनीत की बातचीत उनके द्वारा तैयार की गई एक महत्वपूर्ण थीम – ‘हमारे जीवन में भावना के रूप में भोजन का महत्व’ पर केन्द्रित रहती है । हाल ही में टेडएक्स इवेंट में इस थीम पर उनके इनोवेटिव विचारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में गुनीत सहित कई दूरदर्शी लोगों ने ‘अतीत, वर्तमान और भविष्य’ थीम पर अपने विचार और दृष्टिकोण साझा किए। उल्लेखनीय है कि गुनीत के संबोधन को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी खुलकर सराहा। शुक्ला इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे और उन्होंने इस टॉक में काफी दिलचस्पी दिखाई।
गुनीत ने बताया कि भोजन के साथ भावनाएं किस तरह जुड़ी हुई हैं, इसलिए उनके भाषण की दर्शकों ने खुले दिल से सराहना की। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि “हमें वास्तव में यह समझने की आवश्यकता है कि भोजन क्या है। भोजन केवल पोषण के बारे में नहीं है, बल्कि एक भावना है जो हमारे जीवन में खालीपन को भरती है। भोजन वास्तव में हमारी भावनाओं और संवेदनाओं को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने भोजन और भावना के बीच संबंध को समझाने के लिए अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी पसंदीदा व्यंजन की सुगंध आपको अपने बचपन में वापस ले जा सकती है, जबकि किसी प्रिय व्यंजन का स्वाद गर्मजोशी और प्यार की भावना पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रियजनों के साथ भोजन साझा करने से बंधन बनते हैं और अपनेपन की भावना बढ़ती है। भोजन मेरे लिए किसी टीचर और मार्गदर्शन के सोर्स से कम नहीं रहा है।
अपने भाषण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुनीत ने कहा कि “भोजन एक ऐसा पुल है जो अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ता है, परंपरा, इनोवेशन और आकांक्षा के धागों को एक साथ बुनता है। यह हमारे पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाता है, पीढ़ियों से चली आ रही रेसिपी और व्यंजनों को पकाने की कला को संरक्षित करता है, और भोजन के हर निवाले के साथ इतिहास का स्वाद मिलता है। वर्तमान में, भोजन हमारी संस्कृतियों की विविधता और आधुनिक पाककला की रचनात्मकता को दर्शाता है। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि“उत्सव या दुख के समय में, भोजन एक निरंतर साथी होता है, जो सांत्वना और खुशी प्रदान करता है। चाहे वह घर के बने खाने का आराम हो या कुछ नया आज़माने का उत्साह, भोजन हमारी भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ता है, जिससे यह हमारे जीवन और अनुभवों का एक अभिन्न अंग बन जाता है। भोजन हमारे जीवन में बहुत आराम लाता है। यह हमें भावनात्मक तौर पर भी काफी मजबूत बनाता है।
यह उल्लेखनीय है कि गुनीत स्वानी, मिलेट्स की एक उत्साही समर्थक के रूप में न्यूट्रीशनल रेनॉसांस (पोषण पुनर्जागरण) के मामले में सबसे आगे हैं, जो इसे हीलिंग फूड और जलवायु परिवर्तन के सामने एक स्थायी विकल्प, दोनों के रूप में पेश करतीं हैं। इवेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए गुनीत ने कहा कि मुझे लगता है कि भोजन पोषण से कहीं अधिक है। भोजन केवल कैलोरी का स्रोत नहीं है, बल्कि जब हम खाते और पकाते हैं तो बहुत सारी भावनाएं शामिल होती हैं।
गुनीत ने कहा कि जब हम भूखे होते हैं और खाने के लिए तरसते हैं, तो इससे जलन या ‘भूख’ की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, जो हमें असंतुलित कर सकती हैं। एक तरह से हमारा गट अक्सर ‘गाइडिंग सिस्टम’ के रूप में काम करता है, इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है। जहाँ कैलोरी सामग्री आदि जैसी चीज़ों के बारे में सचेत रहना ज़रूरी है, खासकर अगर आपको कोई ख़ास स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, वहीँ लगातार भोजन का मूल्यांकन करने के बजाय उसकी सराहना करना भी महत्वपूर्ण है।

गिलको इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने जूनियर पोएट लॉरेट प्रतियोगिता में हासिल की शानदार जीत

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मोहाली । गिलको इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने इंटर-स्कूल जूनियर पोएट लॉरेट प्रतियोगिता में शानदार सफलता हासिल की है। यह प्रतियोगिता बनयान ट्री स्कूल द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें गिलको इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा II की दीपिता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और कक्षा II की रिधिका को प्रेस्टीजियस कॉन्सोलेशन प्राइज से नवाजा गया। इन पुरस्कारों ने स्कूल की युवा प्रतिभाओं को उजागर किया है।
इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. कृतिका कौशल ने कहा कि हम दीपिता और रिधिका की इस उपलब्धि पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। गिलको इंटरनेशनल स्कूल में, हम अपने छात्रों को बचपन से ही भाषा और रचनात्मकता के प्रति प्रेम सिखाने के लिए समर्पित हैं। यह सफलता हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत और स्कूल के समग्र शिक्षा के प्रति समर्पण का परिणाम है। गिलको इंटरनेशनल स्कूल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति समर्पित है, बल्कि छात्रों के क्रिएटिव टैलेंट को भी निखारता है। इस प्रतियोगिता में मिली जीत से यह साफ है कि स्कूल अपने छात्रों को प्रतिष्ठित मंचों पर चमकने के लिए निरंतर अवसर प्रदान करता है और उनकी हर उपलब्धि को गर्व के साथ मनाता है।

डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी में ‘35वें अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक कांग्रेस 2024’ में पेपर प्रस्तुत

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चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के सीडीओई के भूगोल विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. सुच्चा सिंह ने आयरलैंड के डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी (डीसीयू), डबलिन में 24-30 अगस्त को आयोजित प्रतिष्ठित “35वें अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक कांग्रेस 2024” के निमंत्रण पर “जलवायु परिवर्तन के बारे में किसानों की धारणा, इसका उनकी आजीविका पर प्रभाव और पर्वतीय कृषि में अनुकूलन निर्णय: किन्नौर, हिमाचल प्रदेश, भारत से साक्ष्य”विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
इस शोध में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के तीन ऊंचाई वाले क्षेत्रों से 240 किसानों के प्राथमिक क्षेत्र सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करके किसानों की धारणाओं, इसके प्रभावों और जलवायु परिवर्तनों के प्रति अनुकूलन की जांच की गई। परिणामों से पता चला कि जलवायु परिवर्तन ने तीनों क्षेत्रों के पर्वतीय कृषक समुदायों की आजीविका के लिए गंभीर जोखिम पैदा किया है, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में 3250 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि किसान जलवायु परिवर्तन के जवाब में विभिन्न स्वायत्त जलवायु अनुकूलन उपायों को अपना रहे हैं। अध्ययन के निष्कर्ष राज्य सरकार के लिए नीति और संस्थागत हस्तक्षेप, विशेष रूप से प्रशिक्षण और कार्यक्रम आयोजित करने और तीन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जलवायु स्मार्ट कृषि पर बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए उपयोगी होंगे। पेपर के सह-लेखक असीम, वरिष्ठ रिसर्च फेलो, भूगोल विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी थे जिन्होंने गहन क्षेत्र सर्वेक्षण डेटा एकत्र किया था।
पेपर प्रस्तुति को प्राथमिक डेटा परिणामों पर सत्र अध्यक्ष प्रोफेसर एग्निस्का डोरोटा वाइपिक, जगियेलोनियन यूनिवर्सिटी, क्राको, पोलैंड, प्रोफेसर जुन मात्सुमोतो, अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक संघ के जलवायु विज्ञान आयोग (सीओसी) के पूर्व अध्यक्ष, टोक्यो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी, टोक्यो, डॉ. मिका इचिनो, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान संस्थान, जापान और अन्य प्रतिनिधियों से गहन श्रोता सहभागिता प्राप्त हुई।

झौंपड़ पट्टी में रहने वाले सरकारी स्कूल के बच्चे हिंदी में सीख रहे कोडिंग

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ट्राईसिटी में पहली बार एप्टकोडर से मिलकर प्रयोग फाउंडेशन व आशी हरियाणा का संयुक्त प्रयास

पंचकूला। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में इस्तेमाल होने वाली भाषा को प्रोगरामिंग लैंग्वेज कहा जाता है। इसे लिखने की प्रक्रिया को कोडिंग कहते हैं। अभी तक आपने यह देखा व सुना होगा कि कोडिंग को केवल अंग्रेजी भाषा में ही सीखा जा सकता है लेकिन ट्राईसिटी में पहली बार झौंपड़ पट्टी के क्षेत्रों में रहकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चे हिंदी में कोडिंग सीख रहे हैं।
एप्टकोडर इंडिया, प्रयोग फाउंडेशन तथा आशी हरियाणा के संयुक्त प्रयासों से यह संभव हो रहा है। पंचकूला के वार्ड नंबर सात के अंतर्गत आते गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल बुढनपुर में शुरू हुए इस अनोखे प्रयास के बारे में जानकारी देते हुए आईआईटी मुंबइ के पूर्व छात्र एवं एप्टकोडर के संस्थापक व सीईओ गौरव अग्रवाल व सहायक संस्थापक आशीष भट्ट ने बताया कि एप्टकोडर ने एशिया में पहला ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया है जिसकी मदद से बच्चे हिंदी, पंजाबी या उर्दू समेत कई स्थानीय भाषाओं में कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे साफ्टवेयर सीख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि भविष्य में कोडिंग का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। मॉडल स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे तो पैसा खर्च करके प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकते हैं लेकिन बीपीएल श्रेणी के बच्चों के लिए यह संभव नहीं है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से कोडिंग साक्षरता अभियान को उन बच्चों तक उन्हीं की भाषा में पहुंचाए जाने का बीड़ा उठाया गया है जिनकी पहुंच से यह दूर है।
इस अवसर पर बोलते हुए आशी हरियाणा के वरिष्ठ अरुण कुमार अग्रवाल ने बताया कि बीपीएल परिवारों के बच्चों को मॉडल स्कूलों के बच्चों के बराबर पहुंचाने के उद्देश्य से यह कोर्स पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए शुरू किया गया है। इन बच्चों के लिए यहां बकायदा एक कंप्यूटर टीचर को रखा गया है। भविष्य में इसका विस्तार करते हुए आगे बढ़ाया जाएगा। प्रयोग फाउंडेशन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि संस्था द्वारा अपने प्रोजेक्ट डिजीटल हयूमन के माध्यम से पंचकूला जिले में बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। निकट भविष्य में मांग के अनुसार कंप्यूटर सेंटरों का विस्तार किया जाएगा।

अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपलब्धियों के बारे में छात्रों को दी गई जानकारी

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एसडी कॉलेज में आयोजित हुआ व्याख्यान और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता

चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज के साइंस क्लब की ओर से एनएसएस यूनिट, बोसोन्स और रेजोनेंस क्लब के सहयोग से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया जिसे चंडीगढ़ प्रशासन के साइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं रिन्यूएबल एनर्जी विभाग की ओर से प्रायोजित किया गया था। इस दौरान “भारतीय अंतरिक्ष खोज: चंद्रमा, अंतरग्रहीय मिशन और ब्रह्मांड” विषय पर व्याख्यान और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी (पीआरएल), अहमदाबाद के प्लेनेटरी रिमोट सेंसिंग सेक्शन के प्रमुख प्रोफेसर नीरज श्रीवास्तव सत्र के मुख्य वक्ता थे। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान करना और इस दिशा में छात्रों को प्रेरित करना था।
उन्होंने चंद्रयान मिशन और चंद्रयान-3 से प्रारंभिक चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने के विचारों पर चर्चा की। व्याख्यान के बाद वक्ता और छात्रों के बीच एक सक्रिय इंटरैक्टिव सत्र हुआ, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भारत के अंतरिक्ष मिशन के संबंध में कई प्रश्न पूछे। इस अवसर पर छात्रों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। छात्रों ने अंतरिक्ष विज्ञान की अपनी समझ को दर्शाते हुए आकर्षक पोस्टरों के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और वैज्ञानिक ज्ञान को व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के गौरव को सेलिब्रेट करना था, बल्कि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अंतरिक्ष उत्साही लोगों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करना भी था। इस कार्यक्रम में लगभग 150 छात्रों और शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का समापन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को भारत के अद्भुत अंतरिक्ष मिशन का भावी पथप्रदर्शक बनने के लिए प्रेरित किया।

पब्लिक हेल्थ के कार्यकारी अभियंता हुए सेवानिवृत

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चंडीगढ़ । चंडीगढ़ नगर निगम पब्लिक हेल्थ में कार्यरत कार्यकारी अभियंता जगदीश सिंह 35 वर्षों का लंबा सफर तय करके बीते दिनों सेवानिवृत हो गए । विदाई समारोह के दौरान नगर निगम पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन अमित शर्मा , एसडीओ यश पाल शर्मा , एसडीओ ललित कुमार के साथ साथ अन्य कर्मियों ने भी कार्यकारी अभियंता जगदीश सिंह के कार्यकाल को खूब सहराया एवं उन्हें खुशी खुशी विदाई दी । उन्होंने कहा कि जगदीश सिंह एक बहुत ही ईमानदार एवं लग्नशील अधिकारी रहे हैं , उन्होंने हमेशा ही कठिन से कठिन कार्य को बड़ी कुशलता से पूरा किया । उनकी सबसे बड़ी खास बात यह रही कि वे हमेशा किसी को भी छोटा बड़ा नहीं समझते थे, समस्या आने पर वह एक कर्मचारी की बात को भी ऐसे सुनते थे मानो वह उनकी निजी समस्या हो, और उसको वह प्राथमिकता के आधार पर लेकर , उस समस्या का निदान करते थे। उनकी सेवा एवं कार्य करने की उदारता शैली को निगम हमेशा याद रखेगा । कार्यकारी अभियंता जगदीश सिंह ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनका विभाग उन्हें इस कदर प्यार एवं स्नेह करता है , आज वे बेशक अपने पद से रिटायर हो गए हैं परंतु भविष्य में विभाग को जब भी उनके अनुभव की आवश्यकता पड़ेगी तो वह हमेसा सेवा के लिए तत्पर रहेंगे। उन्होंने अपने स्वर्ण काल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सफर जेई के पद से शुरू किया था और देखते ही देखते 35 वर्ष का सफर कब में कट गया उन्हें पता ही नहीं चला और आज कार्यकारी अभियंता के पद पर पहुंच कर सेवानिवृत हो गए। नगर निगम उनका एक परिवार है वह हमेशा इस परिवार के साथ जुड़े रहेंगे।

पंजाब में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल, हाईकोर्ट के एक वकील की कहानी

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निष्क्री यता
निष्क्री यता

चंडीगढ़ । पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील डॉ. रोहित शेखर शर्मा 21 अगस्त की रात को अमृतसर से चंडीगढ़ लौट रहे थे। उनकी कार को जिमिंदरा ट्रैवल्स की एक निजी बस ने ओवरटेक किया, जो जम्मू से चंडीगढ़ की ओर जा रही थी। वकील ने बस ड्राइवर की लापरवाही पर ध्यान दिया और कुछ ही समय बाद, फगवाड़ा के पास एक दुर्घटना का दृश्य देखा। एक मोटरसाइकिल चालक, 22 वर्षीय बलबीर कुमार, जो बस के नीचे कुचला गया था, के चारों ओर लोग इकट्ठा थे। वकील ने तुरंत पीड़ित की मदद करने की कोशिश की, लेकिन उसे पता चला कि बलबीर की मौत हो चुकी थी। इसके बावजूद, बस का ड्राइवर ब्रह्म दत्त मौके से भाग गया। वकील ने तुरंत 112 पर कॉल किया, लेकिन पुलिस की प्रतिक्रिया न के बराबर थी। डॉ. शर्मा ने पुलिस कंट्रोल रूम से बार-बार संपर्क किया, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ बहाने मिले। उन्होंने बस का पीछा करना जारी रखा और उसकी लाइव लोकेशन पुलिस के साथ साझा की। वकील की 40 से अधिक कॉल्स और लगातार प्रयासों के बावजूद, कोई पुलिसकर्मी या वाहन नहीं मिला। आखिरकार, जब वकील ने पुलिस कंट्रोल रूम को धमकी दी कि वह उच्च न्यायालय में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ शिकायत करेंगे, तो पुलिस हरकत में आई और मोहाली में बस को रोक लिया। बस ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन पुलिस ने उसे अगले दिन छोड़ दिया। डॉ. शर्मा ने पंजाब पुलिस की निष्क्रियता की आलोचना की और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और डीजीपी गौरव यादव से कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि हिट एंड रन मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और 112 नंबर के प्रभावी उपयोग की जरूरत है। हम खुशी से घोषणा कर रहे हैं कि एक नया एनजीओ “फ्री लॉ एड” शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं, साइबर अपराध, आव्रजन धोखाधड़ी और पुलिस लापरवाही के पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना है। यह एनजीओ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील लखविंदर सिंह सिद्ध और डॉ. रोहित शेखर शर्मा द्वारा स्थापित किया गया है। फ्री लॉ एड का उद्देश्य पीड़ितों, विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को न्याय दिलाना है और उनके मामलों को न्यायालय में उठाना है। लखविंदर सिंह सिद्धू ने कहा, हम पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में ऐसे वकीलों की तलाश कर रहे हैं जो निशुल्क कानूनी सहायता देने के लिए इच्छुक हों। डॉ. शर्मा ने कहा, हम पीड़ितों को कानूनी, चिकित्सा, वित्तीय और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए एक समग्र तंत्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस महान धर्मयुद्ध में शामिल होने के लिए स्वयंसेवकों और दानदाताओं का स्वागत है। यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और पीड़ितों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करने का प्रयास है।

टीवीयूएफ ने पूटा (पीयूटीए) चुनाव-2024-25 के लिए अपने पैनल के सदस्यों की घोषणा की

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चंडीगढ़ । टीवीयूएफ (टीचर्स वॉयस यूनाइटेड फ्रंट) ने रविवार को पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन-पूटा (पीयूटीए)-2024-25 के चुनावों के लिए अपने विजन स्टेटमेंट को जारी किया। इसमें प्रमुख तौर पर यूनिवर्सिटी के एकेडमिक इकोसिस्टम में और अधिक सुधार और फैकेल्टी सदस्यों के लिए अधिक सुविधाएं जुटाने और शिक्षण को आसान बनाने का वादा किया गया।
टीवीयूएफ के वाइब्रेंट पैनल में अध्यक्ष पद के लिए अशोक कुमार (हिंदी), उपाध्यक्ष पद के लिए सुरुचि आदित्य (डेंटल कॉलेज), सचिव पद के लिए कुलविंदर सिंह (यूबीएस), संयुक्त सचिव पद के लिए विनोद कुमार (सोशियोलॉजी) और कोषाध्यक्ष पद के लिए पंकज श्रीवास्तव (फिलोसॉफी) शामिल हैं।
एग्जीक्यूटिव सदस्यों के लिए, टीवीयूएफ के प्रतियोगी ग्रुप I के लिए उम्मीद हैं, सुधीर मेहरा (इंग्लिशन एंड कल्चरल स्टडीज), राकेश मोहिंद्रा (लाइब्रेरी यूबीएस),ग्रुप III: मिंटो रतन (यूआईईटी), इकरीत सिंह (डेंटल कॉलेज),जगेत सिंह (यूआईईटी), और ग्रुप V: हरमेल सिंह (यूएसओएल/सीडीओई)।
पूटा चुनाव 3 सितंबर, 2024 को होने वाले हैं। घोषणापत्र में कई अन्य वादों के अलावा पीयू टीचर्स के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की बात की गई है। टीवीयूएफ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अशोक कुमार ने कहा कि हमारे घोषणापत्र में पीयू में टीचिंग कम्युनिटी के सामने आने वाले सभी प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है। मुझे यकीन है कि यह पीयू को उस गौरव को वापस पाने में मदद करेगा जो यूनिवर्सिटी ने मौजूदा व्यवस्था के तहत खो दिया है। कुमार ने कहा कि यदि हम चुने जाते हैं और निर्वाचित होते हैं, तो हम टीचर्स के वेतन बकाया को ब्याज सहित जारी करने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित करने, रेजिडेंट ऑडिट ऑफिसर (आरएओ) द्वारा अकादमिक ऑडिट को रोकने, पूटा संविधान के अनुसार जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) संचालन मैकेनिज्म को बहाल करने और सेवानिवृत्त फैकेल्टी सदस्यों के लिए रिटायरमेंट लाभों के परेशानी मुक्त जारी किए जाने के लिए लड़ेंगे। टीवीयूएफ की उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार सुरुचि आदित्य ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करेंगे कि फैकेल्टी की भर्ती संवैधानिक दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए की जाए ताकि कोटा नीति सहित किसी भी नियम के उल्लंघन से बचा जा सके। पूटा सचिव पद के लिए टीवीयूएफ के उम्मीदवार कुलविंदर सिंह ने कहा कि यदि उनका पैनल जीतता है, तो हम डेंटल इंस्टीट्यूट में डीएसीपी को लागू करने में देरी को दूर करेंगे, जहां एक साल से अधिक समय से आवेदकों के आवेदन लंबित हैं। हम वैज्ञानिकों के वेतनमान के अनुसार प्रोग्रामिंग कर्मचारियों के लिए केंद्रीय वेतन आयोग भत्ते और एक व्यापक प्रमोशन पॉलिसी लागू करवाएंगे।
संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे विनोद कुमार ने कहा कि टीवीयूएफ विभाग में होने वाले विवादों को रोकने के लिए सहायक प्रोफेसरों के लिए उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के विवादों का सौहार्दपूर्ण माहौल में समाधान के लिए एक मैकेनिज्म स्थापित किया जाएगा। कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि टीवीयूएफ के घोषणापत्र की कुछ अन्य प्रमुख विशेषताओं में पंजाब सरकार के स्तर पर सभी के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करना, यूनिवर्सिटी कर्मचारियों के बच्चों के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी कोर्सेज में प्रवेश में दो प्रतिशत आरक्षण फीस रियायत के साथ और यूजीसी नियमों के अनुसार पीयू कर्मचारियों के बच्चों के लिए एजुकेशन अलाऊंस शामिल है। मीडिया के एक सवाल के जवाब में टीवीयूएफ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अशोक कुमार ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में टीचिंग कम्युनिटी कई लंबे समय से अनसुलझे मुद्दों से जूझ रही है। टीवीयूएफ द्वारा वीसी ऑफिस के बाहर 200 दिनों के मौन विरोध के बाद 175 करोड़ रुपये की सरकारी मंजूरी प्राप्त करने के बावजूद, वर्तमान पुटा यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि यह पैसा यूनिवर्सिटी फैकेल्टी तक पहुंचे।
एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप I के लिए चुनाव लड़ रहे सुधीर मेहरा ने दुख जताया कि पूटा के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से समझौता किया गया है, क्योंकि वर्तमान पूटा अध्यक्ष और सचिव द्वारा न तो जनरल बॉडी मीटिंग्स और न ही एग्जीक्यूटिव मीटिंग्स आयोजित की गईं। एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप I के पद के लिए चुनाव लड़ रहे राकेश मोहिंद्रा ने कहा कि पूटा अपने व्यक्तिगत विवादों को निपटाने में व्यस्त था और वर्तमान पूटा पदाधिकारियों ने उन पदों के लिए प्रमोशन हासिल करने का प्रयास किया है जिनके लिए वे पात्र नहीं थे, जबकि कई अन्य ने जल्दी से अपनी पिछली सर्विस को भी रिकॉर्ड में गिना लिया। एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के पद के लिए चुनाव लड़ रहे मिंटो रतन ने कहा कि इस मोड़ पर, टीवीयूएफ फैकेल्टी सदस्यों, यूनिवर्सिटी कर्मचारियों, उनके बच्चों, पीयू और उसके छात्रों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध एक ताकत के रूप में उभरा है। एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के लिए चुनाव लड़ रहे इकरीत सिंह ने कहा कि हमने अंकुर स्कूल में अनियमितताओं के बारे में लगातार चिंता जताई है और अधिकारियों पर उन्हें दूर करने के लिए दबाव डाला है। एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप III के लिए चुनाव लड़ रहे जगेत सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद है कि टीचिंग कम्युनिटी टीवीयूएफ टीम पर अपना भरोसा रखेगा और हमें वोट और पूर्ण समर्थन से सशक्त करेगा ताकि एक लोकतांत्रिक, मजबूत, ईमानदार, निडर और कम्युनिटी की बेहतरी पर ध्यान केन्द्रित करने वाली पूटा की स्थापना की जा सके। एग्जीक्यूटिव मेंबर ग्रुप V के लिए चुनाव लड़ रहे हरमेल सिंह ने कहा कि हमारा पैनल और विज़न स्टेटमेंट उन मुद्दों के अनुरूप है, जो संपूर्ण तौर पर यूनिवर्सिटी के एकेडमिक इकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।

श्री राम और सीता के वनवास से लौटने पर अयोध्या में पहली दिवाली मनाई गई

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मुंबई । सोनी सब के ‘श्रीमद् रामायण’ का बहुत महत्व है और यह श्री राम (सुजय रेऊ) के जीवन और शिक्षाओं को उसके शुद्धतम रूप में बयान करता है। चौदह साल के कठिन वनवास और रावण (निकितिन धीर) के साथ महायुद्ध के बाद श्री राम और सीता (प्राची बंसल) की दिव्य जोड़ी अयोध्या लौटी हैं। उनकी वापसी से पहले श्री राम, हनुमान (निर्भय वाधवा) को उनके अयोध्या वापस आने की खबर देने के लिए भेजते हैं, ताकि निवासियों में कुछ आशा और उत्साह दिखे। हालांकि, हनुमान देखते हैं कि निवासी काफी दुखी और चिंतित हैं यह सोचकर कि उनकी प्यारी दिव्य जोड़ी कब वापस आएगी।
आगामी एपिसोड में अयोध्या सहस्त्रमुखी रावण की अशुभ छाया से घिर जाएगी, जो शहर को अंधेरा कर देता है, जिससे निवासी भगवान राम और सीता की वापसी को लेकर चिंतित हो जाते हैं। निवासियों के मूड को देखते हुए हनुमान और भरत (निखिलेश राठौर) सुझाव देते हैं कि लोगों को अंधेरे और नकारात्मकता को दूर करने के लिए दीये जलाने चाहिए। इसके बाद अयोध्या में रोशनी और खुशियों का माहौल बन जाता है, क्योंकि श्री राम और सीता आखिरकार लौट आते हैं। इस तरह पहली बार दिवाली मनाई जाती है।
श्रीमद् रामायण में श्री राम की भूमिका निभाने वाले सुजय रेऊ ने कहा कि मैं अयोध्या के निवासियों की भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ महसूस करता हूं, क्योंकि वे चौदह साल के वनवास के बाद श्री राम की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। शो में यह क्षण आशा और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है, जो दिवाली का असली सार है। मैं इस प्रतिष्ठित कहानी को जीवंत करने और श्री राम और सीता की घर वापसी की खुशी को हमारे दर्शकों के साथ साझा करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
हर सोमवार से शनिवार शाम 7.30 बजे सोनी सब के श्रीमद रामायण को देखें ।