चंडीगढ़ । भारत की रियल एस्टेट मार्केट में प्रवासी भारतीयों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। अब ये निवेशक सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि मोहाली, लखनऊ, कोयंबटूर और इंदौर जैसे विकसित हो रहे टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। वहां उन्हें न सिर्फ लग्ज़री सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि अपनापन और सुकून भी।
एनआरआई अब ऐसे घर चाह रहे हैं जहां हरियाली, खुला स्पेस और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं हों। सुषमा ग्रुप के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल बताते हैं, एनआरआई अब ऐसे घर चाहते हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देते हों। जैसे खुले लेआउट, हाई सिक्योरिटी, ग्रीन डिज़ाइन और घर के पास गोल्फ कोर्स जैसी लग्ज़री सुविधाएं। ये सब अब छोटे शहरों में मिल रहा है, वो भी भीड़-भाड़ से दूर। कोरोना के बाद लोगों की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव आया है। अब स्वास्थ्य, शांति और बेहतर जीवनशैली को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। यही वजह है कि छोटे शहर एनआरआई को अब और ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पियूष कंसल का मानना है कि आज लग्ज़री सिर्फ महंगे इंटीरियर या ब्रांडेड फर्नीचर नहीं, बल्कि एक शांत और संतुलित जीवन है। एनआरआई अब अपने शहर लौटकर ऐसा ठिकाना चाहते हैं जो भावनात्मक रूप से जुड़ा हो और जहां जीवनशैली से समझौता न करना पड़े। 2024 में एनआरआई निवेश भारतीय रियल एस्टेट में 14.9 अरब डॉलर तक पहुंचा। 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 16.3 अरब डॉलर होने का अनुमान है। एनआरआई निवेश हर साल औसतन 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

मुंबई (31 परसेंट ), बेंगलुरु (23%) और दिल्ली-एनसीआर (19%) अभी भी टॉप शहर हैं, लेकिन छोटे शहर तेजी से टक्कर दे रहे हैं। अब एनआरआई रेसिडेंशियल के साथ-साथ कमर्शियल प्रॉपर्टी में भी ज्यादा निवेश कर रहे हैं। कमर्शियल से उन्हें 7.9 फ़ीसदी से 10.2 परसेंट तक रिटर्न मिल रहा है। जबकि रेसिडेंशियल रिटर्न सिर्फ 3.8 प्रतिशत से 5.2 फिसदी तक है। डॉलर, यूरो या पाउंड में कमाने वाले एनआरआई के लिए कमजोर रुपया एक फायदा बन गया है। वे भारत में लग्ज़री प्रॉपर्टी घरेलू खरीदारों की तुलना में कम दाम में खरीद पा रहे हैं। इससे भारत में प्रॉपर्टी खरीदना उनके लिए एक लॉन्ग टर्म फायदे का सौदा बनता जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ट्रेंड आने वाले समय में और मजबूत होगा। जैसे-जैसे भारत की ग्रोथ मेट्रो शहरों से आगे बढ़ रही है, मोहाली, लखनऊ, इंदौर और कोयंबटूर जैसे शहर लग्ज़री निवेश का नया केंद्र बनते जा रहे हैं। एनआरआई अब भारत में सिर्फ जड़ें नहीं, बल्कि स्टाइल और सुकून से भरी नई ज़िंदगी भी तलाश रहे हैं।