Wednesday, June 18, 2025
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फोर्टिस मोहाली में स्त्री कैंसर रोगियों के लिए एडवांस्ड और पर्सनलाइज्ड कैंसर उपचार

शिमला । फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के गायनी ऑन्कोलॉजी विभाग ने जटिल स्त्री कैंसर (गायनी कैंसर) से पीड़ित कई मरीजों का एडवांस्ड और पर्सनलाइज्ड कैंसर उपचार प्रदान कर सफल इलाज किया है। फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली की गायनी ऑन्को-सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. श्वेता तहलान ने विश्व की सबसे उन्नत चौथी पीढ़ी की रोबोटिक तकनीक – द विंची एक्स आई का उपयोग करते हुए ओपन सर्जरी और मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (कम चीरा लगाकर की जाने वाली सर्जरी) सफलतापूर्वक की हैं। आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए डॉ. तहलान ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली में हम ओवरी, यूटेरस, सर्विक्स और दुर्लभ कैंसर जैसे सारकोमा व वल्वर कैंसर से पीड़ित महिलाओं को उन्नत और मरीज-केंद्रित देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम बेहतर ऑन्कोलॉजिकल परिणामों के साथ जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान देते हुए हर मरीज की विशेष जरूरतों के अनुसार अत्याधुनिक उपचार उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ सर्जिकल निर्णय, मल्टी-डिसिप्लिनरी समन्वय और वैयक्तिकीकृत योजना की आवश्यकता होती है, ताकि सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। पहले मामले में, 84 वर्षीय महिला जो यूटेरस कैंसर और पहले से मौजूद हृदय रोग से पीड़ित थीं, का सफलतापूर्वक रोबोट-एडेड कैंसर ऑपरेशन किया गया। रोबोटिक सर्जरी की मिनिमली इनवेसिव तकनीक के कारण ऑपरेशन में खून का कम नुकसान हुआ, छोटे चीरे लगे और रिकवरी तेज़ रही। मरीज ने सर्जरी के केवल तीन दिन बाद ही अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू कर दी। इस मामले पर बात करते हुए डॉ. तहलान ने कहा कि रोबोट-एडेड सर्जरी बुजुर्ग और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है, क्योंकि इससे बड़े कैंसर ऑपरेशन अधिक सुरक्षित और सटीक तरीके से किए जा सकते हैं। एक अन्य मामले में, 20 वर्षीय युवती फोर्टिस मोहाली पहुंची, जिसे 20×25 सेंटीमीटर आकार का बड़ा ओवरी ट्यूमर था। जांच में उसे प्रारंभिक अवस्था का एक दुर्लभ प्रकार का ओवरी कैंसर पाया गया। उसकी प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) को सुरक्षित रखने के लिए डॉ. तहलान ने उस पर फर्टिलिटी-स्पेयरिंग सर्जरी की, जिसमें उसका गर्भाशय और दूसरी ओवरी सुरक्षित रखी गई, जबकि ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज की रिकवरी सहज रही और कुछ समय बाद उसके मासिक धर्म चक्र भी सामान्य हो गए। यह मामला दर्शाता है कि समय पर हस्तक्षेप और विशेषज्ञ सर्जिकल देखभाल के ज़रिए कैंसर के बाद भी महिला की प्रजनन क्षमता सुरक्षित रखी जा सकती है।

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