चंडीगढ़ (संवाद टाइम्स ब्यूरो) । क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (आरआईसी एम ) सेक्टर – 32 चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय था “विकसित भारत का निर्माण, सहकारिता के माध्यम से किसान सशक्तिकरण, विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री (सहकारिता मंत्रालय) कृष्णपाल गुर्जर ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण भारत के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सहकारी संगठनों की भूमिका को देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर हरियाणा सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित किया और राज्य में सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने की विभिन्न पहलों की जानकारी दी। सम्मेलन में कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की भी गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें सिद्धार्थ जैन, संयुक्त सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार , अभिषेक कुमार, उप सचिव, सहकारिता मंत्रालय ,कुमार कृष्णा, निदेशक, सहकारिता मंत्रालय, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार,- नाबार्ड के क्षेत्रीय महाप्रबंधकगण, सहकारी क्षेत्र के प्रमुख अधिकारी व शिक्षाविद ।
सम्मेलन के दौरान एक विशेष पहल मेरी समिति मेरा प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई। यह पहल सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण, कौशल विकास और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देगी। इसे भविष्य की रणनीति के रूप में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही संस्थान की शोध पत्रिका सहकारिता अनुसंधान का विमोचन किया गया, जो सहकारिता, कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में शोध को नई दिशा देगी। सम्मेलन के दौरान एआईसीटीए से अनुमोदित पीजीडीएम-एबीएम (एग्री बिजनेस मैनेजमेंट) कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया गया, जिसे भविष्य में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित किया जाएगा। संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव कुमार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता को माध्यम बनाने का आह्वान किया।