Monday, December 9, 2024
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सीडीईओ ने अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के उपलक्ष्य में, फिल्म रब्ब दी आवाज की स्क्रीनिंग की

चंडीगढ़। आगामी अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के उपलक्ष्य में, पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीईओ) ने पुरस्कार विजेता फिल्म रब्ब दी आवाज की विशेष स्क्रीनिंग की मेजबानी की। ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में विकलांगता सशक्तिकरण और समावेशन का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम ने शिक्षा, प्रतिनिधित्व और संवाद के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देने और विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। विभाग के पूर्व छात्र ओजस्वी शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शिव कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई हैं। ट्राई-सिटी क्षेत्र में सेट की गई यह फिल्म उन सामाजिक रूढिय़ों की आलोचना करती है जो विकलांग व्यक्तियों को उनकी कमज़ोरियों तक सीमित कर देती हैं। इसने अपनी प्रभावशाली कहानी की वजह से अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा अर्जित की है। रब्ब दी आवाज़ के मुख्य अभिनेता शिव कुमार को भी उनके प्रेरक प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। राकेश, हिना, मान और सरबजीत सिंह सहित गैर-शिक्षण दिव्यांग कर्मचारियों की सहयोग के लिए प्रशंसा की गई। सत्र का समन्वय डॉ. हरमेल सिंह और प्रो. सुप्रीत ने किया, जबकि डॉ. कमला ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। डॉ. रविंद्र, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. अनिल, डॉ. रिचा, प्रो. स्वर्णजीत, प्रो. इमैनुएल नाहर और डॉ. पूर्वा मिश्रा जैसे संकाय सदस्यों ने इस अवसर पर उपस्थित होकर इस दिवस के महत्व को और बढ़ाया।
करीब 200 लोगों ने देखी फिल्म की स्क्रीनिंग:
इस मौके पर ओजस्वी शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जबकि प्रो. योजना रावत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रही। सी.डी.ओ.ई. के निदेशक प्रो. हर्ष गांधार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया, अतिथियों का परिचय कराया और विकलांगता से संबंधित मुद्दों और चिंताओं का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया। लगभग 200 लोगों ने ऑडिटोरियम में स्क्रीनिंग देखी। स्क्रीनिंग के बाद संकाय सदस्यों और दिव्यांग छात्रों को शामिल करते हुए एक आकर्षक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया। सत्र ने फिल्म के विषयों और विकलांगता समावेशन के लिए व्यापक चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। कार्यक्रम में बी.एड. और मार्गदर्शन और परामर्श कर रहे चार असाधारण दिव्यांग छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जो सरकारी और निजी संगठनों में योगदान दे रहे हैं।

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