चंडीगढ़ । शर्मिता बनर्जी भिंडर, (51) शहर निवासी ने हाल ही में एक शानदार ग्लोबल उपलब्धि हासिल की है। शर्मिता बनर्जी भिंडर ने मॉरीशस में आयोजित ‘द वर्ल्ड आइलैंड टूरिज्म एंड कल्चरल एम्बेसडर पेजेंट 2024’ में एम्प्रेस कैटेगरी में फर्स्ट रनर-अप का खिताब जीता है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बिजनेस टूरिज्म और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था, साथ ही लीडरशिप और कम्युनिटी के विकास में योगदान में महिलाओं की भूमिका को उजागर करना था। इस दौरान उन्होंने ‘बेस्ट फिलोनथ्रोपिस्ट (सर्वश्रेष्ठ परोपकारी)’ का खिताब भी जीता। शर्मिता ने अपनी उपलब्धियों से साबित कर दिया है कि अगर कोई महिला जीवन में अपने जुनून का पालन करने का फैसला करती है तो उम्र कोई बाधा नहीं है।
इस प्रतियोगिता का आयोजन नारी फर्स्ट इंडिया टीम ने किया था, जिसका नेतृत्व एकता त्यागी, अंशु बुद्धिराजा, डॉ. रीता गंगवानी और नम्रता ने किया था। वूमन ऑफ वंडर्स, मॉरीशस के सहयोग से यह प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर, मॉरिशस में किया गया। यह बताना जरूरी है कि शर्मिता स्ट्रोक सर्वाइवर हैं, उनका एक स्पेशल चाइल्ड है और यहां तक कि कोविड के दौरान एक दूसरे देश में उनके पति की मौत भी हो गई थी ।” यह सब कुछ भी मेरे हौसले को तोड़ नहीं सका और मैंने अपने सपनों को पूरा करने के बारे में सोचा क्योंकि मेरे पति भी यही चाहते थे और उन्होंने मेरे सभी प्रयासों में मेरा साथ दिया। इसलिए मैंने अपने दिवंगत पति को श्रद्धांजलि देते हुए प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का फैसला किया। एक महिला को अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे प्रतियोगिता के फाइनल के लिए 70 महिलाओं में से चुना गया था। भिंडर ने कहा कि मेरे निजी संघर्षों और करीबी और अन्य प्रियजनों की क्षति ने मेरे एनजीओ एम्पावर के माध्यम से विशेष जरूरतों वाले बच्चों की वकालत करने की मेरी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। ग्रैंड फिनाले में पहला राउंड कल्चरल प्रस्तुतियों के साथ नेशनल गाउन राउंड था। शर्मिता ने कहा कि “मैंने हाथ की कढ़ाई, गोटा-पट्टी और कटवर्क के साथ मैरून लाल शरारा पहना था। मैंने बाग-चादर भी पहनी थी। यह आधुनिक और पारंपरिक उत्तर भारतीय शैलियों दोनों का मिक्स था। मुझे खुशी है कि मैं प्रतियोगिता में भारतीय परिधान की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने में सक्षम रही । शर्मिता ने बताया कि प्रतियोगिता के अन्य राउंड थे – एक डिजाइनर स्पांसर्ड राउंड और फाइनल राउंड ‘आपकी अपनी पसंद का पश्चिमी गाउन’ । इससे पहले, प्रतियोगिता के दौरान मैंने सारोंग और मेरे चारों ओर रफल के साथ एक स्विमसूट पहना था। रंग हरा और काला था, थीम का उद्देश्य लोगों को मदर नेचर के अत्यधिक दोहन, इसे प्रदूषित करने और वनों की कटाई में शामिल होने के खतरों के बारे में जागरूक करना था। शर्मिता ने एक टैलेंट राउंड में भी हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने अपनी लिखी कविता – ‘आज भी मैं तुमसे बहुत सारी बातें कर लेती हूं’ सुनाई। शर्मिता ने कहा कि यह कविता मेरे पति के निधन के बावजूद उनके साथ मेरे गहरे रिश्ते को दर्शाती है। मेरी कविता सुनकर दर्शक काफी भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि पूरे कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने लैंगिक हिंसा को लेकर विभिन्न मुद्दे और समाधान प्रदान करने वाली वर्कशॉप्स में भाग लिया। इसके साथ ही उन्होंने गंगा तालाब, अप्रवासी घाट सहित कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थलों का दौरा किया – जहां भोजपुरी आश्चर्यजनक रूप से मुख्य भाषाओं में से एक है और कई अन्य भाषाएं भी प्रमुखता से उपस्थित था। मुख्य अतिथि मॉरीशस के विदेश मामलों, रीजनल इंटीग्रेशन और फॉरेन ट्रेड मंत्री मनीष गोबिन थे। विशेष अतिथि मॉरीशस की जानी-मानी सोशलाइट और परोपकारी महिला लेडी जॉयस बाचा और मिसेज मॉरीशस वर्ल्ड पेजेंट की डायरेक्टर प्रकाश रामधु थे । इस दौरान जजों की भूमिका में विक्रम जैतून, वंदना राय गंगबिसून, निष्ठा बिसेन्डरी, डॉ. रीता गंगवानी और विशाल फौदार थे। पेजेंट के डायरेक्टर सेड्रिक विंसेंट थे।