चंडीगढ़ । दिव्यांगजनों और मानव सेवा के लिए पहचाने जाने वाले उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान द्वारा चंडीगढ़ के दिव्यांगों के सेवार्थ रविवार 18 मई को निःशुल्क नारायण लिम्ब एवं कैलीपर्स फिटमेंट शिविर आयोजित होगा। यह शिविर चंडीगढ़ के कम्युनिटी सेंटर, सेक्टर 49 सी में 18मई को प्रातः 8 बजे से सायं 6 बजे तक चलेगा। जिसमें केवल पूर्व चयनित दिव्यांगों को नि:शुल्क लाभ मिलेगा।
संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि संस्थान विभिन्न राज्यों के दिव्यांग बन्धुओं को उनके घर शहर के नजदीक लाभान्वित करने के लिए विगत 40 वर्षों से प्रयासरत हैं। इसी शृंखला में नारायण सेवा ने 2 मार्च को निःशुल्क नारायण लिंब मेजरमेंट कैंप का आयोजन यहां किया था। जिसमें 500 से अधिक रोगी आए थे। इनमें से 302 जन ऐसे थे जो सड़क दुर्घटना या किसी हादसे से हाथ-पैर खोकर दिव्यांगता का शिकार हो गए थे। उनका चयन करते हुए संस्थान ने नारायण लिम्ब के लिए कास्टिंग व मेजरमेंट लिया था। उन्होंने कहा चंडीगढ़ में संस्थान एक साथ सैकड़ो दिव्यांगों को जर्मन टेक्नोलॉजी के नारायण लिम्ब पहनाकर उन्हें नई जिंदगी देगा। यह सभी दिव्यांगताभरी जिंदगी के चलते अपने परिवार पर बोझ बन गए थे। संस्थान उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में ला रहा है। एक समृद्ध समाज के लिए हर नागरिक का सशक्त होना जरूरी है। दिव्यांगों के सशक्तिकरण से देश की गति प्रगति को रफ्तार मिलेगी।
वार्ता के दौरान निदेशक भगवान प्रसाद गौड़, शिविर प्रभारी रमेश शर्मा व आश्रम प्रभारी जितेंद्र सिंह भाटी ने इस शिविर का पोस्टर भी जारी किया। पत्रकार वार्ता में सवालों का जबाब देते हुए गौड़ ने कहा नारायण सेवा संस्थान भारत ही नहीं अपितु विदेश में साउथ अफ्रीकी देशों केन्या, युगांडा, मेरु,तंजानिया,नेपाल में भी शिविर कर चुका है। हर माह करीब 1500 लोगों को आर्टिफिशियल हाथ-पैर लगाए जा रहे है। संस्थान अब तक 40 हजार से ज्यादा दिव्यांगों की जिंदगी खुशमय बना चुका है।
शिविर के उद्घाटन और भव्यता के लिए कई लोगों और संस्थान सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। केम्प प्रभारी ने कहा शिविर में आने वाले दिव्यांगों के लिए संस्थान की ओर से निःशुल्क भोजन की व्यवस्था रहेगी। इन दिव्यांगों को नारायण लिम्ब फिटमेंट के बाद चलने की सुव्यस्थित ट्रेनिंग दी जाएगी। इस हेतू संस्थान की 40 सदस्य टीम सेवाओं में तत्पर रहेगी। शिविर में पूर्व लाभांवित दिव्यांग आयेंगे। जो नव लाभांवित दिव्यांगों को अपने अनुभव बताते हुए उनका हौसला बढ़ाएंगे।