चंडीगढ़ । कालीबाड़ी चंडीगढ़ अपने मंदिर परिसर में भगवान श्री रामकृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा शनिवार से प्रारम्भ करेगा। शनिवार शाम को पवित्र अनुष्ठान शुरू होने के साथ ही रामकृष्ण मिशन (आरकेएम) के विभिन्न केंद्रों से भिक्षु आ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा की प्रमुख रीति “आधिबास” अनुष्ठान में मूर्ति को शुद्ध करने और किसी भी दोष की पहचान करने के लिए जल, अनाज और अन्य पवित्र पदार्थों में विसर्जित करना होता है । यह आवश्यक कदम दिव्य ऊर्जा के साथ मूर्ति के अभिषेक से पहले होता है। इसके बाद अमृता गांगुली द्वारा परिकल्पित और निर्देशित ‘सिद्धार्थ से बुद्ध तक – श्रीरामकृष्ण की दिव्य लीला’ नामक एक आत्मा को झकझोर देने वाली नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी। यह मेगा प्रोडक्शन गौतम बुद्ध और श्रीरामकृष्ण के जीवन और आध्यात्मिक मिशनों के बीच गहरी समानताएं दर्शाता है। चार दिवसीय पवित्र प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व गुरुग्राम के रामकृष्ण मिशन के स्वामी शांतात्मानंद और भुज के रामकृष्ण मिशन के स्वामी सुखानंद रविवार को तंत्रधारक के रूप में करेंगे। प्रत्येक दिन काली पूजा, मंगल आरती, भक्ति गीत और प्रामाणिक बंगाली शाकाहारी प्रसाद जैसे पारंपरिक अनुष्ठान होंगे। सांस्कृतिक आकर्षणों में हिंदी नाटक ‘दिव्य स्पर्श’ शामिल है। प्रसिद्ध कीर्तनिया पड्डा पोलाश और उनका समूह भक्ति कीर्तन प्रस्तुत करेंगे। समापन दिवस पर विशेष काली पूजा, रक्तदान अभियान और समुदाय के लिए निःशुल्क चिकित्सा और नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे।