चंडीगढ़ । पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चंडीगढ़ चैप्टर ने चंडीगढ़ प्रशासन के उद्योग विभाग के सहयोग से एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाने और गति देने (आरएएमपी) कार्यक्रम श्रृंखला पर पांचवां जागरूकता सत्र आयोजित किया। सत्र का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच प्रतिस्पर्धात्मकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं, वित्तीय साधनों और तकनीकी हस्तक्षेपों के बारे में जागरूकता पैदा करना था। पीएचडीसीसीआई की क्षेत्रीय एमएसएमई समिति के संयोजक एडवोकेट लोकेश जैन ने सरकारी योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए एमएसएमई के लिए जागरूकता और सहायता के महत्व पर ज़ोर दिया। पीएचडीसीसीआई की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक सुश्री भारती सूद ने गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व बैंक और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा समर्थित रैंप कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी, वित्त और बाजार संबंधों तक पहुंच में सुधार करके एमएसएमई को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। सत्र के दौरान लुधियाना के एमएसएमई-डीएफओ के अतिरिक्त निदेशक मोहित ने उद्योग के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। एनसीजी कॉर्पोरेट इंजीनियर्स के निदेशक निभाय गाग्र्य ने एमएसएमई के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी अपनाने पर अपनी बात रखी। चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के प्रमोद कुमार मिश्रा ने नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और इसके दीर्घकालिक लाभों पर प्रतिभागियों को संबोधित किया और पीएचडीसीसीआई की क्षेत्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा समिति के सह-संयोजक शिव शंकर कुमार ने एमएसएमई वित्तपोषण और एमएसएमई के लिए उपलब्ध विभिन्न वित्तीय साधनों पर बात की। सत्र के समापन पर प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों के साथ बातचीत की और योजना कार्यान्वयन, वित्तीय चुनौतियों और प्रौद्योगिकी एकीकरण पर अपने प्रश्नों का समाधान किया।