Tuesday, July 1, 2025
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पंजाब सरकार के ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ का जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं : सांसद गुरजीत सिंह औजला

चंडीगढ़ । अमृतसर के मजीठा निर्वाचन क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि “पंजाब सरकार के ‘युद्ध नश्यां विरूद्ध’ का जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है और ये सिर्फ जुमलेबाजी है। अगर सरकार इसको लेकर गंभीर होती तो ये दर्दनाक हादसा होता ही नही। उन्होंने बताया कि 2020 में अमृतसर, बटाला और तरनतारन में जहरीली शराब के कारण 120 मौतें हुईं हैं। उसके बाद मार्च 2024 में संगरूर में जहरीली शराब से 20 लोगों की मौत हो गई। औजला ने अफसोस जताते हुए कहा कि कोई नहीं जानता कि आरोपियों के साथ क्या किया गया और यही कारण है कि लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। अब यह घटना मेरे निर्वाचन क्षेत्र में फिर घटी है। औजला ने कहा कि हाल ही में हुई जहरीली शराब से हुई मौतें मौजूदा सरकार के ‘नशा मुक्त पंजाब’ अभियान के दावों की पोल खोलती हैं। औजला ने कहा कि मुख्यमंत्री को बीते दिनों अमृतसर ‘जहरीली शराब त्रासदी’ में हुई दुखद मौतों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, उन्हें उन सभी सरकारी अधिकारियों से इस्तीफा लेना चाहिए जो इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं। उनको किसी भी हालात में छोड़ा नहीं जाना चाहिए। औजला ने कहा कि मैं डीजीपी और सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में चिंता जताता रहा हूं, खासतौर पर अमृतसर और सीमावर्ती इलाकों में नशीली दवाओं की बढ़ती समस्या को लगातार उजागर करता रहा हूं। मैंने लगातार नशीली दवाओं के कारोबार से जुड़े लोगों के गहरे गठजोड़ को उजागर किया है और बार-बार सरकार का ध्यान नशीली दवाओं और अब नकली शराब के मुद्दे की ओर आकर्षित किया है, लेकिन मेरे सभी पत्रों को सरकार द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। अगर, उन पर कुछ विचार कर लिया जाता तो इन 27 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने अमृतसर में जुआ (दड़ा सट्टा) के मुद्दे को भी उठाया, और कहा कि ये भी एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि ये लगातार फलफूल रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स, अवैध शराब, दड़ा सट्टा आदि कई ऐसी समस्याओं ने पवित्र शहर अमृतसर की छवि को काफी खराब किया है। उन्होंने कहा कि वह अमृतसर और पंजाब को बचाने से पीछे नहीं हटेंगे और इस मुद्दे पर बात करते रहेंगे। इस समय पुलिस अधिकारियों, नेताओं और पंजाब के प्रति वफादार हर वर्ग को अपनी जवाबदेही तय करनी होगी। क्योंकि नशा और नकली शराब धीरे-धीरे पंजाब की जड़ें नष्ट कर रही है। वे पंजाब को इस तरह से तबाह नहीं होने देंगे और इसके खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे।

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