
जीरकपुर । भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) ने किआ इंडिया प्रा. लि. के सहयोग से प्रोजेक्ट डी. आर. ओ. पी. (डिवेलप रिस्पॉन्सिबल आउटलुक टुवर्ड्स प्लास्टिक) के तीसरे चरण में घग्गर नदी के किनारे स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। इस अभियान का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे से फैल रहे प्रदूषण को रोकना और नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना था। इस सफाई अभियान को औपचारिक रूप से मुख्य अतिथि, माननीय विधायक, हलका डेराबस्सी, जीरकपुर कुलजीत सिंह रंधावा ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। इस मौके पर सम्मानित अतिथि के रूप में नगर परिषद, जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी परविंदर सिंह, मनोज कुमार सैनिटरी इंस्पेक्टर, सुखविंदर सिंह, कम्युनिटी फैसिलिटेटर, अमनदीप सिंह, ब्लॉक इंचार्ज, हलका डेरा बस्सी, सुमित राणा सरपंच, हलका डेराबस्सी भी मौजूद थे। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हलका विधायक ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने और नदी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए ऐसे स्वच्छता अभियान अत्यंत आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा कि आईपीसीए और किआ इंडिया की यह पहल सराहनीय है। उद्योग, संस्थानों और स्थानीय प्रशासन का सहयोग पर्यावरण संरक्षण में स्थायी और सकारात्मक बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि समुदाय की निरंतर भागीदारी से ही स्वच्छ और स्वस्थ नदियों का सपना साकार होगा। किआ इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) अतुल सूद ने कहा कि कंपनी की सोच में सतत विकास और सामुदायिक पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट डी.आर.ओ.पी. के माध्यम से किआ इंडिया प्लास्टिक के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देकर लोगों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने और संगठित कचरा प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। सूद ने कहा कि आईपीसीए और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग यह दर्शाता है कि सार्थक और स्थायी पर्यावरणीय प्रभाव केवल सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। घग्गर नदी पर आयोजित स्वच्छता अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने और जमीनी स्तर पर लंबे समय तक पर्यावरण के प्रति जागरूकता विकसित करने की किआ इंडिया की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इस अवसर पर आईपीसीए की उप निदेशक डॉ. राधा गोयल ने बताया कि किआ इंडिया की सीएसआर पहल प्रोजेक्ट डी.आर.ओ.पी. की शुरुआत 1 जनवरी 2023 को पांच शहरों गुरुग्राम, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और मुंबई से हुई थी, जो अब चंडीगढ़, पंचकूला और जीरकपुर सहित आठ शहरों तक फैल चुकी है। वर्तमान में इस परियोजना से 1100 से अधिक प्रतिष्ठान जुड़े है और वर्ष 2025 में 7,000 टन प्लास्टिक कचरा संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य नागरिकों को प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक को ‘ना’ कहने और कचरे के पृथक्करण के लिए प्रेरित करना है, ताकि प्लास्टिक को अधिकृत रीसाइक्लरों तक भेजा जा सके और लैंडफिल व जल स्रोतों के प्रदूषण से बचा जा सके। आईपीसीए ने इस अवसर पर किआ इंडिया को जागरूकता के साथ-साथ आवश्यक बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया तथा नगर परिषद जीरकपुर और सभी सहभागी संस्थानों के सहयोग की सराहना की। यह स्वच्छता अभियान न केवल घग्गर नदी को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा, बल्कि शहरवासियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होने का संदेश भी दे गया।


