Thursday, October 23, 2025
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ब्रेस्टफीडिंग सिर्फ पोषण नहीं, मां और बच्चे के बीच गहरा भावनात्मक जुड़ाव : डा. वंदना मित्तल

पंचकूला । विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर पारस हेल्थ ने मां और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस साल की ग्लोबल थीम “प्रायोरिटाइज़ ब्रेस्टफीडिंग, क्रिएट सस्टेनेबल सपोर्ट सिस्टम्स” को ध्यान में रखते हुए अस्पताल ने समाज में स्तनपान को प्राथमिकता देने और माताओं को निरंतर सहयोग देने का संदेश दिया। पारस हेल्थ की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना मित्तल ने बताया कि स्तनपान केवल पोषण नहीं, यह माँ और शिशु के बीच एक भावनात्मक रिश्ता है। शुरुआती मुश्किलों को मात देकर यदि मां को सही सहयोग और मार्गदर्शन मिले, तो वह अपने बच्चे को एक बेहतर शुरुआत दे सकती है। जब हम ब्रेस्टफीडिंग को प्राथमिकता देते हैं, तो हम एक स्वस्थ पीढ़ी और मजबूत समाज की नींव रखते हैं। स्तनपान शिशु के लिए पहला टीका माना जाता है। यह ना सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक होता है। वहीं, मां के लिए यह डिलीवरी के बाद रिकवरी, वज़न नियंत्रण और कुछ कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार होता है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अभी भी सिर्फ 48 प्रतिशत शिशु ही छह महीने तक पूर्ण रूप से स्तनपान प्राप्त कर पा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य है कि 2030 तक यह संख्या 60 प्रतिशत तक पहुंचे। इससे साफ है कि अभी भी माताओं को सही जानकारी, सहयोग और वातावरण की कमी है। इस मौके पर पारस हेल्थ ने ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे संगठनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाने की योजना पर भी काम शुरू किया है। इसका उद्देश्य है, हर मां को स्तनपान के प्रति आत्मविश्वास देना, गलत धारणाएं दूर करना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी मां अकेली महसूस न करे। डॉ. मित्तल ने यह भी बताया कि शुरुआत में आने वाली चुनौतियों जैसे दूध कम बनना, सही स्थिति समझ न आना, या सामाजिक दबाव को मात देने के लिए लगातार सहयोग और सही जानकारी जरूरी है। अस्पताल मातृ एवं नवजात देखभाल, गर्भावस्था शिक्षा और परामर्श सेवाओं के माध्यम से यह सहायता प्रदान कर रहा है। स्तनपान को लेकर समाज में सही सोच विकसित करना समय की मांग है। पारस हेल्थ की यह पहल एक उदाहरण है कि कैसे हेल्थकेयर संस्थान मातृत्व को सम्मान देने और आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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