Monday, December 23, 2024
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हजार रुपए पगार पाने वाले पत्रकार बने 300 करोड़ के ब्यूटी स्किल ट्रेनिंग टॉयकून

चंडीगढ़ । 1998 में महज़ 1000 रुपए महीना पगार पर पत्रकारिता से करियर शुरू करने वाले दो दोस्तों दिनेश सूद और कुलजिंदर सिद्धू की जोड़ी ने 25 साल के प्रोफेशनल सफर में अपने जुनून,जज्बे और कुछ करने की जिद के बल पर ऐसा मुकाम हासिल किया, जो किसी सपने सा लगता है। कड़ी मेहनत,साहस,दूरदृष्टि और क्रिएटिविटी से एडवर्टाइजिंग,पीआर,इवेंट मैनेजमेंट और रेडियो,टीवी व फिल्मी दुनिया के सफर से आगे ब्यूटी-वेलनेस स्किल सेक्टर में नई क्रांति लाते हुए इन्होंने 300 करोड़ रुपये के नेटवर्थ के सैंकड़ों “ओरेन इंटरनेशनल’ स्किल स्कूल्स का साम्राज्य देश-विदेश में खड़ा किया। चंडीगढ़ के एक नए अखबार में बतौर ट्रेनी पत्रकारिता के जनून में दिन-रात काम के दौरान चर्चा के बीच बड़े सपने देखना उनकी दिनचर्या में था। खास बात यह रही कि दिनेश और कुलजिंदर ने कभी अपनी सीमित इनकम व संसाधनों को अपने हौसलों पर हावी नहीं होने दिया। कमरे का किराया देने तक के जेब में पैसे नहीं होते थे। सर्दियों में कई बार तो घर से लाया खाना हफ्तेभर चलाया। सफलता की राह इतनी आसान नहीं थी,पर होसलों में उड़ान थी। सालभर पत्रकारिता करते हुए इन्होंने महसूस किया कि मास- कम्यूनिकेशन की समझ का इस्तेमाल इससे जुड़े दूसरे कारोबार में भी किया जा सकता है। नवम्बर1999 में जालंधर में एडवर्टाइजिंग,पीआर व इवेंट कंपनी की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में फंडिंग की समस्या, बाजार का कंपीटिशन और अपने नए आइडिया पर विश्वास बनाए रखना जैसी कड़ी चुनौतियां थी। लेकिन दिनेश और कुलजिंदर ने हर मुश्किल को अवसर माना। दिनेश कहते हैं, “जोखिम उठाए, खुद को बार-बार चुनौती दी और हर असफलता से सबक लेकर आगे बढ़े। हमें अपने विजन पर भरोसा था और कड़ी मेहनत से हमने इसे साकार किया। सपने देखना जितना जरूरी है, उन्हें साकार करने के लिए लगातार मेहनत करना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है”। कुलजिंदर का कहना है, “आज का दौर अवसरों का दौर है। अगर आप किसी सेक्टर में अपनी पूरी ईमानदारी व जुनून के साथ काम करें, तो सफलता दूर नहीं । सबसे जरूरी है सीखने की ललक व जोखिम उठाने का साहस”। ग्राहकों को समझने और उन्हें बेहतरीन सेवाएं देने की उनकी काबिलियत ने उनकी कंपनी को जल्द ही सफलता की राह पर ला दिया। कई बड़े ब्रांड्स के साथ साझेदारी ने उन्हें मार्केट में एक खास पहचान दिलाई। पत्रकारिता,पीआर,एडवर्टाइजिंग और इवेंट मैनजमेंट में रहते दोनों दोस्तों के दिमाग से क्रिएटिविटी का कीड़ा नहीं गया। क्रिएटिविटी के प्रति इनके जुनून ने इन्हें रेडियो और टीवी से लेकर पॉलीवुड और बॉलीवुड तक पहुंचाया। रेडियो,टीवी पर एकरिंग से लेकर टीवी सीरियल्स और शौ के साथ इस जोड़ी ने फिल्मों में बतौर एक्टर,राइटर,प्रोडयूसर व डायरेक्टर अपने हुनर का लौहा मनवाया। 2008 में अपनी पहली ही फिल्म ‘मिनी पंजाब’ में गुरदास मान जैसे लीजेंड पंजाबी गायक से अभिनय कराना इनकी एक बड़ी उपलब्धि रही। इसके अलावा 2012 में ‘साडा हक’ और 2014 में ‘योद्धा’ जैसी हिट पंजाबी फिल्में सिलवर स्क्रीन पर उतारी। इनमें कुलजिंदर द्वारा लिखी साडा हक और योद्धा में से फिल्म योद्धा को तीन अवार्ड मिले। मुम्बई में रहते बालीवुड फिल्मी करियर को आगे बढ़ा रहे कुलविंदर अभी तक 15 से अधिक फिल्मों में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी। एडवर्टाइजिंग,पीआर व इवेंट मैनेजमेंट के साथ इन्होंने एक नई दिशा में कदम बढ़ाने का फैसला किया। ब्यूटी-वेलनेस सेक्टर में स्किल डवेलमेंट के जरिए छोटे शहरों,कस्बों व गांव की लड़कियों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने की पहल को पहचाना। इस पहल ने 2004 में जालंधर से “ओरेन इंटरनेशनल’ के पहले स्किल स्कूल की नींव रखी। 300 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाली ओरेन इंटरनेशनल के आज देशभर में 120 व कनाडा में 2 ब्यूटी-वेलनेस स्किल ट्रेनिंग स्कूलों में एक लाख से अधिक युवाओं को हुनर के हथियार से लैस कर रोजगार लायक बनाया है। प्रोफेशनल सफर के 25 साल पूरे होने के अवसर पर ओरेन इंटरनेशनल ने किन्नरों और बीपीएल परिवारों के 8000 युवाओं को स्कॉलरशिप पर स्किल कोर्स कराने का एलान किया है।

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