जन जागरूकता कार्यक्रम में स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के तरीकों पर जोर दिया गया
चंडीगढ़ ( संवाद टाइम्स/युद्धवीर सिंह) । नियमित हृदय स्वास्थ्य जांच और परक्यूटेनियस कोरोनरी एंजियोग्राफी (पीटीसीए) करवाने के बाद स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, रोगी की सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा, रोगियों और उनके परिवारों को देखभाल और नियमित जांच रणनीतियों के बारे में बताया जाना चाहिए जो हृदयाघात को रोकने में मदद कर सकती हैं। डॉ. आरके जसवाल ने बताया कि यदि कोई मरीज, जिसने परक्यूटेनियस कोरोनरी एंजियोग्राफी (पीटीसीए) करवाया है, और सही मेडिकल फॉलो अप का सख्ती से पालन करता है और वह स्वस्थ जीवन शैली अपनाता है, तो उसे दूसरा दिल का दौरा पड़ने या अचानक हृदयाघात से मृत्यु की संभावना कम हो जाती है। कार्डियो-वैस्कुलर हेल्थ को बनाए रखने के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए, हेड ऑफ डिपार्टमेंट और कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. आरके जसवाल,और डायरेक्टर, कैथ लैब, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने रविवार को होटल नोवोटेल में उत्तर भारत भर से आए कई रोगियों – जिन्होंने परक्यूटेनियस कोरोनरी एंजियोग्राफी (पीटीसीए)/स्टेंटिंग करवाई है – के लिए हृदयाघात को रोकने के तरीकों पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ. जसवाल द्वारा रोगी शिक्षा पर आयोजित यह सातवां ऐसा कार्यक्रम है जिसमें आम जनता को ‘पोस्ट पीटीसीए आफ्टर केयर’ के तहत टिप्स दिए जाते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. जसवाल ने कहा कि हृदय की सर्जरी के बाद स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। मरीजों को उन्नत उपचार विकल्पों के बारे में भी बताया गया, जो अब दुनिया भर के अधिकांश प्रमुख अस्पतालों में उपलब्ध हैं, जो जटिलताओं को काफी कम करते हैं और दीर्घकालिक रोगी परिणामों में सुधार करते हैं। डॉ. जसवाल ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली, जो हृदय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर कार्डियक साइंसेज है, पिछले एक दशक से 24×7 उपलब्ध रोटेब्लेशन, फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व (एफएफआर), ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी), इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस), इम्पेला आदि जैसी सबसे उन्नत और नवीनतम तकनीक प्रदान करता है।