चंडीगढ़। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करनाल जिले के गांव कंबोपुरा में हुए बहुचर्चित हत्याकांड में पीडि़तों के परिजनों ने सीबीआई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मृतक कर्म सिंह के बेटे राजिंदर, पत्नी राजबाला,वकील राजेश मलिक ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में जानकारी देते कहा कि 2011 में हुए कर्म सिंह हत्याकांड में तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा व परिवहन मंत्री ओपी जैन समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। कई वर्षों तक चली सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट में जिले राम शर्मा को आरोप मुक्त करार दे दिया। उन्होंने बताया कि नियमानुसार अब उन्होंने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जिसकी सुनवाई पांच सितंबर को तय हुई है। उन्होंने बताया कि जिले राम शर्मा भाजपा में शामिल होकर दोबारा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद जिले राम शर्मा भाजपा में शामिल हुए तो उनके लोगों द्वारा पीडि़तों को लगातार धमकाया जा रहा है। हत्याकांड के बाद परिवार को मिली पुलिस की सुरक्षा को हटा लिया गया है। जिसके बाद परिवार के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। एडवोकेट राजेश मलिक ने परिवार को दोबारा सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। कर्म सिंह के बेटे राजिंदर के अनुसार जिले राम शर्मा खुलेआम सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अगर जिले राम को चुनाव मैदान में उतारा तो सैन समाज इसका विरोध करते हुए सडक़ों पर उतरेगा। कर्म सिंह के बेटे व पत्नी ने कहा कि संविधान के अधिकार के अनुसार उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। जिस पर 5 सितंबर से सुनवाई शुरू होने जा रही है। उन्होंने कहा कि इंसाफ की यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक जारी रहेगी। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीपति, प्रधानमंत्री, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्हें अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह जिले राम शर्मा के आवास के बाहर आत्मदाह कर लेंगे।