Friday, November 22, 2024
HomeEducationबाल कथा संग्रह ’कर भला हो भला’ का हुआ विमोचन

बाल कथा संग्रह ’कर भला हो भला’ का हुआ विमोचन

बाल कथा संग्रह ’कर भला हो भला’ का हुआ विमोचन

चंडीगढ़ । शिक्षाप्रद कहानियां, कविताएं छोटे बच्चों की मानसिकता का विकास करती है। ऐसी रोचक बाल कथाएं बच्चों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें भविष्य में बेहतर बनाने में और शिक्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार व कवि प्रेम विज का। प्रेम विज जिनकी 20 पुस्तकें हास्य व्यंग्य लेख, काव्य, कहानी आलोचनात्मक लेखन पर आधारित है, उनकी 21वीं अनुवादित किताब ’कर भला हो भला’ बाल कथा संग्रह है।
प्रेम विज इस अनुवादित बाल कथा संग्रह ’कर भला हो भला’ ,जिसे प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल ने पंजाबी में लिखा है जो कि प्रसिद्ध बाल साहित्यकार, शिक्षा शास्त्री, अध्यापक भी हैं,का विमोचन चंडीगढ़ प्रेस क्लब में हाल ही में प्रेस क्लब चंडीगढ़ में दिल्ली से आए साहित्यकार रणविजय राव ने किया था। इस दौरान कवि डाॅ.विनोद कुमार शर्मा, लेखिका डाॅ. सरिता मेहता और किताब के लेखक प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल उपस्थित थे। प्रेम विज ने बताया कि इस किताब में 10 कहानियां प्रेरणादायक हैं और बच्चों को इन्हें पढ़कर समाज में एक अच्छा व बेहतर मददगार इंसान बनने की प्ररेणा मिलेगी। उनके व्यवहार में सुधारात्मक वृद्धि होगी।

बच्चों का मानसिक स्तर बढ़ाने के लिए बाल कहानियां सुनाना और पढना दोनों लाभप्रदः प्रेम विज

साहित्यिक कार्य के लिए सूक्ष्मता और अर्थ अनुवाद के लिए बहुत मायने रखता हैः प्रेम विज


उन्होंने बताया कि पंजाबी व हिन्दी के बाल विद्यार्थियों को यह किताब एमाजॉन में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी, या वह पुस्तक प्रकाशक या अनुवादकर्ता से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेम विज बताते हैं कि अच्छा अनुवाद करना एक कठिन कार्य है लेकिन यदि भाषा का पूर्ण ज्ञान हो तो कठिनाई नही आती। साहित्यिक कार्य के लिए सूक्ष्मता और अर्थ अनुवाद के लिए बहुत मायने रखता है। मेरी इग्लिश, हिन्दी और पंजाबी भाषा में बहुत ही खासी पकड़ है। कहानीकार लेखन प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल ने बच्चों को कहानियों में चुनिंदा व सरल पंजाबी भाषा का उपयोग किया है जिसे मैंने हिन्दी के चुनिंदा शब्दों में सरल बना कर हिन्दी पाठक बच्चों के लिए सुविधाजनक बना दिया है। उन्होंने बताया कि किताब को अनुवाद करते हुए उन्होंने किसी प्रकार की ट्रांसलेशन एप का सहारा नहीं लिया है बल्कि अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग किया है। प्रेम विज ने कहा कि साहित्य का अनुवाद यदि हम ज्यों का त्यों कर दे तो पाठक को कुछ ज्यादा समझ नहीं आता और शब्दों के जाल में ही उलझा हुआ रहता है। शब्दों का सही से नही किया गया अनुवाद हास्यप्रद भी बन जाता है। उन्होंने कहा कि शाब्दिक अर्थ का ज्ञान अनुवादक को होना जरूरी है।
किताब के बारे में बात करते हुए अनुवादक प्रेम विज ने बताया कि कर भला हो भला बाल कथा संग्रह में कुल 10 कहानियां हैं। यह सभी कहानियां रोचक और प्रेरणादायक है। बच्चों का मनोरंजन करते हुए शिक्षा भी देती है। नशे से बर्बादी कहानी में नशे के बुरे प्रभावों को बताया गया है। रब की ऐनक कथा में शेर के अहंकार को दर्शाया गया है। एकता में बल कथा में बताया गया कि मिलकर हर संकट पर विजय पाई जा सकती है। सोने की चेन में पक्षियों के प्रति प्यार पैदा किया गया है। बच्चोंबाल कथा संग्रह ’कर भला हो भला’ का हुआ विमोचन

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments