शौक नहीं मजबूरी है, पुरुष आयोग जरूरी है
चंडीगढ़ ( हरजिंदर सिंह )। विश्व प्रसिद्ध बाइकर डॉक्टर अमजद ख़ान नदीम और संदीप पंवरिया 26 मई को दिल्ली से भारत के 11 हज़ार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे। अगले 4000 किलोमीटर तय करते हुए वापस वह 26 जून को दिल्ली जंतर मंतर पहुंचेंगे। इन्होंने अपनी बाइक यात्रा दिल्ली, लखनऊ, पटना, सिलीगुड़ी, कोलकाता, भुवनेश्वर, विशाखापट्टनम, गुंटूर, चेन्नई, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, त्रिशूर गोवा, कोल्हापुर, पुणे, मुंबई, अहमदाबाद, जैसलमेर, बीकानेर सहित चंडीगढ़ पहुंची और अब चंडीगढ़ से यह राइडर्स जम्मू कारगिल, लेह, सरचू, मनाली, शिमला, देहरादून और हरिद्वार से होकर गुजरेंगे। चंडीगढ़ पहुंचने पर बाइक राइडर्स को एस्कॉर्ट करते हुए इंडियन फैमिली चंडीगढ़ के रोहित डोगरा सहित सभी मेंबरों ने पुरुष आयोग की स्थापना पर जोर दिया।
शौक नहीं मजबूरी है, पुरुष आयोग जरूरी है नारा लगाते हुए सभी ने कहा कि भारत में महिला आयोग है पर्यावरण आयोग है हर तरह के आयोग हैं लेकिन पुरुषों के लिए कोई भी ना तो कानून है और ना आयोग है, आखिर पुरुष अपनी समस्याओं को लेकर जाएं तो जाएं कहां। उन्होंने कहा कि पुरुषों के मामलों को निपटाने के लिए भी एक आयोग होना जरूरी है। बाइकर्स ने कहा कि भारत में अगर हम आंकड़े उठा कर देखें तो आधे से ज्यादा पुरुषों पर केस फर्जी या झूठे पाए जाते है। ऐसे में पुरूषों की आवाज उठाने के लिए भी कोई न कोई आयोग होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की तरह ही पुरुष भी शेषण का शिकार होते है, चाहे घर हो या फिर ऑफिस।
भारत में हर 4.4 मिनट पर एक पुरुष सुसाइड करता है और यह औसत महिलाओं के बनिस्बत ढाई गुना ज़्यादा है। यह डेटा एनसीआरबी 2022 के मुताबिक़ है। अब यह संख्या बढ़ गई होगी। अभी तक इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया है कि पुरुषों के लिए आयोग होना चाहिए क्योंकि उन्हें भी इंसाफ पाने का हक है। ज्यादातर पुरुष शोषण के शिकार होते है लेकिन पुरुष होने के चलते मामले को दबा दिया जता है। अगर आयोग होगा तो वह पीड़ित पुरुष वहां पर इंसाफ की गुहार लगा सकता है और आयोग उसके केस को टेकल कर सकता है।
जानकारी के अनुसार विश्व प्रसिद्ध बाइक राइडर अमजद खान ने अब तक 1000 से अधिक रोड सेफ्टी अवेयरनेस बाइक राइड कर चुके हैं वह लिम्का बुक रिकॉर्ड सहित विश्व के लगभग सभी रिकॉर्ड बुक में अपना स्थान बना चुके हैं ।