Saturday, April 26, 2025
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87 प्रतिशत उत्तरी भारत के लोग मच्छरों की परेशानी को पारिवारिक स्वास्थ्य जोखिमों से जोड़ते हैं, गुडनाइट सर्वे में खुलासा


चंडीगढ़ । उत्तर भारत में 87% लोग मानते हैं कि नींद में खलल, विशेष रूप से बच्चों में, उनके परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण को सीधे प्रभावित कर रहा है। विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) से पहले, यह महत्वपूर्ण खुलासा सामने आया है एक सर्वे रिपोर्ट से, जिसे गुडनाइट ने जारी किया है, जो गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) का भारत का प्रमुख घरेलू कीटनाशक ब्रांड है। ‘एक मच्छर, अनगिनत खतरे’ नामक इस पैन-इंडिया सर्वे को गुडनाइट ने कमीशन किया था, और मार्केट रिसर्च फर्म युगोव द्वारा इसे लॉन्च किया गया है। यह अखिल भारतीय सर्वे सार्वजनिक दृष्टिकोण का अध्ययन करता है, और मच्छर जनित बीमारियों के जोखिम का आकलन करता है। यह चिंता सभी क्षेत्रों में स्थिर बनी हुई है, जिसमें पूर्व और पश्चिम भारत के 87% उत्तरदाताओं ने और दक्षिण के 86% लोगों ने समान विचार साझा किए हैं।
अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी भारतीय परिवारों में एक गंभीर समस्या बन गई है, जहां वयस्क हर रात लगभग 2 घंटे की नींद खोते हैं तो वहीं बच्चे अपनी अनुशंसित नींद से लगभग 4 घंटे वंचित रह जाते हैं। यह लगातार नींद की कमी गंभीर प्रभाव डाल रही है — लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर रही है, तनाव का स्तर बढ़ा रही है, और संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ा रही है, विशेषकर मलेरिया और डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों के लिए। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर – इंडिया, अश्विन मूर्ति कहते है कि गुडनाइट का ‘वन मच्छर, अनगिनत खतरे’ एक राष्ट्रव्यापी सर्वे रिपोर्ट है, जो सार्वजनिक दृष्टिकोण को गहराई से समझती है और मच्छर जनित बीमारियों से जुड़े जोखिमों का मूल्यांकन करती है। ऐसी पहलों व प्रयासों के माध्यम से हमारा लक्ष्य है भारत में मच्छरों की समस्या को लेकर जागरूकता बढ़ाना, परिवारों को कार्रवाई के लिए प्रेरित करना, और देश को किफायती लेकिन अभिनव समाधान प्रदान करना।

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