Thursday, September 19, 2024
HomeNewsसोशल मीडिया पर प्रसारित ‘दूध में मिलावट की रिपोर्ट्स झूठी और तथ्य...

सोशल मीडिया पर प्रसारित ‘दूध में मिलावट की रिपोर्ट्स झूठी और तथ्य विपरितः पीडीएफए अध्यक्ष दलजीत सिंह

चंडीगढ़ । प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (पीडीएफए) ने कहा कि देश में दूध में मिलावट से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही रिपोर्ट्स झूठी और तथ्यों के विपरीत हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीडीएफए के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि दूध की शुद्धता महत्वपूर्ण है और लोगों को शुद्ध दूध मिले, इसके लिए सरकार को मिलावट की जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन के बारे में गलत जानकारी फैलाई जा रही है। सिंह ने दूध उत्पादन के आंकड़ों पर विस्तार से बताते हुए कहा कि यह गलत बताया जा रहा है कि पंजाब में 16 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है, लेकिन सर्दियों के मौसम में पीक सीजन के दौरान रोजाना 3 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसमें से 75 लाख लीटर संगठित क्षेत्र में जाता है और 75 लाख लीटर असंगठित क्षेत्र में जाता है। शेष 1.5 करोड़ लीटर का उपभोग घरों में होता है। उन्होंने कहा कि गर्मी के कमजोर मौसम में दूध का उत्पादन घटकर आधा रह जाता है। सिंह ने कहा, पिछले 15 वर्षों में गायों का दूध उत्पादन तीन गुना बढ़ गया है। पीडीएफए अध्यक्ष ने इस बात पर कड़ी आलोचना की कि कैसे सोशल मीडिया पर तथाकथित विशेषज्ञों को आमंत्रित करके दूध उत्पादन के आंकड़ों में हेराफेरी की जा रही है, जिन्हें जमीनी हकीकत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं उन सभी से अपील करता हूं जिन्होंने दूध की गुणवत्ता और इसके उत्पादन के बारे में अफवाहें फैलाई हैं, उन्हें तथ्य सामने लाकर स्पष्टता लानी चाहिए, अन्यथा पीडीएफए ऐसे विचार के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगा। सिंह ने कहा कि यह आम जनता में भय फैलाकर दूध उत्पादकों को निशाना बनाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का पौष्टिक आहार माने जाने वाले दूध को इस तरह प्रचारित किया जा रहा है मानो यह हानिकारक हो। “पूरे पंजाब में, लोगों को राज्य में दूध बेचने वाली प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला दूध मिल रहा है जो यूरोपीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है। हालांकि, हम सरकार से गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना खुले बाजार में बेचे जा रहे मिलावटी पनीर की बिक्री की जांच करने की अपील करते हैं। दलजीत सिंह ने आगे आम जनता से पैक्ड ब्रांडेड पनीर खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा कि मिलावटी पनीर पर कोई अंकुश नहीं है और घटिया पनीर बनाने वाले विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले बताया था कि फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड (एफएसएसएआई) के परामर्श से विभाग में इस मामले की जांच पहले ही हो चुकी है। भारत में डब्ल्यूएचओ के कार्यालय ने एफएसएसएआई को पुष्टि की है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार को दूध में मिलावट के बारे में कभी कोई सलाह नहीं दी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular