सावन का द्वितीय सोमवार व कामिका एकादशी का पवित्र संयोग : पंडित सुभाष शर्मा
प्राचीन खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 में भक्तों ने अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा अर्चना की

चंडीगढ़ । 21 जुलाई को सावन के द्वितीय सोमवार और कामिका एकादशी का संयोग देखने को मिला। श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार शिवभक्तों के लिए विशेष होता है और एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस बार दोनों दिन एक साथ होने से भक्तों को शिव और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी, यह कहना है सेक्टर 28 स्थित प्राचीन शिव खेड़ा मंदिर चंडीगढ़ के पंडित आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री का।
द्वितीय सोमवार और एकादशी संयोग के चलते मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ देखने को मिली। अपने आराध्य देव भगवान शिव की पूजा अर्चना की। भक्तों ने शिवलिंग पर फल-फूल और जल अर्पण कर इच्छित मनोकामना मांगी। वही मंदिर में साबूदाना खीर और मालपुआ का प्रसाद भी भक्तों में बांटा गया। पंडित आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री ने बताया कि इस सुंदर योग का जो भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ का बन रहा है, सावन के महीने की एकादशी बड़ी शुभ है। 21 जुलाई यानी इस सोमवार को सावन सोमवार व कामिका एकादशी पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन श्रावण सोमवार के साथ-साथ कामिका एकादशी भी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर बन रहा है, जिसे धर्मशास्त्रों में अत्यंत पुण्यदायी और फलदायी बताया गया है।

मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित सुभाष शर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार शिवभक्तों के लिए विशेष होता है और एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस बार दोनों दिन एक साथ होने से भक्तों को शिव और विष्णु दोनों की आराधना का दुर्लभ लाभ मिलेगा। शिव जी और विष्णु जी की संयुक्त उपासना से व्यक्ति के सभी प्रकार के पाप नष्ट हो सकते हैं और जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है। यह योग वर्षों में एक बार ही आता है। इसलिए श्रद्धालु इस दिन उपवास, व्रत और पूजा अवश्य करें।