चंडीगढ़ । चंडीगढ़ मिलेट्स एंबेसडर गुनीत स्वानी एक ऐसे कॉन्सेप्ट का प्रचार कर रही हैं जो यूनिक है । वे भोजन और मानवीय भावनाओं के बीच वैज्ञानिक संबंध के बारे में विभिन्न मंचों पर बात करती हैं। गुनीत की बातचीत उनके द्वारा तैयार की गई एक महत्वपूर्ण थीम – ‘हमारे जीवन में भावना के रूप में भोजन का महत्व’ पर केन्द्रित रहती है । हाल ही में टेडएक्स इवेंट में इस थीम पर उनके इनोवेटिव विचारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में गुनीत सहित कई दूरदर्शी लोगों ने ‘अतीत, वर्तमान और भविष्य’ थीम पर अपने विचार और दृष्टिकोण साझा किए। उल्लेखनीय है कि गुनीत के संबोधन को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी खुलकर सराहा। शुक्ला इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे और उन्होंने इस टॉक में काफी दिलचस्पी दिखाई।
गुनीत ने बताया कि भोजन के साथ भावनाएं किस तरह जुड़ी हुई हैं, इसलिए उनके भाषण की दर्शकों ने खुले दिल से सराहना की। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि “हमें वास्तव में यह समझने की आवश्यकता है कि भोजन क्या है। भोजन केवल पोषण के बारे में नहीं है, बल्कि एक भावना है जो हमारे जीवन में खालीपन को भरती है। भोजन वास्तव में हमारी भावनाओं और संवेदनाओं को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने भोजन और भावना के बीच संबंध को समझाने के लिए अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी पसंदीदा व्यंजन की सुगंध आपको अपने बचपन में वापस ले जा सकती है, जबकि किसी प्रिय व्यंजन का स्वाद गर्मजोशी और प्यार की भावना पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रियजनों के साथ भोजन साझा करने से बंधन बनते हैं और अपनेपन की भावना बढ़ती है। भोजन मेरे लिए किसी टीचर और मार्गदर्शन के सोर्स से कम नहीं रहा है।
अपने भाषण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुनीत ने कहा कि “भोजन एक ऐसा पुल है जो अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ता है, परंपरा, इनोवेशन और आकांक्षा के धागों को एक साथ बुनता है। यह हमारे पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाता है, पीढ़ियों से चली आ रही रेसिपी और व्यंजनों को पकाने की कला को संरक्षित करता है, और भोजन के हर निवाले के साथ इतिहास का स्वाद मिलता है। वर्तमान में, भोजन हमारी संस्कृतियों की विविधता और आधुनिक पाककला की रचनात्मकता को दर्शाता है। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि“उत्सव या दुख के समय में, भोजन एक निरंतर साथी होता है, जो सांत्वना और खुशी प्रदान करता है। चाहे वह घर के बने खाने का आराम हो या कुछ नया आज़माने का उत्साह, भोजन हमारी भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ता है, जिससे यह हमारे जीवन और अनुभवों का एक अभिन्न अंग बन जाता है। भोजन हमारे जीवन में बहुत आराम लाता है। यह हमें भावनात्मक तौर पर भी काफी मजबूत बनाता है।
यह उल्लेखनीय है कि गुनीत स्वानी, मिलेट्स की एक उत्साही समर्थक के रूप में न्यूट्रीशनल रेनॉसांस (पोषण पुनर्जागरण) के मामले में सबसे आगे हैं, जो इसे हीलिंग फूड और जलवायु परिवर्तन के सामने एक स्थायी विकल्प, दोनों के रूप में पेश करतीं हैं। इवेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए गुनीत ने कहा कि मुझे लगता है कि भोजन पोषण से कहीं अधिक है। भोजन केवल कैलोरी का स्रोत नहीं है, बल्कि जब हम खाते और पकाते हैं तो बहुत सारी भावनाएं शामिल होती हैं।
गुनीत ने कहा कि जब हम भूखे होते हैं और खाने के लिए तरसते हैं, तो इससे जलन या ‘भूख’ की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, जो हमें असंतुलित कर सकती हैं। एक तरह से हमारा गट अक्सर ‘गाइडिंग सिस्टम’ के रूप में काम करता है, इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है। जहाँ कैलोरी सामग्री आदि जैसी चीज़ों के बारे में सचेत रहना ज़रूरी है, खासकर अगर आपको कोई ख़ास स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, वहीँ लगातार भोजन का मूल्यांकन करने के बजाय उसकी सराहना करना भी महत्वपूर्ण है।