चंडीगढ़ । आज के दौर में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता केवल मेहनत पर निर्भर नहीं है, बल्कि इसके लिए सही रणनीति, मार्गदर्शन और स्मार्ट तैयारी की ज़रूरत होती है। हर साल लाखों छात्र प्रवेश और सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में सीमित सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कठिन प्रतिस्पर्धा में वही छात्र आगे निकलते हैं, जिनके पास सुव्यवस्थित पढ़ाई की योजना और व्यक्तिगत मार्गदर्शन होता है। क्रैक एकेडमी के सीईओ और फाउंडर नीरज कंसल ने कहा कि आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी सिर्फ मेहनत से नहीं होती, बल्कि सही दिशा और रणनीति सबसे बड़ा फर्क पैदा करती है। हम पर्सनलाइज्ड गाइडेंस और टेक्नोलॉजी की मदद से छात्रों को ऐसा माहौल देने पर फोकस करते हैं, जिससे वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्हें ताकत में बदल सकें और आत्मविश्वास के साथ सफलता हासिल करें। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हर छात्र की ताकत और कमज़ोरियाँ अलग होती हैं। पर्सनलाइज्ड मेंटरशिप की मदद से छात्र अपनी कमियों को दूर कर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। नियमित परफ़ॉर्मेंस एनालिसिस और व्यक्तिगत स्टडी प्लान से तैयारी ज़्यादा प्रभावी होती है और आत्मविश्वास भी मज़बूत होता है। ऑनलाइन शिक्षा और तकनीकी साधनों ने परीक्षा की तैयारी आसान कर दी है। इंटरैक्टिव क्लासेस, ऑन-डिमांड वीडियो लेक्चर, डिजिटल प्रैक्टिस पेपर और डाउट-सॉल्विंग सेशन छात्रों को गहरी समझ देते हैं। वहीं, मॉक टेस्ट और एनालिटिकल रिपोर्ट्स से उन्हें परीक्षा पैटर्न की जानकारी और समय प्रबंधन में मदद मिलती है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता केवल मेहनत से नहीं, बल्कि स्मार्ट स्टडी और अनुशासित तैयारी से मिलती है। सही मेंटरशिप और सुव्यवस्थित रणनीति अपनाकर छात्र न सिर्फ़ आत्मविश्वास हासिल कर सकते हैं, बल्कि अपने सपनों को हक़ीक़त में बदल सकते हैं।