चंडीगढ़ । देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के राज्यों जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ ने प्रत्यक्ष बिक्री में 15.71 प्रतिशत से अधिक की शानदार विकास दर दर्ज कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 2172 करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार किया है। देश में डायरेक्ट सैलिंग उद्योग की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन ने शुक्रवार को यहां एक सर्वेक्षण के माध्यम से यह जानकारी दी। आईडीएसए की नॉलेज पार्टनर इपसोस द्वारा संकलित इस सर्वेक्षण में देश में डायरेक्ट सैलिंग क्षेत्र के विकास और इसके निरंतर हो रहे विस्तार पर भी प्रकाश डाला गया है। इस अवसर पर हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री राजेश नागर और राज्य के इसी विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश उपस्थित थे। आईडीएसए के अनुसार, इन राज्यों का इस अवधि में वर्ष दर वर्ष आधार पर 15.71 प्रतिशत की विकास दर के साथ कुल डायरेक्ट सैलिंग कारोबार 2172 करोड़ रूपये रहा जो उत्तरी क्षेत्र के कुल 6,600 करोड़ रुपये के कारोबार का 33 प्रतिशत तथा 22,142 करोड़ रुपये के कुल राष्ट्रीय कारोबार का 9.8 प्रतिशत है। साथ ही डायरेक्ट सैलिंग क्षेत्र ने इन राज्यों के पांच लाख से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार और वैक्ल्पिक आय के अवसर भी प्रदान किये हैं और इस संख्या में वर्ष दर वर्ष आधार पर 31.23 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि हरियाणा 1041 करोड़ रूपये के कारोबार के साथ पश्विमोत्तर में लगातार प्रथम, उत्तरी क्षेत्र में दूसरा तथा राष्ट्रीय स्तर पर सातवां सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। राज्य की 1.6 लाख से अधिक डायरेक्ट सैलर की कड़ी मेहनत की बदौलत उत्तर क्षेत्र में इसकी 15.7 प्रतिशत और राष्ट्रीय स्तर पर 4.7 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी है। अन्य चार राज्यों ने इस अवधि में 1,131 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया जिसमें पंजाब का 686 करोड़ रुपये, जम्मू-कश्मीर 244 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ 112 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश का 89 करोड़ रुपये का योगदान है।


इस कड़ी मे जम्मू-कश्मीर में बिक्री में 234 प्रतिशत तथा विक्रेताओं की संख्या में 173 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में बिक्री और प्रत्यक्ष विक्रेताओं में वृद्धि क्रमश: 117 प्रतिशत और 150 प्रतिशत तथा चंडीगढ़ में 111 प्रतिशत और 25 प्रतिशत तथा पंजाब आठ प्रतिशत और 14 प्रतिशत रही। डायरेक्ट सैलिंग उद्योग ने इन राज्यों के खजाने में सालाना 350 करोड़ रुपये से अधिक का भी योगदान रहा जो सामाजिक-आर्थिक विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने की पुष्टि करता है। इस अवसर पर सम्बोधन में नागर ने स्वरोजगार सृजन, उद्यमिता और कौशल विकास, आर्थिक समावेश, महिला एवं युवा सशक्तिकरण और उपभोक्ता संरक्षण को लेकर राज्य सरकार के प्रयासो में डायरेक्ट सैलिंग उद्योग के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सैलिंग) नियम-2021 के तहत राज्य सरकार ने राज्य में डायरेक्ट सैलिंग कम्पनियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने तथा उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई हेतु ‘हरियाणा डायरेक्ट सैलिंग मॉनिटरिंग अथॉरिटी‘ का गठन कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस उद्योग को विधि सम्मत कारोबार करने का माहौल प्रदान करने के साथ उपभोक्ताओं के हितों एवं अधिकारों का संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने देश में डायरेक्ट सैलिंग के परिदृश्य और इसके सतत विकास एवं विस्तार पर प्रकाश डाला और कहा कि आंकड़े इस तथ्य की पुष्टि करते हैं के पश्चिमोत्तर क्षेत्र डायरेक्ट सैलिंग उद्योग के लिये एक महत्वपूर्ण बाजार है। उन्होंने पंजाब सरकार से भी उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सैलिंग) नियम-2021 के तहत राज्य में ‘निगरानी समिति‘ अविलम्ब गठित करने का अनुरोध किया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आईडीएसए की सदस्य कम्पनियां उपभोक्ताओँ के साथ प्रत्यक्ष विक्रेताओं के हितों के संरक्षण हेतु भी प्रतिबद्ध हैं।