
पंजाब । पंजाब में दो माह पहले आई भीषण बाढ़ के बाद अब पुनर्निर्माण और राहत कार्यों का दौर जारी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन यूनाइटेड सिख्स द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण में 11 बाढ़ प्रभावित गांवों के 779 परिवारों (लगभग 3,895 लोगों) की तात्कालिक जरूरतें उजागर हुई हैं। संगठन ने इन गांवों को दीर्घकालिक पुनर्वास के लिए गोद लिया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 368 परिवारों को कृषि हानि हुई है, जबकि 31,000 से अधिक बीज इकाइयों और 345 परिवारों को खेती के औजारों की जरूरत है। बाढ़ में 145 पशुओं की मौत से ग्रामीण आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। संगठन ने कहा कि खेती को दोबारा शुरू करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए तुरंत सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि 476 घर क्षतिग्रस्त पाए गए है, जिनमें से 321 परिवारों को तत्काल मरम्मत की जरूरत है। कई लोग अब भी असुरक्षित हालात में रह रहे हैं। यूनाइटेड सिख्स ने कहा कि टिकाऊ और जलवायु-प्रतिरोधी आवास निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। बाढ़ से बच्चों की शिक्षा पर भी गंभीर असर पड़ा है।

सर्वेक्षण में 61 बच्चे इस समय स्कूल नहीं जा रहे है, 45 बच्चे मज़दूरी करने को मजबूर और 960 बच्चों के स्कूल छोड़ने का खतरा बताया गया है। बुज़ुर्गों और बच्चों पर मानसिक तनाव की स्थिति भी सामने आई है, जिनके लिए सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है। राहत और पुनर्वास कार्यों में 219 स्थानीय स्वयंसेवक सक्रिय है। यूनाइटेड सिख्स ने अब तक भोजन, स्वच्छ पानी, दवाइयां, कपड़े और पशुओं के लिए चारा वितरित किया है। साथ ही मोबाइल क्लिनिकों के जरिए चिकित्सा सेवाएं भी दी जा रही है। संगठन ने दाताओं और आम जनता से अपील की है कि वे इस मानवीय मिशन में सहयोग करें ताकि प्रभावित परिवार अपने जीवन का पुनर्निर्माण कर सकें।

अधिक जानकारी या सहयोग के लिए उनकी वेबसाइट www.unitedsikhs.org
या donors@unitedsikhs.org पर देखा जा सकता है।

