सोशल इम्पैक्ट प्लेटफॉर्म – ‘द कॉमन टेबल’ की शुरुआत
चंडीगढ़। चंडीगढ़ की दो महिलाओं – बानी चीमा और गीतांजलि गुप्ता ने अपने ब्रेन चाइल्ड – द कॉमन टेबल (टीसीटी) जो एक सामाजिक परिवर्तन और सामुदायिक सहयोग के लिए प्रमुख प्लेटफॉर्म है, को लॉन्च किया।लॉन्च का आयोजन चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित इक्क पंजाब में किया गया। बानी और गीतांजलि दोनों ही अपने देश में सामाजिक रूप से लाभकारी और प्रभावशाली तौर पर कुछ करने के अपने जुनून को उड़ान देने के लिए अमेरिका से भारत लौटी हैं । अनोखी बात यह थी कि टीसीटी के लॉन्च के अवसर पर पूर्व मिस इंडिया-अमेरिका लीना गुप्ता की पहली पुस्तक ‘एंकर विदिन’ को भी रिलीज़ किया गया। टीसीटी का लॉन्च एक अलग अंदाज से तैयार किए गए कार्यक्रम – ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ के साइडलाइन्स पर आयोजित एक मीडिया मीट में किया गया।’ब्रेकिंग बैरियर्स’ का मुख्य आकर्षण कोई और नहीं बल्कि पूर्व मिस इंडिया-अमेरिका, जाने मानी ट्रांसफॉर्मेशनल लाइफ कोच और अब पेंगुइन-पब्लिशड लेखिका लीना गुप्ता थीं। लीना टीसीटी के बैनर तले लाई गई पहली चेंजमेकर हैं। लीना की पहली पुस्तक ‘एंकर विदिन’ भी मीडिया के सामने प्रदर्शित की गई। जबकि बानी और गीतांजलि ने मीडिया से बातचीत की और टीसीटी के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की; लीना ने अपनी पुस्तक में शामिल कई पहलुओं की जानकारी दी। यह उल्लेखनीय है कि टेडएक्स स्पीकर और आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर इंटरनेशनल फैकेल्टी मेंबर लीना गुप्ता ने जो ब्यूटी पेजेंट का ताज पहना था, वह संपूर्णता का प्रतीक था, लेकिन जब लीना को विटिलिगो डायग्नोज़ हुआ तब उनकी ज़िन्दगी बिखर गई । अधिकांश लोगों के लिए, यह स्थिति एक अभिशाप होती, लेकिन लीना के लिए, यह उनकी सबसे बड़ी जीत की नींव बन गई। लीना ने सभी बाधाओं को पार किया और वह एक मजबूत प्रतिभा बनकर सामने आईं । अपनी किताब के बारे में बात करते हुए लीना ने कहा कि हममें से हर कोई जीवन में अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करता है, मेरी किताब ” ‘एंकर विदिन’ ऐसे सभी लोगों के लिए एक ‘गो-टू’ किताब है, जो शायद कभी-कभी जीवन से हार मान लेने के बारे में सोचते हैं। मेरे करियर के पीक पर विटिलिगो का डायग्नोसिस मेरे लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन मैंने व्यक्तिगत और सामाजिक चुनौतियों से ऊपर उठकर विपरीत परिस्थितियों को प्रामाणिकता और शक्ति के संदेश में बदलना चुना। लीना ने बताया कि यह पुस्तक आंतरिक शक्ति और आनंद को पुनः प्राप्त करने के लिए एक गहन व्यक्तिगत लेकिन यूनिवर्सल रूप से प्रासंगिक गाइड प्रस्तुत करती है। लीना ने कहा कि “यह आत्म-खोज, लचीलापन और अटूट आत्मविश्वास के लिए टूल्स प्रदान करती है। द कॉमन टेबल की सह-संस्थापक बानी चीमा और गीतांजलि गुप्ता ने मीडिया के साथ अपनी नई पहल के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की।

बानी एक भारतीय अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल स्टडीज इन ग्लोबल हेल्थ एंड डेवलपमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उन्हें इंटरनेशनल डेवलपमेंट, नॉन-प्रॉफिट लीडरशिप और स्माल बिज़नेस ओनरशिप जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल है। बानी जमीनी स्तर के संगठनों, शुरुआती चरण के उद्यमियों और मिशन-संचालित स्टार्ट-अप को दृश्यता और नेटवर्किंग के लिए सार्थक अवसर प्रदान करके सहायता करती हैं। बानी ‘सीडिंग’ की संस्थापक भी हैं, जो एक कंसल्टिंग फर्म है जो छोटे संगठनों को धन उगाहने और कंपनियों को एफिशेंट सीएसआर निर्णय लेने में मदद करती है। बानी एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) – चीमा ट्रस्ट चलाती हैं, जो दृष्टिबाधित छात्रों को सशक्त बनाता है। गीतांजलि एक पूर्व सर्टीफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (सीपीए) और ग्लोबल फाइनेंशियल एनालिस्ट हैं, जिन्होंने फाइनेंस एंड अकाउंटिंग में डिग्री के साथ यूएमएएसएस, एमहर्स्ट, यूएसए से डिस्टिंक्शन के साथ ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने लिबर्टी म्यूचुअल (यूएसए) जैसे प्रमुख और ग्लोबल फाइनेंशियल संस्थानों के साथ काम किया है, जहां उन्होंने एक ऑडिटर के रूप में काम किया और लंदन में क्रेडिट सुइस, का साथ भी काम किया है जहां वह एक निजी बैंकर के रूप में कार्यरत थीं । गीतांजलि सोशल आंत्रप्रेन्योरशिप पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करने के लिए भारत लौट आईं। भारत वापस आने पर वह अपने परिवार की चेरिटेबल पहल, सरदारनी करतार कौर एजुकेशन सोसाइटी में शामिल हो गईं। जिसके तहत वह चंडीगढ़ के मौली जागरां में कम आय वाले समुदायों की महिलाओं को मुफ्त सिलाई प्रशिक्षण देने वाले कार्यक्रमों का नेतृत्व करती हैं। गीतांजलि ने ‘सिलाई विलाई’ की भी स्थापना की है – जो एक सोशल इंटरप्राइज है, जो इन महिलाओं को बाजार में अपने तैयार किए गारमेंट्स के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करवाता है। बानी ने कहा कि “चंडीगढ़ में निहित लेकिन अपने दृष्टिकोण में वैश्विक, टीसीटी का इरादा भारत और यहां तक कि दुनिया भर के इनोवेटर्स, आंत्रप्रेन्योर्स और थॉट लीडर्स के बीच क्यूरेटेड इवेंट्स, विषय आधारित वर्कशॉप्स और सार्थक विचारों के आदान-प्रदान की मेजबानी करना है। टीसीटी लर्निंग, लिसनिंग और शेयरिंग के लिए एक जगह है। गीतांजलि ने कहा, “मैं और बानी दोनों भारत में अपनी जड़ों की ओर सिर्फ कुछ देने के लिए नहीं, बल्कि साथ मिलकर कुछ बदलाव लाने के लिए वापस आईं हैं।” उन्होंने कहा, “द कॉमन टेबल’ एक संपूर्ण कल्याणकारी भविष्य बनाने का हमारा तरीका है। अंत में बानी और गीतांजलि ने कहा कि “एक पहल के रूप में टीसीटी शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति और सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी, और क्रॉस-सेक्टर पार्टनरशिप और समाधान-संचालित संवादों को प्रोत्साहित करेगी।