मोहाली । इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्निकल एसोसिएशन अपनी वार्षिक आम बैठक में ‘तेज़ी से बढ़ रही एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार’ विषय पर सेमिनार करने जा रही है। यह सेमिनार 28 फरवरी और 1 मार्च 2025 को रेडिसन रेड, मोहाली में होगा। इस आयोजन में 400 से अधिक पेपर उद्योग से जुड़े प्रमुख टेक्नोलॉजिस्ट और उद्यमी, भारत और विदेशों से आए इंजीनियर, मशीनरी सप्लायर और रिसर्च इंस्टिट्यूट शामिल होंगे। इस सेमिनार का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से पल्प और पेपर निर्माण प्रक्रिया में दक्षता, गुणवत्ता लाना और स्थिरता में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर विचार-विमर्श करना है। यह बैठक और सेमिनार एक अहम मंच के रूप में काम करेगा। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस कैसे पेपर निर्माण उद्योग में बदलाव कर सकती हैं, इस पर चर्चा होगी। यह पहली बार होगा जब पेपर मिलों, पैकेजिंग निर्माताओं और एंड यूजर्स को एक साझा मंच पर लाया जाएगा, जिससे उद्योग जगत में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इपटा के अध्यक्ष एवं क्वांटम पेपर मिल्स, पंजाब के सीएमडी पवन खेतान ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भूमिका को उद्योग के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि एआई पेपर उद्योग को बदलने की क्षमता रखता है, जिससे ऑपरेशनल दक्षता में सुधार, वेस्ट में कमी और उत्पाद की क्वालिटी में वृद्धि होगी। इस सेमिनार के माध्यम से, हम उद्योग के अग्रणी विशेषज्ञों, टेक्नोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे नवीनतम एआई इनोवेशन पर चर्चा कर सकें और इसे स्थायी विकास के लिए कैसे उपयोग किया जा सकता है, इस पर विचार कर सकें। भारत में 850 से अधिक पेपर मिलें हैं, जो हर साल 2.5 करोड़ टन से अधिक कागज का उत्पादन करती हैं। यह उद्योग ₹80,000 करोड़ का वार्षिक कारोबार करता है और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।