संस्थान का 13वां दीक्षांत समारोह 19 जून को, लगभग 900 कमरों के हास्टल्स का होगा उद्घाटन
चंडीगढ़ । भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन इंडियन इंस्टीच्यूट आफ साइंस एज्यूकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) आगामी 19 जून को अपने मोहाली स्थित कैंपस में अकादमिक सत्र 2023-24 के सफल समापन पर 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित करेगा। सम्मेलन के दौरान आईआईएसईआर के निदेशक प्रोफेसर (डाॅ) अनिल के त्रिपाठी ने बताया कि इंडियन नैश्नल साइंस ऐकेडमी के अध्यक्ष और भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा मुख्यातिथि के रुप में शामिल होंगें जबकि आईआईएसईआर मोहाली के बोर्ड आफ गवर्नर के चेयरपर्सन प्रोफेसर जेएस यादव दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगें। कार्यक्रम के दौरान लगभग 300 स्टूडेंट्स डिग्री प्राप्त करेंगें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान में बीएस-एमएस प्रोग्राम के अधीन 1700 स्टूडेंट्स के साथ साथ 475 स्टूडेंट्स पीएचडी कर दीक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान कैंपस में ही 900 कमरों के हास्टल्स का भी उद्घाटन किया जायेगा। इस दौरान प्रोफेसर त्रिपाठी ने संस्थान की उपलब्धियों का वर्णन करते हुये बताया कि गत एक वर्ष में 440 पब्लिकेशन प्रकाशित किये गये हैं जबकि तीन नये पेटेंट फाइल किया गया। विगत के फाइल हुये तीन पेटेंट को मंजूरी प्राप्त हो गई थी। उन्होंने बताया कि संस्थान ने ग्लोबल प्लेटफार्म में देश का नाम रोशन किया है। संस्थान में डिपार्टमेंट आफ बायलोजिकल साइंसिस के प्रोफेसर और फैक्लटी एफेयर्स के डीन प्रोफेसर पूर्णानंद गुप्तसरमा को प्रतिष्ठित न्यू यार्क एकेडमी आफ साइंसिस और टाटा सन्स द्वारा टाटा ट्रांसफॉर्मेशन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। यह सम्मान प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में इनोवेटिव सोल्यूशंस विकसित करने में संस्थान के प्रयासों को बढ़ावा देगी।
केमिकल साइंसिस विभाग में डॉ शुभब्रता मैती और उनकी टीम ने डायनेमिक एडैप्टिबिलिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जो अक्सर लिविंग सिस्टम्स में देखी जाने वाली विशेषता है। ये सिस्टम्स, इनफार्मेशन प्रोसेसिंग, कोर्गो ट्रांसपोर्टेशन और सेंसर टेक्नोलॉजी में क्रांति ला सकती है। इस संदर्भ में एक रिसर्च आर्टिकल नेचर कम्युनिकेशंस 2024 में भी प्रकाशित किया गया है।
केमिकल साइंस और फिजिक्स साइंस के डाॅ सब्यसाची रक्षित, डाॅ केपी योगेंद्रन और डाॅ अभिषेक चौधरी ने कान के काम करने के तरीके के विषय में एक नई समझ विकसित की है जो कि आडियोलोजी के क्षेत्र में गहरा प्रभाव सकारात्मक डाल सकती है।
इसी तरह की एक अन्य उपलब्धि में डाॅ अभिषेक चौधरी और उनकी टीम ने सक्रिय तरल पदार्थों में सस्पेंडिड पैसिव ओबजेक्ट (वस्तु) की गति का अनुमान लगाया है। यह संभावित रूप से छोटे नैनो मशीनों और असाधारण गुणों वाली नई सामग्रियों के विकास की ओर ले जा सकता है, जो बायोफिजिक्स और फिल्यूड डायनेमिक्स में भविष्य की प्रगति को प्रेरित करता है।
प्रोफेसर त्रिपाठी ने संस्थान में स्टार्टअप्स के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंनें बताया कि टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर (टीबीआई), आई-राईज स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री एकेडिमिया की साझेदारी के कल्चर को प्रोत्साहित कर रहा है। टीबीआई को संस्थान में लगभग दो करोड़ की लागत की विकसित लैब है। टीबीआई ने गत तीन वर्षो में लगभग 40 स्टार्टअप्स को मदद दी है जिसमें वर्तमान में बायोटेक, एग्रीटेक, हेल्थकेयर, वेस्ट मैनेजमेंट और आईओटी सेक्टर में अपनी पहचान बना चुके हैं। आइराइज के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है जिसमें 12 पेटेंट दाखिल किये है। इनमें से नौ पेटेंट स्टार्टअप्स को दिये गये हैं। 18 इनक्यूबेटेड स्टार्टअप को विभिन्न एजेंसियों से 4.2 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त हुई है।
अपनी आउटरीच गतिविधियों के विषय पर बोलते हुये प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड के स्कूल एज्यूकेशन बोर्ड के साथ साझेदारी कर स्टूडेंट्स और टीचर्स को मैथ्स और साइंस में ट्रेनिंग उपलब्ध करवा रहे हैं।