चंडीगढ़ । मोहाली और पंचकूला से मिलकर बने ट्राइसिटी में अब लग्ज़री आवासों की मांग तेजी से बढ़ रही है। कभी यह क्षेत्र प्लॉट और मिड-रेंज प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता था, लेकिन अब बढ़ती आकांक्षाओं और आत्मविश्वास से भरे खरीदार उच्च-स्तरीय जीवनशैली की ओर रुख कर रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव में एनआरआई, बिज़नेस लीडर्स और प्रोफेशनल्स सबसे आगे हैं। उनके लिए लक्ज़री अब केवल बड़े घर का नाम नहीं, बल्कि जीवनशैली से परिभाषित होती है। स्मार्ट होम, वेलनेस ज़ोन, डिज़ाइनर इंटीरियर्स और क्यूरेटेड कम्युनिटी लिविंग अब लग्ज़री का नया पैमाना बन गए हैं।

डेवलपर्स भी इस बदलाव का जवाब प्रीमियम प्रोजेक्ट्स के लॉन्च से दे रहे हैं। गेटेड कम्युनिटी, ऊँची इमारतें और जीवनशैली-केंद्रित टाउनशिप ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जो गुड़गांव और नोएडा जैसे महानगरीय केंद्रों के लक्ज़री आवासों को टक्कर देते हैं। इस बदलाव ने ट्राइसिटी को न केवल तेजी से बढ़ते बाजार का केंद्र बना दिया है, बल्कि उत्तर भारत में लक्ज़री आवासों के नए मानक भी स्थापित किए हैं। होमलैंड ग्रुप के सीईओ उमंग जिंदल कहते हैं “लक्ज़री घर सिर्फ़ बड़े घर नहीं होते, बल्कि एक खास अनुभव देते हैं। ट्राइसिटी में लोग ऐसे घर चाहते हैं जो आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हों, जिनमें तकनीक, सुंदर डिजाइन और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएँ हों। अच्छी सड़कें, आसान कनेक्टिविटी और विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यह क्षेत्र उत्तर भारत की अगली लक्ज़री हब बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।