चंडीगढ़ । आपदाओं और हयूमैन इमरजैंसियों जैसे स्थितियों के दौरान हम महसूस करते हैं कि जलवायु परिवर्तन क्लाईमेट चैंज के मुद्दे को संबोधित करने के लिये तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है जिससे की काम्युनिटी, कृषि, लोगों की आजीविका और देश की प्रगति पर होने वाले दुप्रभावों से भी निपटा जा सके। समय की मांग है निर्माण भवन से जुड़े संबंधित कार्यक्षेत्र के प्रोफेशनल्स सुनिश्चित करें की ‘बिल्डिंग रेजिलेंस’ की दिशा में पोलिसी और प्रेक्टिस को ओर अधिक प्रभावी बनाये । यह बात नोन रेन्यूऐबल सोर्स आफ ऐनर्जी विभाग के पूर्व एग्जीक्यूटिव निदेशक डा अमरपाल सिंह (आईएएस) ने रखी जो कि होटल माउटव्यू में ‘क्लाईमेट रेजिलेंस बिल्डिंग्स एंड काम्युनिटी’ पर अधारित सत्र और फोकस चंडीगढ़ चैप्टर के अनावरण अवसर पर कही। नवगठित मंच फोकस चंडीगढ़ के चेयरमेन आर्किटेक्ट गौरव ठुकराल ने बताया कि यह उपयोगिता सेवाओं का फोरम है जो सभी आर्किटेक्ट्स और इंजीनियरों के लिये जलवायु संवेदनशीलता की दिशा में काम करने लिये बनाया गया है। यह मंच भवन निर्माण से जुड़े प्रोफेशनल्स सस्टेनेबिलिटी, डिकार्बनाईजेशन और क्लाईमेट चेंज की दिशा मेे इस बैनर के तले अपना योगदान देंगें। इस अवसर पर फोकस ने एनपीसी, चितकारा युनिवर्सिटी, डब्ल्यूआईसीसीआई और एसआईई के साथ जलवायु परिवर्तन की दिशा में चार एमओयू पर हस्ताक्षर किये। कार्यक्रम के दौरान पंजाब की चीफ आर्किटेक्ट सपना प्रभाकर, चंडीगढ़ के चीफ आर्किटेक्ट कपिल सेतिया, लेह लद्दाख के चीफ इंजीनियर प्रदीप गुप्ता, सहित पीजीआई, गमाडा और पेडा के ऐनर्जी एक्सपर्ट्स ने संबंधित विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये।
चैप्टर में इंजीनियर ईशांत महेन्द्रू को चेयरमेन जबकि जबकि अभिषेक सचिव के रुप में अपनी सेवायें देंगें जबकि इंजीनियर मनी खन्ना, मुकुल ग्रोवर, अमरदीप सिंह, हरमीत सिंह, विपिन चोपड़ा, प्रशांत मरवाहा, गरिमा गांधी, पवन कुमार, सुमनदीप सिंह, अरविंद महाजन, अमित शर्मा, गगन सहदेव, विजय शर्मा, डा शालोम अखाई को चैप्टर में स्थान दिया गया है।