नई दिल्ली । रियल एस्टेट कंपनी ओमैक्स लिमिटेड ने विश्व कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर 52 रनों की जीत के साथ पहला आईसीसी महिला विश्व कप खिताब रविवार को अपने नाम किया था। कंपनी का कहना है कि यह साझेदारी केवल एक प्रचार अभियान नहीं, बल्कि नेतृत्व, दृढ़ता और प्रतिभा को सही मंच देने की साझा सोच पर आधारित है।ओमैक्स ने कहा कि यह कदम खेल उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने और खिलाड़ियों के लिए विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की उसकी प्रतिबद्धता को और मज़बूती देगा। कंपनी का हालिया प्रोजेक्ट द औमैक्स स्टेट खेल, संस्कृति और मनोरंजन को एक साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। ओमैक्स का कहना है कि वह इस सोच को आगे बढ़ाते हुए ऐसे प्रोजेक्ट्स और कार्यक्रम लाएगा जो खेल प्रतिभा को करियर में बदलने में मदद करेंगे।*इस अवसर पर हरमनप्रीत कौर ने कहा* “मैं पंजाब से हूं और वहां के लोगों और उनकी मेहनती भावना से गहरा जुड़ाव रखती हूं। ओमैक्स की पंजाब में मौजूदगी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की दृष्टि युवाओं के लिए उम्मीद जगाती है। द औमैक्स स्टेट जैसे प्रोजेक्ट दिखाते हैं कि सोच-समझकर किया गया विकास खेलों को बढ़ावा दे सकता है और प्रतिभाओं को अवसर दे सकता है। मुझे गर्व है कि मैं ओमैक्स परिवार का हिस्सा बनी हूं, जो युवाओं को सशक्त बनाने और समुदायों को मजबूत करने में विश्वास रखता है।”*ओमैक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, मोहित गोयल ने कहा* “हम हरमनप्रीत कौर का ओमैक्स परिवार में स्वागत करते हैं। उनका नेतृत्व और समर्पण ओमैक्स की ‘सार्थक विकास’ की सोच से मेल खाता है। यह साझेदारी खेलों की पहुंच बढ़ाने, महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। हमारी दृष्टि का एक प्रमुख परिणाम दिल्ली में 140 साल बाद बनने वाला नया अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम होगा, जो शहर और भारतीय खेल दोनों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगा।”इस साझेदारी के तहत ओमैक्स और हरमनप्रीत कौर मिलकर खिलाड़ी विकास कार्यक्रम, ग्रामीण और शहरी स्तर पर खेल जागरूकता अभियान और महिला सशक्तिकरण से जुड़े आयोजन करेंगे। कंपनी का लक्ष्य है कि खेलों को केवल मनोरंजन नहीं बल्कि रोजगार और आत्मनिर्भरता का माध्यम बनाया जाए, ताकि युवा — खासकर लड़कियां — आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को पूरा कर सकें।

