मोहाली। कार्डियोवस्कुलर देखभाल पर तीन दिवसीय 14वीं वार्षिक ग्लोबल कार्डियोमर्सियन कॉन्फ्रेंस मंगलवार को यहां शुरू हुई, जिसमें दुनिया भर से कार्डियोवस्कुलर देखभाल के लगभग 400 एक्सपर्ट शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. अतुल सचदेवा और कार्डियोमर्सियन के ग्लोबल अध्यक्ष डॉ. दीपक पुरी ने किया। अपने संबोधन में डॉ. अतुल सचदेवा ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, मेटाबोलिक सिंड्रोम, फैटी लीवर और हृदय संबंधी सहसंबंध के बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला। कार्डियोमर्सन की ऑर्गेनाइज सचिव व एम्स दिल्ली की डॉ. सुरभि पुरी ने कार्डियोमर्सन के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जागरूकता को बढ़ावा देने, रोकथाम की वकालत करने, शीघ्र निदान सुनिश्चित करने और व्यापक, लागत प्रभावी हृदय देखभाल प्रदान करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। अपने संबोधन में, डॉ. दीपक पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष का कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से कोविड-19 के बाद के युग में रोग प्रबंधन के विकसित परिदृश्य के आलोक में हृदय संबंधी देखभाल के लिए व्यापक और लागत प्रभावी रणनीतियों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा ।
डॉ. टी.एस. महंत ने जन्मजात हृदय दोषों के सर्जिकल प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश साझा किए । पहले दिन के कार्यक्रम में ‘हृदय विफलता के लिए दिशानिर्देश-निर्देशित चिकित्सा चिकित्सा’ पर व्यापक अपडेट पर आईएमए मोहाली के अध्यक्ष डॉ. एसएस सोढ़ी द्वारा विशेषज्ञ प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला भी शामिल थी। कुरुमे विश्वविद्यालय क्यूशू, जापान में हृदय विफलता के निदेशक डॉ. टोमोको एस. काटो ने हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता चयन और प्री-ऑपरेटिव मूल्यांकन पर दिशानिर्देश साझा किए। एम्स बिलासपुर की डीन डॉ. निधि पुरी ने जन्मजात हृदय दोषों पर अपने विचार साझा किये।