चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज के जूलॉजी विभाग की ओर से सोमवार को पीएम- ऊषा योजना के तत्वावधान में ‘एपिकल्चर’ (मधुमक्खी पालन) विषय पर ट्रेनिंग कम वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम से कुल 50 छात्र लाभान्वित हुए। वर्कशॉप का उद्देश्य व्यावहारिक कौशल और अनुभव प्राप्त करना था, जिससे छात्र शहद के स्वास्थ्य लाभों और मानव जाति के लाभ तथा भविष्य के वैज्ञानिक संदर्भों के लिए मधुमक्खियों के पालन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। वर्कशॉप में रिसोर्स पर्सन के तौर पर मौजूद पंजाब यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. नीलिमा आर. कुमार ने स्टूडेंट्स को मधुमक्खी पालन के बारे में पूर्ण जानकारी दी। डॉ. नीलिमा ने मधुमक्खी पालन के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझाया तथा विभिन्न मधुमक्खी उत्पादों के औषधीय मूल्यों का वर्णन किया। ग्लोबल एपिअरीज इंडिया के डॉयरेक्टर मदन लाल शर्मा अन्य रिसोर्स पर्सन के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने मधुमक्खी पालन की प्रक्रिया के साथ-साथ हनी बी कॉलोनीज के निर्माण और व्यावसायिक स्तर पर शहद उत्पादन तथा आवश्यकताओं के बारे में बताया।


दोनों वक्ताओं ने विद्यार्थियों को कौशल के साथ-साथ उद्यमिता के लिए मधुमक्खी पालन के बारे में जागरूक किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी संस्थान को भविष्य में मधुमक्खी पालन अनुसंधान के लिए कौशल को बनाए रखने और सुधारने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिसकी बहुत गुंजाइश है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने लाइफ साइंसेज विषय में कौशल आधारित कार्यशाला के संदर्भ में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के महत्व पर बल दिया, जो कि हाल के कौशल भारत मिशन में अत्यधिक आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए ऐसी वर्कशॉप समय की मांग हैं। वर्कशॉप का समापन जूलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. इंदु मेहता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।