पंचकूला । पारस हेल्थ पंचकूला ने उत्तर भारत में चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने 77 वर्षीय मरीज में सफलतापूर्वक एवीइआईआर लीडलेस पेसमेकर का प्रत्यारोपण किया, जो कार्डियक केयर में एक क्रांतिकारी कदम है। इस अत्याधुनिक उपकरण को ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी एबॉट ने विकसित किया है। मरीज, जो पहले कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट सर्जरी करवा चुके थे, को बार-बार बेहोशी की समस्या हो रही थी। विस्तृत जांच के बाद उनमें 2:1 एवी ब्लॉक का पता चला, जो हृदय गति की अनियमितता का एक गंभीर रूप है और जिसके लिए पेसमेकर की आवश्यकता होती है। इस जटिल प्रक्रिया का नेतृत्व हॉस्पिटल के कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन डा. अनुराग शर्मा और उनकी अनुभवी टीम ने किया। डा. शर्मा ने कहा कि एवीइआईआर पेसमेकर हृदय रोगियों के लिए एक वरदान साबित होगा। यह मरीजों को पारंपरिक पेसमेकर से जुड़ी समस्याओं से बचाने के साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। लीडलेस पेसमेकर ख़ास करके बुजुर्ग मरीजों या संक्रमण से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इसमें लीड और सर्जिकल पॉकेट की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें हाथ को चलाने घुमाने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को बार-बार बेहोशी, सांस फूलने या असामान्य हृदय गति की समस्या होती है, उन्हें समय पर हृदय की जांच करानी चाहिए। 72 घंटे या 7 दिन का होल्टर टेस्ट इन समस्याओं की पहचान में मदद कर सकता है। यदि एवी ब्लॉक जैसी स्थिति पाई जाती है, तो पेसमेकर जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है। इस सफलता के साथ पारस हेल्थ, पंचकुला अत्याधुनिक कार्डियक केयर में अग्रणी बना हुआ है। यह उपलब्धि भारत में चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और हृदय रोगियों को एक बेहतर और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगी।