
चंडीगढ़। सच खोज अकैडमी ने 16 नवंबर 2025 को अपने सेमिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसका केंद्रीय विषय “विकेंद्रीकरण के माध्यम से सामाजिक न्याय के लिए ईमानदार शासन” था। इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्वानों और कानूनी विशेषज्ञों की सम्मानित उपस्थिति रही, जो पारदर्शी और नैतिक शासन को विकेंद्रीकृत ढांचों के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन मानते हैं। सेमिनार के विशिष्ट वक्ताओं में अल्लामा तारिक, सुनील मिश्रा (पूर्व विधायक, मध्य प्रदेश), फिरोज मितीबोरवाला, राजविंदर सिंह राही, हरचरण सिंह बैंस, नवनीत सिंह (महाराष्ट्र), डॉ. रणजीत सिंह घुमन, सीनियर एडवोकेट राजविंदर सिंह बैंस और प्रोफेसर रोंकी राम शामिल थे। सभी का साझा मत यह था कि ईमानदार शासन विकेंद्रीकरण और न्यायपूर्ण सामाजिक प्रगति की नींव है। सीनियर एडवोकेट राजविंदर सिंह बैंस ने अपने मुख्य भाषण में गुरमत के आध्यात्मिक सिद्धांतों, जिनका प्रचार श्री गुरु गोबिंद सिंह ने किया, पर प्रकाश डाला। उन्होंने सत्य, मानवाधिकार, एकता, शांति और न्याय के साथ इन सिद्धांतों के गहरे संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने गुरमत की गलत और विकृत व्याख्याओं से सावधान करते हुए इसके उन मौलिक सिद्धांतों को पुनः अपनाने की अपील की, जो न्याय और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं। उनके विचारों ने यह स्पष्ट किया कि ये मूल धार्मिक मूल्य ईमानदार शासन को सामाजिक न्याय की सच्ची आधारशिला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेमिनार का समापन इस दृढ़ आह्वान के साथ हुआ कि ईमानदार शासन और विकेंद्रीकरण के सिद्धांतों के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता बनाए रखी जाए, क्योंकि इन्हीं के माध्यम से समावेशी और सार्थक सामाजिक न्याय संभव है। कार्यक्रम का संचालन तरजिंदर सिंह ढिल्लों और परमिंदर सिंह (एडवोकेट) ने किया।

