Monday, December 23, 2024
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भारत विकास परिषद पूर्वी 1 और द लास्ट बेंचर्स ने चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स के साथ मनाया रक्षाबंधन

चंडीगढ़ । रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र व मजबूत रिश्ते का त्यौहार है। हर वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पूरे संसार में इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर सेक्टर 29 ए स्थित गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल में भारत विकास परिषद ईस्ट 1 और द लास्ट बेंचर्स ने चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स के साथ रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर द लास्ट बेंचर की प्रेजिडेंट सुमिता कोहली और भारत विकास परिषद ईस्ट 1 की प्रेसिडेंट नीलम गुप्ता सहित अन्य टीम भी उपस्थित रही।
द लास्ट बेंचर की प्रेजिडेंट सुमिता कोहली ने बताया कि रक्षा बंधन एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है और भारतीयों के बीच भाईचारे और प्रेम का प्रतीक है, जो रक्षा बंधन का असली महत्व है। रक्षा बंधन को सुरक्षा बंधन के रूप में परिभाषित किया गया है जो भाई-बहनों के बीच पवित्रता और बंधन को दर्शाता है। राखी का त्यौहार श्रावण महीने में पूर्णिमा के दिन होता है। यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच असाधारण रिश्ते को महत्व देने और भारतीयों के बीच भाईचारे के रिश्ते का प्रतीक है।एक बार जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया, जिससे खून बहना बंद हो गया। इस घटना के बाद, कपड़े का टुकड़ा एक पवित्र धागा बन जाता है और रक्षा बंधन के वास्तविक महत्व का प्रतीक है।
द लास्ट बेंचर्स और भाविप ईस्ट 1 ने इस दौरान चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स की कलाई पर राखी का पवित्र धागा बांधा और मिठाई से उनका मुंह मीठा करवाया। इस मौके बच्चों ने डांस, गाना और गेम्स कर सभी का मोरंजन किया। बच्चों को मिठाई और स्नैक्स डिस्ट्रीब्यूट भी किया और सभी बच्चों ने बड़े ही प्यार से एक दूसरे के साथ बांट कर खाया। स्कूल प्रधानाचार्य मंजुला खन्ना ने बताया कि हमें अपने पर्वों को पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाना चाहिए। इसी को हमने अपने स्कूल में भी रक्षाबंधन के त्योहार को मनाया। जिसमें बच्चों ने एक-दूसरे को राखी बांधी। उन्होंने बताया कि स्कूल में बच्चों को शुरू से ही इस तरह के पर्वों की जानकारी दी जा रही है। इससे बच्चों को अपने त्योहारों के बारे में जानकारी मिलती है और इस तरह के त्योहारों को लेकर जो स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है।

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