चंडीगढ़ । एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, भारतीय हर हफ्ते औसतन 10 घंटे 42 मिनट पढ़ने में बिताते हैं। यानी पढ़ने के समय के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। लेकिन इसके बावजूद खासकर स्कूली बच्चों में पढ़ी हुई चीज़ों को समझने और गहराई और इससे जुड़ने की क्षमता में अब भी काफी कमी देखी जा रही है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुकांत दास ने कहा कि एनसीएफ 2023 ने पढ़ने को एक बुनियादी योग्यता माना है, जो बाकी सभी विषयों की नींव बनती है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस में हमारा मानना है कि पढ़ना न सिर्फ एक ज़रूरी क्षमता है, बल्कि यह बच्चों में जिज्ञासा, सहानुभूति और स्वतंत्र सोच को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने आगे कहा कि ऑक्सफोर्ड बिग रीड चैलेंज न सिर्फ बच्चों की रचनात्मकता का उत्सव है, बल्कि एक जागरूक और विचारशील पीढ़ी को तैयार करने की दिशा में भी अहम कदम है। यह भारत की सबसे बड़ी रीडिंग प्रतियोगिताओं में से एक है, जो बच्चों को किताबों की दुनिया में झांकने, अपने विचारों को खुलकर रखने और अपनी मौलिक सोच के लिए वैश्विक पहचान पाने का अवसर देती है। हमें गर्व है कि इस सातवें संस्करण की मेजबानी भारत कर रहा है। यह पहल यकीनन आने वाले कल के पाठकों और विचारकों को आकार देने में मददगार होगी। स्कूल के बच्चों में पढ़ने की रुचि बढ़ाने और साक्षरता को मजबूती देने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने इस साल फिर से ऑक्सफोर्ड बिग रीड ग्लोबल चैलेंज की शुरुआत की है। इस प्रतियोगिता का यह सातवां संस्करण है, और इसके तहत देशभर के स्कूलों को आमंत्रित किया गया है कि वे अपने प्राइमरी, मिडिल और सेकेंडरी स्तर के छात्रों को इस अंतरराष्ट्रीय रीडिंग कॉम्पिटिशन में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।